न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: Amit Mandal
Updated Thu, 20 Jan 2022 09:28 PM IST
पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है। इसमें उनके द्वारा दिए गए वचन के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
मलिक पर लगाया परिवार पर टिप्पणी करने का आरोप
बुधवार को दायर अपनी अवमानना याचिका में ज्ञानदेव वानखेड़े ने आरोप लगाया है कि राकांपा नेता ने आईआरएस अधिकारी के परिवार के खिलाफ कोई मानहानिकारक टिप्पणी नहीं करने या पोस्ट नहीं करने के पिछले साल दिसंबर में हाई कोर्ट को दिए गए अपने वचन का जानबूझकर उल्लंघन किया है।
ज्ञानदेव वानखेड़े ने पिछले साल हाई कोर्ट में एक मुकदमा दायर कर मलिक को ऐसी कोई सार्वजनिक टिप्पणी या सोशल मीडिया पोस्ट करने से रोकने की मांग की थी जो उनके, उनके बेटे समीर वानखेड़े या उनके परिवार के लिए अपमानजनक हो। मुकदमे पर पिछली सुनवाई के दौरान मलिक ने अदालत में अगली सुनवाई तक वानखेड़े के खिलाफ इस तरह का कोई बयान नहीं देने के लिए हाई कोर्ट के समक्ष वचन दिया था।
अपनी अवमानना याचिका में ज्ञानदेव वानखेड़े ने दावा किया है कि मलिक ने हाल ही में इस साल 2 और 3 जनवरी को अपने वचन का उल्लंघन किया और आपत्तिजनक टिप्पणी की। अवमानना याचिका पर सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने अभी कोई तारीख तय नहीं की है। पिछले साल मलिक ने समीर वानखेड़े के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों से लेकर सरकारी नौकरी पाने तक और अपने धर्म के बारे में झूठ बोलने से लेकर ड्रग छापेमारी करने तक कई आरोप लगाए थे। हालांकि, आईआरएस अधिकारी ने सभी आरोपों से इनकार किया था।
विस्तार
पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के पिता ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है। इसमें उनके द्वारा दिए गए वचन के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
मलिक पर लगाया परिवार पर टिप्पणी करने का आरोप
बुधवार को दायर अपनी अवमानना याचिका में ज्ञानदेव वानखेड़े ने आरोप लगाया है कि राकांपा नेता ने आईआरएस अधिकारी के परिवार के खिलाफ कोई मानहानिकारक टिप्पणी नहीं करने या पोस्ट नहीं करने के पिछले साल दिसंबर में हाई कोर्ट को दिए गए अपने वचन का जानबूझकर उल्लंघन किया है।
ज्ञानदेव वानखेड़े ने पिछले साल हाई कोर्ट में एक मुकदमा दायर कर मलिक को ऐसी कोई सार्वजनिक टिप्पणी या सोशल मीडिया पोस्ट करने से रोकने की मांग की थी जो उनके, उनके बेटे समीर वानखेड़े या उनके परिवार के लिए अपमानजनक हो। मुकदमे पर पिछली सुनवाई के दौरान मलिक ने अदालत में अगली सुनवाई तक वानखेड़े के खिलाफ इस तरह का कोई बयान नहीं देने के लिए हाई कोर्ट के समक्ष वचन दिया था।
अपनी अवमानना याचिका में ज्ञानदेव वानखेड़े ने दावा किया है कि मलिक ने हाल ही में इस साल 2 और 3 जनवरी को अपने वचन का उल्लंघन किया और आपत्तिजनक टिप्पणी की। अवमानना याचिका पर सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने अभी कोई तारीख तय नहीं की है। पिछले साल मलिक ने समीर वानखेड़े के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों से लेकर सरकारी नौकरी पाने तक और अपने धर्म के बारे में झूठ बोलने से लेकर ड्रग छापेमारी करने तक कई आरोप लगाए थे। हालांकि, आईआरएस अधिकारी ने सभी आरोपों से इनकार किया था।