प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो संदेश के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ये लॉकडाउन का समय जरूर है लेकिन इस समय कोई भी अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का संबल है। उन्होंने 22 मार्च के जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए देशवासियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह सभी देशों के लिए मिसाल बन गया है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, 'साथियों, आज जब देश के करोड़ों लोग घरों में हैं, तब किसी को भी लग सकता है कि वो अकेला क्या करेगा। कुछ लोग ये भी सोच रहे होंगे कि इतनी बड़ी लड़ाई को, वो अकेले कैसे लड़ पाएंगे। ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने-अपने घरों में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का संबल है।'
उन्होंने जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए देशलवासियों का धन्यवाद किया। प्रधानमंत्री ने कहा, 'आपने जिस प्रकार, 22 मार्च रविवार के दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया, वो भी आज सभी देशों के लिए एक मिसाल बन गया है। आज कई देश इसको दोहरा रहे हैं।'
कोरोना को प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है
प्रधानमंत्री ने कहा, 'रविवार पांच अप्रैल को कोरोना के संकट को चुनौती देनी है। उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस पांच अप्रैल को 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण कराना है। पांच अप्रैल रविवार को मैं रविवार रात को नौ बजे आप सभी के नौ मिनट चाहता हूं। घर की बालकनी में खड़े होकर मोमबत्ती, टॉर्च, दीया या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाएं। उस दिन घर की सभी लाइट बंद कर दें। चारों तरफ हर व्यक्ति जब एक-एक दिया जलाएगा तो प्रकाश की उस महाशक्ति का अहसास होगा, जिसमें यह उजागर होगा कि हम एक ही मकसद से एकजुट होकर लड़ रहे हैं। उस उजाले में हम संकल्प करें कि हम अकेला नहीं हैं'
सामाजिक दूरी बनाए रखने का आग्रह
हालांकि इस दौरान उन्होंने सामाजिक दूरी बनाए रखने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा, 'साथियों, मेरी एक और प्रार्थना है, कि इस आयोजन के समय किसी को भी,कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाजे, बालकनी से ही इसे करना है। सामाजिक दूरी की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है। सामाजिक दूरी को किसी भी हालत में तोड़ना नहीं है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो संदेश के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ये लॉकडाउन का समय जरूर है लेकिन इस समय कोई भी अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का संबल है। उन्होंने 22 मार्च के जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए देशवासियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह सभी देशों के लिए मिसाल बन गया है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, 'साथियों, आज जब देश के करोड़ों लोग घरों में हैं, तब किसी को भी लग सकता है कि वो अकेला क्या करेगा। कुछ लोग ये भी सोच रहे होंगे कि इतनी बड़ी लड़ाई को, वो अकेले कैसे लड़ पाएंगे। ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने-अपने घरों में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का संबल है।'
उन्होंने जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए देशलवासियों का धन्यवाद किया। प्रधानमंत्री ने कहा, 'आपने जिस प्रकार, 22 मार्च रविवार के दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया, वो भी आज सभी देशों के लिए एक मिसाल बन गया है। आज कई देश इसको दोहरा रहे हैं।'
कोरोना को प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है
प्रधानमंत्री ने कहा, 'रविवार पांच अप्रैल को कोरोना के संकट को चुनौती देनी है। उसे प्रकाश की ताकत का परिचय कराना है। इस पांच अप्रैल को 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण कराना है। पांच अप्रैल रविवार को मैं रविवार रात को नौ बजे आप सभी के नौ मिनट चाहता हूं। घर की बालकनी में खड़े होकर मोमबत्ती, टॉर्च, दीया या मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाएं। उस दिन घर की सभी लाइट बंद कर दें। चारों तरफ हर व्यक्ति जब एक-एक दिया जलाएगा तो प्रकाश की उस महाशक्ति का अहसास होगा, जिसमें यह उजागर होगा कि हम एक ही मकसद से एकजुट होकर लड़ रहे हैं। उस उजाले में हम संकल्प करें कि हम अकेला नहीं हैं'
सामाजिक दूरी बनाए रखने का आग्रह
हालांकि इस दौरान उन्होंने सामाजिक दूरी बनाए रखने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा, 'साथियों, मेरी एक और प्रार्थना है, कि इस आयोजन के समय किसी को भी,कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है। रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाजे, बालकनी से ही इसे करना है। सामाजिक दूरी की लक्ष्मण रेखा को कभी भी लांघना नहीं है। सामाजिक दूरी को किसी भी हालत में तोड़ना नहीं है।'