कांग्रेस नेता शशि थरूर सूचना प्रौद्योगिकी पर बनी संसद की स्थायी समिति के प्रमुख बने रहेंगे। वहीं, हाल ही में कृषि कानूनों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाली अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल को विदेश मामलाें की संसदीय समिति का सदस्य बनाया गया है। हरसिमरत की पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने भी एनडीए से 22 साल पुराना नाता तोड़ लिया है।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से मंगलवार को मशविरा करने के बाद कई संसदीय समितियों के पुनर्गठन का एलान किया। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी नई सूची के मुताबिक, थरूर सूचना प्रौद्योगिकी पर बनी समिति के मुखिया बने रहेंगे। थरूर और इसी समिति के एक सदस्य और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच उस वक्त खटास आ गई थी, जब थरूर ने जम्मू-कश्मीर में 4जी सेवाओं के निलंबन की आलोचना की थी और भड़काऊ भाषण के मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉम का दुरुपयोग करने को लेकर फेसबुक को समन भेज दिया था। थरूर के कई और कांग्रेस नेताओं को भी अन्य समितियों में जगह दी गई है। संसद की सभी स्थायी समितियों के अध्यक्षों को बरकरार रखा गया है। स्थायी समितियों का कार्यकाल एक साल का होता है। इसमें लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य होते हैं।
आनंद शर्मा और जयराम रमेश भी समितियों के प्रमुख बने रहेंगे
सूची के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा गृह मामलों पर बनी संसदीय समिति के अध्यक्ष बने रहेंगे। वहीं, एक और कांग्रेस नेता जयराम रमेश को भी पर्यावरण एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर बनी संसदीय समिति के प्रमुख के पद पर बरकरार रखा गया है।
रामगोपाल यादव स्वास्थ्य समिति के मुखिया पद पर कायम
वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी को वाणिज्य मामलों पर बनी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष पद पर दोबारा काबिज किया गया है। सपा के रामगोपाल यादव स्वास्थ्य, टीआरएस के केशवराव उद्योग, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय खाद्य व उपभोक्ता मामले तथा सार्वजनिक वितरण और बीजद के भृतहरि महताब श्रम मामलों की स्थायी समिति के प्रमुख बने रहेंगे। द्रमुक की कनिमोझी रसायन और उर्वरक पर बनी समिति की अध्यक्ष बनी रहेंगी और जदयू के राजीव रंजन ऊर्जा पर बनी स्थायी समिति के प्रमुख बनाए गए हैं। इनके अलावा बाकी समितियों के अध्यक्ष ज्यादातर भाजपा से हैं और उनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
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कांग्रेस नेता शशि थरूर सूचना प्रौद्योगिकी पर बनी संसद की स्थायी समिति के प्रमुख बने रहेंगे। वहीं, हाल ही में कृषि कानूनों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाली अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल को विदेश मामलाें की संसदीय समिति का सदस्य बनाया गया है। हरसिमरत की पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने भी एनडीए से 22 साल पुराना नाता तोड़ लिया है।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से मंगलवार को मशविरा करने के बाद कई संसदीय समितियों के पुनर्गठन का एलान किया। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी नई सूची के मुताबिक, थरूर सूचना प्रौद्योगिकी पर बनी समिति के मुखिया बने रहेंगे। थरूर और इसी समिति के एक सदस्य और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच उस वक्त खटास आ गई थी, जब थरूर ने जम्मू-कश्मीर में 4जी सेवाओं के निलंबन की आलोचना की थी और भड़काऊ भाषण के मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉम का दुरुपयोग करने को लेकर फेसबुक को समन भेज दिया था। थरूर के कई और कांग्रेस नेताओं को भी अन्य समितियों में जगह दी गई है। संसद की सभी स्थायी समितियों के अध्यक्षों को बरकरार रखा गया है। स्थायी समितियों का कार्यकाल एक साल का होता है। इसमें लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य होते हैं।
आनंद शर्मा और जयराम रमेश भी समितियों के प्रमुख बने रहेंगे
सूची के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा गृह मामलों पर बनी संसदीय समिति के अध्यक्ष बने रहेंगे। वहीं, एक और कांग्रेस नेता जयराम रमेश को भी पर्यावरण एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर बनी संसदीय समिति के प्रमुख के पद पर बरकरार रखा गया है।
रामगोपाल यादव स्वास्थ्य समिति के मुखिया पद पर कायम
वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी को वाणिज्य मामलों पर बनी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष पद पर दोबारा काबिज किया गया है। सपा के रामगोपाल यादव स्वास्थ्य, टीआरएस के केशवराव उद्योग, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय खाद्य व उपभोक्ता मामले तथा सार्वजनिक वितरण और बीजद के भृतहरि महताब श्रम मामलों की स्थायी समिति के प्रमुख बने रहेंगे। द्रमुक की कनिमोझी रसायन और उर्वरक पर बनी समिति की अध्यक्ष बनी रहेंगी और जदयू के राजीव रंजन ऊर्जा पर बनी स्थायी समिति के प्रमुख बनाए गए हैं। इनके अलावा बाकी समितियों के अध्यक्ष ज्यादातर भाजपा से हैं और उनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।