न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पालघर
Published by: Sneha Baluni
Updated Wed, 29 Apr 2020 02:31 PM IST
महाराष्ट्र के पालघर में भीड़ द्वारा साधुओं की पीट-पीटकर हत्या के मामले में पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सहित दो हेड कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया है। मामले में दो पुलिसवालों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। इसके अलावा कासा पुलिस थाने के 35 पुलिसकर्मियों का तबादला किया गया है। यह जानकारी पालघर पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ने दी।
दो पुलिसकर्मी निलंबित
पालघर के एसपी गौरव सिंह ने बताया था कि पालघर की घटना को लेकर कासा पुलिस थाने के दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। यहां गांववालों ने चोर समझकर तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। गांववालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और 110 को गिरफ्तार किया गया है।
110 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों और 110 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जिनमें से 101 को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है और नौ नाबालिगों को एक किशोर आश्रय गृह में भेज दिया गया है।
एनएचआरसी ने महाराष्ट्र डीजीपी को भेजा था नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने 21 अप्रैल को महाराष्ट्र पुलिस के डीजीपी को पालघर भीड़ हिंसा की घटना को लेकर नोटिस भेजा था। एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र डीजीपी से चार सप्ताह में एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है, जिसमें दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी और मृतक के परिजनों को दी गई राहत भी शामिल है। बयान में कहा गया है कि घटना के संबंध में एक शिकायत के आधार पर, महाराष्ट्र पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को 16 अप्रैल को पालघर जिले में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में तीन लोगों की भीड़ हिंसा पर एक नोटिस जारी किया गया है। आयोग का मानना है कि घटना स्पष्ट रूप से लोक सेवकों की लापरवाही का संकेत है।
महाराष्ट्र के पालघर में भीड़ द्वारा साधुओं की पीट-पीटकर हत्या के मामले में पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सहित दो हेड कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया है। मामले में दो पुलिसवालों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। इसके अलावा कासा पुलिस थाने के 35 पुलिसकर्मियों का तबादला किया गया है। यह जानकारी पालघर पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ने दी।
दो पुलिसकर्मी निलंबित
पालघर के एसपी गौरव सिंह ने बताया था कि पालघर की घटना को लेकर कासा पुलिस थाने के दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। यहां गांववालों ने चोर समझकर तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। गांववालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और 110 को गिरफ्तार किया गया है।
110 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों और 110 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जिनमें से 101 को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है और नौ नाबालिगों को एक किशोर आश्रय गृह में भेज दिया गया है।
एनएचआरसी ने महाराष्ट्र डीजीपी को भेजा था नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने 21 अप्रैल को महाराष्ट्र पुलिस के डीजीपी को पालघर भीड़ हिंसा की घटना को लेकर नोटिस भेजा था। एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र डीजीपी से चार सप्ताह में एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है, जिसमें दोषियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी और मृतक के परिजनों को दी गई राहत भी शामिल है। बयान में कहा गया है कि घटना के संबंध में एक शिकायत के आधार पर, महाराष्ट्र पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को 16 अप्रैल को पालघर जिले में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में तीन लोगों की भीड़ हिंसा पर एक नोटिस जारी किया गया है। आयोग का मानना है कि घटना स्पष्ट रूप से लोक सेवकों की लापरवाही का संकेत है।