कोरोना वैक्सीन लें या ना लें, ये सवाल आज भी कई लोगों के मन में चलता है और इसी सवाल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सारी शंकाएं दूर कर दी हैं। आज अपने मन की बात के रेडिया कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने खुद कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराकें ले ली हैं।
इसके अलावा पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में अपनी माता हीराबेन मोदी का भी जिक्र किया और कहा कि मेरी मां 100 साल की हैं और उन्होंने भी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले ली हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देशवासियों को आगाह किया कि वे यह समझने की भूल ना करें कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी खत्म हो गई है।
बता दें कि अपने कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी कोरोना वैक्सीन को लेकर कई लोगों से बात की। मध्यप्रदेश के भीमपुर के निवासी राजेश हिरावे ने पीएम मोदी को बताया कि उन्होंने अभी भी कोरोना का टीका नहीं लिया है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे इसका कारण पूछा तो उन्होंने जबाव दिया कि कई लोग वैक्सीन से डरे हुए हैं, क्योंकि इसे लेकर कई अफवाहें फैली हुई हैं।
इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपको इस तरह के भ्रमों को अपने मन से बाहर निकाल देना चाहिए। इसके अलावा पीएम मोदी ने बताया कि देश में अबतक 31 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना का टीका लगा चुके हैं। इसके आगे पीएम मोदी ने कहा कि आपको पता है ना कि मैंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हैं और मेरी माता करीब 100 साल की हैं और उन्होंने भी दोनों खुराकें ले ली हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि जैसे ही आपका नंबर आए, वैक्सीन लगवाएं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने सालभर, रात दिन एक एक करके वैक्सीन बनाई है, इस पर भरोसा करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई जारी है और इस जंग में देश आए दिन कई असाधारण मुकाम भी हासिल कर रहा है। उन्होंने इस कड़ी में टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के पहले दिन 21 जून को 86 लाख से ज्यादा लोगों को मुफ्त टीका लगाए जाने का जिक्र किया।
मोदी ने कहा कि टीका नहीं लेना बहुत खतरनाक हो सकता है और इससे ना सिर्फ एक व्यक्ति अपनी जान को खतरे में डालता है, बल्कि अपने परिवार और गांव को भी खतरे में डालता है। उन्होंने कहा कि देश के कई ऐसे गांव हैं जहां शत प्रतिशत टीकाकरण हो चुका है या फिर इसके करीब है। प्रधानमंत्री ने इस सिलसिले में कश्मीर के बांदीपोरा जिले और नगालैंड के तीन गांवों का उदाहरण दिया।
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कोरोना वैक्सीन लें या ना लें, ये सवाल आज भी कई लोगों के मन में चलता है और इसी सवाल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सारी शंकाएं दूर कर दी हैं। आज अपने मन की बात के रेडिया कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने खुद कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराकें ले ली हैं।
इसके अलावा पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में अपनी माता हीराबेन मोदी का भी जिक्र किया और कहा कि मेरी मां 100 साल की हैं और उन्होंने भी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले ली हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देशवासियों को आगाह किया कि वे यह समझने की भूल ना करें कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी खत्म हो गई है।
बता दें कि अपने कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी कोरोना वैक्सीन को लेकर कई लोगों से बात की। मध्यप्रदेश के भीमपुर के निवासी राजेश हिरावे ने पीएम मोदी को बताया कि उन्होंने अभी भी कोरोना का टीका नहीं लिया है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे इसका कारण पूछा तो उन्होंने जबाव दिया कि कई लोग वैक्सीन से डरे हुए हैं, क्योंकि इसे लेकर कई अफवाहें फैली हुई हैं।
इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपको इस तरह के भ्रमों को अपने मन से बाहर निकाल देना चाहिए। इसके अलावा पीएम मोदी ने बताया कि देश में अबतक 31 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना का टीका लगा चुके हैं। इसके आगे पीएम मोदी ने कहा कि आपको पता है ना कि मैंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हैं और मेरी माता करीब 100 साल की हैं और उन्होंने भी दोनों खुराकें ले ली हैं।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि जैसे ही आपका नंबर आए, वैक्सीन लगवाएं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने सालभर, रात दिन एक एक करके वैक्सीन बनाई है, इस पर भरोसा करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई जारी है और इस जंग में देश आए दिन कई असाधारण मुकाम भी हासिल कर रहा है। उन्होंने इस कड़ी में टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के पहले दिन 21 जून को 86 लाख से ज्यादा लोगों को मुफ्त टीका लगाए जाने का जिक्र किया।
मोदी ने कहा कि टीका नहीं लेना बहुत खतरनाक हो सकता है और इससे ना सिर्फ एक व्यक्ति अपनी जान को खतरे में डालता है, बल्कि अपने परिवार और गांव को भी खतरे में डालता है। उन्होंने कहा कि देश के कई ऐसे गांव हैं जहां शत प्रतिशत टीकाकरण हो चुका है या फिर इसके करीब है। प्रधानमंत्री ने इस सिलसिले में कश्मीर के बांदीपोरा जिले और नगालैंड के तीन गांवों का उदाहरण दिया।