कश्मीर में हिंसक युवाओं का उपद्रव थमने का नाम नहीं ले रहा है, एक बार फिर इनका निशाना बने हैं अर्द्धसैनिक बलों के जवान। कश्मीर के हिंसाग्रस्त इलाकों में ड्यूटी से लौटते जवानों पर कुछ हिंसक युवा लगातार हमला कर रहे हैं, इस दौरान वह जवानों पर लात घूसों से हमला कर रहे हैं।
खास बात ये है कि इन वारदातों के दौरान भारतीय जवान पूरी तरह संयम बनाए हुए हैं और किसी तरह का प्रतिरोध नहीं कर रहे हैं। इससे जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया के साथ ही न्यूज चैनलों में लगातार दिखाए जा रहे हैं। हालांकि इनकी सत्यता को अभी प्रमाणित नहीं किया जा सका है लेकिन वीडियो सामने आने के बाद इस पर बहस छिड़ गई है।
यह देखना भी जरूरी है कि कुछ दिन पहले ही कश्मीर के कई इलाकों में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ के दौरान सेना और अन्य सुरक्षाबलों के इन्हीं जवानों ने अपनी जान पर खेलकर काफी संख्या में स्थानीय लोगों की जान बचाई थी।
वहीं इस संबंध में सीआरपीएफ के प्रवक्ता भावेश चौधरी ने अमर उजाला को बताया कि जवान श्रीनगर उपचुनाव में चुनावी डयूटी पर थे, इसी दौरान स्थानीय युवाओं ने उनपर हमला कर दिया। जवानों ने काफी संयम बरता, ताकि लोगों को नुकसान न हो। वैसे भी जवानों की प्राथमिकता ईवीएम की सुरक्षा थी, न कि जवाबी कार्रवाई। इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि कश्मीर में स्थिति काफी संवेदनशील बनी हुई है। हाल ही में हुए चुनाव में राज्य में भारी हिंसा देखने को मिली। जिसके बाद करीब 38 बूथों पर फिर से मतदान कराए जाने का ऐलान किया गया। श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए 38 बूथों पर कल 13 अप्रैल को पुनर्मतदान होगा।
सभी बूथ बडगाम जिले के हैं, जहां चुनाव के दौरान भारी हिंसा हुई थी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) शांतमनु की रिपोर्ट पर चुनाव आयोग ने यह फैसला किया है।
आयोग की अधिसूचना के अनुसार चाडूरा विधानसभा में 16 बूथों पर पुनर्मतदान होगा। इसके साथ ही बडगाम विधानसभा में आठ व बीरवाह में 14 बूथों पर दोबारा वोट डाले जाएंगे।
कश्मीर में हिंसक युवाओं का उपद्रव थमने का नाम नहीं ले रहा है, एक बार फिर इनका निशाना बने हैं अर्द्धसैनिक बलों के जवान। कश्मीर के हिंसाग्रस्त इलाकों में ड्यूटी से लौटते जवानों पर कुछ हिंसक युवा लगातार हमला कर रहे हैं, इस दौरान वह जवानों पर लात घूसों से हमला कर रहे हैं।
खास बात ये है कि इन वारदातों के दौरान भारतीय जवान पूरी तरह संयम बनाए हुए हैं और किसी तरह का प्रतिरोध नहीं कर रहे हैं। इससे जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया के साथ ही न्यूज चैनलों में लगातार दिखाए जा रहे हैं। हालांकि इनकी सत्यता को अभी प्रमाणित नहीं किया जा सका है लेकिन वीडियो सामने आने के बाद इस पर बहस छिड़ गई है।
यह देखना भी जरूरी है कि कुछ दिन पहले ही कश्मीर के कई इलाकों में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ के दौरान सेना और अन्य सुरक्षाबलों के इन्हीं जवानों ने अपनी जान पर खेलकर काफी संख्या में स्थानीय लोगों की जान बचाई थी।
वहीं इस संबंध में सीआरपीएफ के प्रवक्ता भावेश चौधरी ने अमर उजाला को बताया कि जवान श्रीनगर उपचुनाव में चुनावी डयूटी पर थे, इसी दौरान स्थानीय युवाओं ने उनपर हमला कर दिया। जवानों ने काफी संयम बरता, ताकि लोगों को नुकसान न हो। वैसे भी जवानों की प्राथमिकता ईवीएम की सुरक्षा थी, न कि जवाबी कार्रवाई। इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।