देश में जारी कोरोना के कहर को देखते हुए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें कोविड-19 की वर्तमान स्थिति और टीकाकरण अभियान को लेकर चर्चा की गई। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ विभिन्न मंत्रालय के मंत्री और अधिकारी भी शामिल हुए।
घर-घर जाकर टेस्ट करने के दिए निर्देश
बैठक में पीएम मोदी ने गांवों में घर-घर जाकर सर्वे और टेस्ट कराने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने आशा और आंगनबाड़ी कर्मियों को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सभी आवश्यक संसाधनों से लैस करने और ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में ऑक्सीजन की आपूर्ति का उचित वितरण सुनिश्चित करना जरूरी है।
वेंटिलेटर के इस्तेमाल ना होने पर जताई चिंता
पीएम मोदी ने कुछ राज्यों में वेंटिलेटर का इस्तेमाल ना होने की खबरों को गंभीरत से लिया और उस पर नाराजगी जताई। पीएम मोदी ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार की ओर से दिए गए वेंटिलेटर की स्थापना और संचालन का तत्काल ऑडिट किया जाना चाहिए। वहीं पीएम मोदी ने कहा कि अगर जरूरी हो तो स्वास्थ्य कर्मियों को वेंटिलेटर के संचालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
बैठक में प्रधानमंत्री को देश में कोरोना की ताजा स्थिति से अवगत कराया गया और उन्हें यह भी बताया गया कि अभी प्रत्येक सप्ताह 1.3 करोड़ लोगों की जांच हो रही है जबकि पिछले साल मार्च में प्रत्येक सप्ताह जांच का आंकड़ा 50 लाख था। बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री को बताया कि लोगों के ठीक होने की दर के साथ ही संक्रमण दर में भी कमी दर्ज की गई है।
कोविड-19 जांच बढ़ाने पर जोर दिया
इसके अलावा बैठक में अधिकारियों की ओर से राज्य और जिला स्तर की स्थिति, परीक्षण, ऑक्सीजन की उपलब्धता, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे, टीकाकरण रोडमैप पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया है कि ज्यादा संक्रमण दर वाले इलाके में कोविड-19 की जांच बढ़ाए जाने की जरूरत है।
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिए कि ग्रामीण इलाकों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक वितरण योजना तैयार की जाए। इसमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का प्रावधान शामिल हो। इसके अलावा भविष्य में वैक्सीन की उपलब्धता के रोडमैप पर भी चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों को टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जिन राज्यों के जिन जिलों में संक्रमण के मामले अधिक हैं, वहां स्थानीय निषिद्ध क्षेत्र रणनीति समय की मांग है।’ उन्होंने ऐसे क्षेत्रों में आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन जांच तेज करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही आंकड़े अधिक आएं लेकिन राज्यों को बगैर किसी दबाव के पारदर्शिता से आंकड़े जारी करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
ग्रामीण इलाकों में सरल भाषा में उपलब्ध कराएं इलाज संबंधी दिशानिर्देश
उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी संसाधनों को बढ़ाने पर जोर दिया ताकि घर-घर जाकर जांच की जा सके और निगरानी रखी जा सके। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में घरों में पृथकवास की स्थिति में उपचार संबंधी दिशानिर्देशों को आसान भाषा में उपलब्ध कराने के लिए भी कहा। मोदी ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई वैज्ञानिक और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है, जो आगे भी जारी रहेगी।
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देश में जारी कोरोना के कहर को देखते हुए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें कोविड-19 की वर्तमान स्थिति और टीकाकरण अभियान को लेकर चर्चा की गई। इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ विभिन्न मंत्रालय के मंत्री और अधिकारी भी शामिल हुए।
घर-घर जाकर टेस्ट करने के दिए निर्देश
बैठक में पीएम मोदी ने गांवों में घर-घर जाकर सर्वे और टेस्ट कराने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने आशा और आंगनबाड़ी कर्मियों को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सभी आवश्यक संसाधनों से लैस करने और ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में ऑक्सीजन की आपूर्ति का उचित वितरण सुनिश्चित करना जरूरी है।
वेंटिलेटर के इस्तेमाल ना होने पर जताई चिंता
पीएम मोदी ने कुछ राज्यों में वेंटिलेटर का इस्तेमाल ना होने की खबरों को गंभीरत से लिया और उस पर नाराजगी जताई। पीएम मोदी ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार की ओर से दिए गए वेंटिलेटर की स्थापना और संचालन का तत्काल ऑडिट किया जाना चाहिए। वहीं पीएम मोदी ने कहा कि अगर जरूरी हो तो स्वास्थ्य कर्मियों को वेंटिलेटर के संचालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
बैठक में प्रधानमंत्री को देश में कोरोना की ताजा स्थिति से अवगत कराया गया और उन्हें यह भी बताया गया कि अभी प्रत्येक सप्ताह 1.3 करोड़ लोगों की जांच हो रही है जबकि पिछले साल मार्च में प्रत्येक सप्ताह जांच का आंकड़ा 50 लाख था। बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री को बताया कि लोगों के ठीक होने की दर के साथ ही संक्रमण दर में भी कमी दर्ज की गई है।
कोविड-19 जांच बढ़ाने पर जोर दिया
इसके अलावा बैठक में अधिकारियों की ओर से राज्य और जिला स्तर की स्थिति, परीक्षण, ऑक्सीजन की उपलब्धता, स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे, टीकाकरण रोडमैप पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया है कि ज्यादा संक्रमण दर वाले इलाके में कोविड-19 की जांच बढ़ाए जाने की जरूरत है।
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश दिए कि ग्रामीण इलाकों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक वितरण योजना तैयार की जाए। इसमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का प्रावधान शामिल हो। इसके अलावा भविष्य में वैक्सीन की उपलब्धता के रोडमैप पर भी चर्चा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों को टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करने के निर्देश दिए।