प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी से मुलाकात की। मुलाकात का जानकारी प्रधानमंत्री ने ट्वीट के जरिए दी। उन्होंने लिखा, 'अभिजीत बनर्जी के साथ उत्तम बैठक हुई। मानव सशक्तीकरण के प्रति उनका जुनून साफ दिखाई देता है। हमने कई मुद्दों पर स्वस्थ और व्यापक बातचीत की। भारत को उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। उन्हें भविष्य की कोशिशों के लिए शुभकामनाएं।'
प्रधानमंत्री के साथ बैठक को बनर्जी ने अनोखा अनुभव बताया और उन्हें समय देने के लिए धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने भारत के बारे में सोचने के अपने तरीके के बारे में बहुत सारी बातें कीं जो काफी अनोखी थीं। उन्होंने उस तरीके के बारे में बात की जिसमें वे शासन को विशेष रूप से देखते हैं और कभी-कभी जमीन पर लोगों का अविश्वास शासन को बेरंग कर देता है। यह शासन प्रक्रिया पर कुलीन नियंत्रण की संरचना बनाता है। सरकार किस तरह से नौकरशाही में सुधार लाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए लोगों के विचारों को ध्यान में रखा जाएगा।'
पत्रकारों के बातचीत के दौरान उन्होंने कहा- पीएम मोदी ने इस मजाक के साथ अपनी बात शुरू की कि मीडिया अब मुझे एंटी मोदी जाल में फंसाने की कोशिश करेगा। वह टीवी देख रहे हैं, वह आपको देख रहे हैं, वह देख रहे हैं कि आप क्या कर रहे हैं।
बनर्जी को उनकी पत्नी डफ्लो और क्रेमर को इस साल संयुक्त रूप से अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें गरीबी उन्मूलन से संबंधित कार्य करने की वजह से नोबेल मिला है। बनर्जी ने ऐसे समय पर प्रधानमंत्री से मुलाकात की है जब हाल ही में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें लेकर बयान दिया था कि वह वामपंथ से प्रेरित हैं। उन्होंने न्याय (कांग्रेस की योजना) के गुणगान गाए थे। भारत की जनता ने उनकी सोच को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
इसपर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को टिप्पणी करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह लोग नफरत में अंधे हो चुके हैं और उन्हें नहीं पता कि व्यावसायिकता क्या होती है। इससे पहले शनिवार को बनर्जी ने कहा था कि वाणिज्य मंत्री मेरी व्यावसायिकता पर सवाल उठा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी से मुलाकात की। मुलाकात का जानकारी प्रधानमंत्री ने ट्वीट के जरिए दी। उन्होंने लिखा, 'अभिजीत बनर्जी के साथ उत्तम बैठक हुई। मानव सशक्तीकरण के प्रति उनका जुनून साफ दिखाई देता है। हमने कई मुद्दों पर स्वस्थ और व्यापक बातचीत की। भारत को उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। उन्हें भविष्य की कोशिशों के लिए शुभकामनाएं।'
प्रधानमंत्री के साथ बैठक को बनर्जी ने अनोखा अनुभव बताया और उन्हें समय देने के लिए धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने भारत के बारे में सोचने के अपने तरीके के बारे में बहुत सारी बातें कीं जो काफी अनोखी थीं। उन्होंने उस तरीके के बारे में बात की जिसमें वे शासन को विशेष रूप से देखते हैं और कभी-कभी जमीन पर लोगों का अविश्वास शासन को बेरंग कर देता है। यह शासन प्रक्रिया पर कुलीन नियंत्रण की संरचना बनाता है। सरकार किस तरह से नौकरशाही में सुधार लाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए लोगों के विचारों को ध्यान में रखा जाएगा।'
पत्रकारों के बातचीत के दौरान उन्होंने कहा- पीएम मोदी ने इस मजाक के साथ अपनी बात शुरू की कि मीडिया अब मुझे एंटी मोदी जाल में फंसाने की कोशिश करेगा। वह टीवी देख रहे हैं, वह आपको देख रहे हैं, वह देख रहे हैं कि आप क्या कर रहे हैं।
बनर्जी को उनकी पत्नी डफ्लो और क्रेमर को इस साल संयुक्त रूप से अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें गरीबी उन्मूलन से संबंधित कार्य करने की वजह से नोबेल मिला है। बनर्जी ने ऐसे समय पर प्रधानमंत्री से मुलाकात की है जब हाल ही में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन्हें लेकर बयान दिया था कि वह वामपंथ से प्रेरित हैं। उन्होंने न्याय (कांग्रेस की योजना) के गुणगान गाए थे। भारत की जनता ने उनकी सोच को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
इसपर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को टिप्पणी करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह लोग नफरत में अंधे हो चुके हैं और उन्हें नहीं पता कि व्यावसायिकता क्या होती है। इससे पहले शनिवार को बनर्जी ने कहा था कि वाणिज्य मंत्री मेरी व्यावसायिकता पर सवाल उठा रहे हैं।