न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Tue, 10 Aug 2021 08:55 PM IST
पश्चिम बंगाल में भाजपा ने दलीय नेता (एलओपी) सुवेंदु अधिकारी ने विभिन्न संगठनों के नेताओं और प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने 'खेला होबे दिवस' की तारीख बदलवाने की मांग की। इस दौरान सुवेंदु अधिकारी के साथ मेचेदा शहर में स्थित जगन्नाथ मंदिर के ट्रस्टियों के चेयरमैन व कई अन्य संगठनों के प्रतिनिधि यहां मौजूद रहे।
बता दें कि राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने 16 अगस्त को 'खेला होबे दिवस' मनाने का एलान किया है। कई हिंदू संगठनों ने इस तारीख पर आपत्ति जताई है। उल्लेखनीय है कि यह आपत्ति इसलिए व्यक्ति की जा रही है क्योंकि साल 1946 में मुस्लिम लीग ने इसी तारीख को सीधी कार्रवाई का दिन घोषित किया था। इसके चलते बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी और खूब खून-खराबा हुआ था।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद अधिकारी ने एक ट्वीट में ममता बनर्जी सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, '16 अगस्त बंगाल के इतिहास पर एक धब्बा है। यह दिन भयावह रूप से 'डायरेक्ट एक्शन डे' (सीधी कार्रवाई का दिन) या 'ग्रेट कलकत्ता किलिंग्स के रूप में याद किया जाता है। कितनी ही लाशें कुत्तों व गिद्धों के खाने के लिए कई दिनों तक सड़कों पर पड़ी रही थीं।'
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पश्चिम बंगाल में भाजपा ने दलीय नेता (एलओपी) सुवेंदु अधिकारी ने विभिन्न संगठनों के नेताओं और प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने 'खेला होबे दिवस' की तारीख बदलवाने की मांग की। इस दौरान सुवेंदु अधिकारी के साथ मेचेदा शहर में स्थित जगन्नाथ मंदिर के ट्रस्टियों के चेयरमैन व कई अन्य संगठनों के प्रतिनिधि यहां मौजूद रहे।
बता दें कि राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने 16 अगस्त को 'खेला होबे दिवस' मनाने का एलान किया है। कई हिंदू संगठनों ने इस तारीख पर आपत्ति जताई है। उल्लेखनीय है कि यह आपत्ति इसलिए व्यक्ति की जा रही है क्योंकि साल 1946 में मुस्लिम लीग ने इसी तारीख को सीधी कार्रवाई का दिन घोषित किया था। इसके चलते बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी और खूब खून-खराबा हुआ था।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद अधिकारी ने एक ट्वीट में ममता बनर्जी सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, '16 अगस्त बंगाल के इतिहास पर एक धब्बा है। यह दिन भयावह रूप से 'डायरेक्ट एक्शन डे' (सीधी कार्रवाई का दिन) या 'ग्रेट कलकत्ता किलिंग्स के रूप में याद किया जाता है। कितनी ही लाशें कुत्तों व गिद्धों के खाने के लिए कई दिनों तक सड़कों पर पड़ी रही थीं।'