न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्रशांत कुमार झा
Updated Sat, 28 Aug 2021 08:18 AM IST
कपड़ा क्षेत्र को गति देने के लिए मंत्रालय ने अहम फैसला लिया है। कपड़ा मंत्रालय ने उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन या पीएलआई योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय के वरिष्ठ सूत्रों ने कहा कि इस प्रस्ताव पर शुक्रवार को मुहर लगी है और इसे जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जा सकता है। सरकार ने सुस्त पड़े टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने या पुनर्जीवित करने के लिए जुलाई में 10,680 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की थी। सरकार इन पैसों से परिधान को बढ़ावा देने, रोजगार और निर्यात क्षमता को मजबूत करने का लक्ष्य रखा है।
ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड में निवेश की संभावना
उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का मुख्य फोकस मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) के तहत 40 प्रोडक्ट श्रेणियों और तकनीकी वस्त्रों के तहत 10 उत्पाद श्रेणियों पर होगा। पीएलआई योजना के लागू होने से ग्रीनफील्ड (नई कंपनियां स्थापित की जा रही हैं) और ब्राउनफील्ड (कंपनियां जो पहले से ही परिचालन में हैं) में निवेश को प्रोत्साहन मिलने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि पीएलआई योजना को फोकस प्रोडक्ट इंसेंटिव स्कीम (एफपीआईएस) के जरिए मानव निर्मित फाइबर और टेक्निकल टेक्सटाइल सेक्टर में पांच साल के लिए निर्धारित इंक्रीमेंटल टर्नओवर पर 3 फीसदी से 15 फीसदी तक प्रोत्साहन देकर वैश्विकस्तर पर ले जाने का मकसद है।
कपड़ा और परिधान क्षेत्र के लिए पैकेज
दरअसल, कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार जब से सत्ता में आई तब से आगे बढ़ाने में जुटी है। सरकार ने इस क्षेत्र के लिए जून 2016 में विशेष पैकेज का एलान किया था, जिसके तहत 6,000 करोड़ रुपये दिए गए थे। इन पैसों से परिधान और मेड अप सेगमेंट में रोजगार और निर्यात क्षमता को बढ़ावा दिया गया था।
कपड़ा उद्योग से जुड़े हैं करीब 6 करोड़ लोग
गौरतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में टेक्सटाइल इंडस्ट्री का बड़ा योगदान है। कृषि के बाद कपड़ा उद्योग या उत्पादन से बड़ी संख्या में लोग जुड़े हुए हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो प्रत्यक्ष रूप से 4.5 करोड़ और अप्रत्यक्ष रूप से 6 करोड़ लोग इस इंडस्ट्री में काम करते हैं।
विस्तार
कपड़ा क्षेत्र को गति देने के लिए मंत्रालय ने अहम फैसला लिया है। कपड़ा मंत्रालय ने उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन या पीएलआई योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय के वरिष्ठ सूत्रों ने कहा कि इस प्रस्ताव पर शुक्रवार को मुहर लगी है और इसे जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जा सकता है। सरकार ने सुस्त पड़े टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने या पुनर्जीवित करने के लिए जुलाई में 10,680 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की थी। सरकार इन पैसों से परिधान को बढ़ावा देने, रोजगार और निर्यात क्षमता को मजबूत करने का लक्ष्य रखा है।
ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड में निवेश की संभावना
उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का मुख्य फोकस मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) के तहत 40 प्रोडक्ट श्रेणियों और तकनीकी वस्त्रों के तहत 10 उत्पाद श्रेणियों पर होगा। पीएलआई योजना के लागू होने से ग्रीनफील्ड (नई कंपनियां स्थापित की जा रही हैं) और ब्राउनफील्ड (कंपनियां जो पहले से ही परिचालन में हैं) में निवेश को प्रोत्साहन मिलने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि पीएलआई योजना को फोकस प्रोडक्ट इंसेंटिव स्कीम (एफपीआईएस) के जरिए मानव निर्मित फाइबर और टेक्निकल टेक्सटाइल सेक्टर में पांच साल के लिए निर्धारित इंक्रीमेंटल टर्नओवर पर 3 फीसदी से 15 फीसदी तक प्रोत्साहन देकर वैश्विकस्तर पर ले जाने का मकसद है।
कपड़ा और परिधान क्षेत्र के लिए पैकेज
दरअसल, कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार जब से सत्ता में आई तब से आगे बढ़ाने में जुटी है। सरकार ने इस क्षेत्र के लिए जून 2016 में विशेष पैकेज का एलान किया था, जिसके तहत 6,000 करोड़ रुपये दिए गए थे। इन पैसों से परिधान और मेड अप सेगमेंट में रोजगार और निर्यात क्षमता को बढ़ावा दिया गया था।
कपड़ा उद्योग से जुड़े हैं करीब 6 करोड़ लोग
गौरतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में टेक्सटाइल इंडस्ट्री का बड़ा योगदान है। कृषि के बाद कपड़ा उद्योग या उत्पादन से बड़ी संख्या में लोग जुड़े हुए हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो प्रत्यक्ष रूप से 4.5 करोड़ और अप्रत्यक्ष रूप से 6 करोड़ लोग इस इंडस्ट्री में काम करते हैं।