प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है। पीएम ने अपनी टीम में कुल 43 नए मंत्रियों को जगह दी है। नए बने सभी मंत्रियों को 15 अगस्त तक दिल्ली में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सभी मंत्रियों से कोरोना महामारी को देखते हुए अपने क्षेत्रों में जश्न नहीं मनाने के लिए भी कहा गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शीर्ष नेतृत्व ने सभी मंत्रियों से कहा है कि वह दिल्ली में रहकर अपने-अपने मंत्रालय के कार्यों को समझें और आगे की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करें। इसके अलावा मानसून सत्र के दौरान संसद में ही मंत्रालय से जुड़े कार्य करें और सांसदों से मुलाकात के लिए निश्चित समय निर्धारित करें। संसद में अपनी रोस्टर ड्यूटी के समय सदन में अवश्य उपस्थित रहें। मंत्रालयों के काम में तेजी और परफॉर्मेंस के लिए क्या किया जा सकता है, इस पर सभी से फोकस करने के लिए भी कहा गया है।
वहीं, विस्तार और फेरबदल के बाद बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। मंत्रिमंडल शपथ के बाद सभी मंत्रियों ने गुरुवार सुबह ही अपने मंत्रालयों में जाकर अपने कामकाज को संभाल लिया है। इसके बाद भाजपा के सभी मंत्रियों ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की। शाम पांच बजे मोदी सरकार की नई कैबिनेट की बैठक भी हुई। विस्तार के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक थी। माना जा रहा है कि बैठक में कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
गौरतलब है कि बुधवार को मंत्रिमंडल विस्तार में 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली। असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, मध्यप्रदेश के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और लोजपा नेता पशुपति पारस को मंत्री बनाया गया है। वहीं, शपथ ग्रहण समारोह से पहले डॉ. हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद समेत कई नेताओं ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने के बाद ये पहला कैबिनेट विस्तार था।
विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है। पीएम ने अपनी टीम में कुल 43 नए मंत्रियों को जगह दी है। नए बने सभी मंत्रियों को 15 अगस्त तक दिल्ली में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सभी मंत्रियों से कोरोना महामारी को देखते हुए अपने क्षेत्रों में जश्न नहीं मनाने के लिए भी कहा गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शीर्ष नेतृत्व ने सभी मंत्रियों से कहा है कि वह दिल्ली में रहकर अपने-अपने मंत्रालय के कार्यों को समझें और आगे की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करें। इसके अलावा मानसून सत्र के दौरान संसद में ही मंत्रालय से जुड़े कार्य करें और सांसदों से मुलाकात के लिए निश्चित समय निर्धारित करें। संसद में अपनी रोस्टर ड्यूटी के समय सदन में अवश्य उपस्थित रहें। मंत्रालयों के काम में तेजी और परफॉर्मेंस के लिए क्या किया जा सकता है, इस पर सभी से फोकस करने के लिए भी कहा गया है।
वहीं, विस्तार और फेरबदल के बाद बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। मंत्रिमंडल शपथ के बाद सभी मंत्रियों ने गुरुवार सुबह ही अपने मंत्रालयों में जाकर अपने कामकाज को संभाल लिया है। इसके बाद भाजपा के सभी मंत्रियों ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की। शाम पांच बजे मोदी सरकार की नई कैबिनेट की बैठक भी हुई। विस्तार के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक थी। माना जा रहा है कि बैठक में कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं।
गौरतलब है कि बुधवार को मंत्रिमंडल विस्तार में 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली। असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, मध्यप्रदेश के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और लोजपा नेता पशुपति पारस को मंत्री बनाया गया है। वहीं, शपथ ग्रहण समारोह से पहले डॉ. हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद समेत कई नेताओं ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने के बाद ये पहला कैबिनेट विस्तार था।