देश के कई हिस्सों में तापमान में गिरावट पहले से ज्यादा दर्ज की गई है। बारिश की वजह से कुछ हिस्सों में तापमान में गिरावट आई और शीत लहर चली। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में बर्फवारी का दौर रुक-रुक कर जारी है।
मौसम विभाग ने उत्तर पश्चिमी भारत के अधिकांश क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान तीन से पांच सेल्सियस तक गिरने का अनुमान लगाया है। मौसम विभाग के अनुसार तापमान गिरने के साथ ही पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में सोमवार सऔर मंगलवार को शीतलहर की संभावना देखी जा सकती है। अगले दो दिनों में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों और दिल्ली, पूर्वी उत्तर प्रदेश, राजस्थान में घना कोहरा छाया हुआ दिखाई दे सकता है।
दक्षिण में जनवरी में बारिश के 100 साल तक के रिकॉर्ड टूट गए। दरअसल पश्चिमी विक्षोभ के साथ-साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में एक साथ कई चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने से यह स्थिति पैदा हुई है। देश के सभी ऊंचे पहाड़ी इलाकों में 5 से 8 फीट तक मोटी बर्फ की चादर लिपटी है, हालांकि हिमालयी इलाके में अब मौसम साफ हो गया है।
दिल्ली में 2 से 7 जनवरी के बीच 57 मिमी बारिश दर्ज हुई। दिल्ली में सामान्य रूप से इतनी बारिश जनवरी, फरवरी व मार्च में मिलाकर होती है। चंडीगढ़ व लद्दाख को छोड़कर उत्तर-पश्चिम के सभी राज्यों में सामान्य से दो-तीन गुना अधिक बारिश दर्ज हुई।
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि 10 जनवरी से पर्वतीय राज्यों के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार में भी सर्द हवाएं चलेंगी। मौसम विभाग की माने तो यह दौर चार दिन तक बरकरार रहेगा।
वहीं रविवार को महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात और पश्चिमी मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में तेज गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा 14-28 जनवरी तक दक्षिण भारत में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है। मौसम विभाद की माने तो 13 जनवरी तक मध्य भारत में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है।
चेन्नई में जनवरी के पहले हफ्ते में 228.4 मिमी बारिश हुई है। जो 1915 के बाद सर्वाधिक है। कर्नाटक के चित्रदुर्ग, हासन में 102 मिमी बारिश हुई जो 1918 के बाद सर्वाधिक है। तमिलनाडु के कोयंबटूर में 113 मिमी और कर्नाटक के मेंगलोर में 56.7 मिमी बारिश हुई, जो इतिहास में सबसे अधिक है।
मौसम विभाग के अनुसार कर्नाटक तट से महाराष्ट्र तट की ओर पूर्वी हवा के चलते अगले दो दिन तक महाराष्ट्र के कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की बारिश की भी संभावना है। इसके अलावा उत्तर पश्चिम में हवाओं की वजह से अगले चार-पांच दिनों में न्यूनतम तापमान तीन-पांच डिग्री गिर सकता है।
उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में बर्फवारी का दौर जारी है, इससे तापमान में तो कमी आई ही है लेकिन ठंड भी ज्यादा हो गई है। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके बर्फ से ढके हुए हैं और यहां शीतलहर चल रही है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में कड़के की ठंड पड़ रही है और बर्फवारी भी तेज है।
देश के कई हिस्सों में तापमान में गिरावट पहले से ज्यादा दर्ज की गई है। बारिश की वजह से कुछ हिस्सों में तापमान में गिरावट आई और शीत लहर चली। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में बर्फवारी का दौर रुक-रुक कर जारी है।
मौसम विभाग ने उत्तर पश्चिमी भारत के अधिकांश क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान तीन से पांच सेल्सियस तक गिरने का अनुमान लगाया है। मौसम विभाग के अनुसार तापमान गिरने के साथ ही पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में सोमवार सऔर मंगलवार को शीतलहर की संभावना देखी जा सकती है। अगले दो दिनों में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों और दिल्ली, पूर्वी उत्तर प्रदेश, राजस्थान में घना कोहरा छाया हुआ दिखाई दे सकता है।
दक्षिण में जनवरी में बारिश के 100 साल तक के रिकॉर्ड टूट गए। दरअसल पश्चिमी विक्षोभ के साथ-साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में एक साथ कई चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने से यह स्थिति पैदा हुई है। देश के सभी ऊंचे पहाड़ी इलाकों में 5 से 8 फीट तक मोटी बर्फ की चादर लिपटी है, हालांकि हिमालयी इलाके में अब मौसम साफ हो गया है।
दिल्ली में 2 से 7 जनवरी के बीच 57 मिमी बारिश दर्ज हुई। दिल्ली में सामान्य रूप से इतनी बारिश जनवरी, फरवरी व मार्च में मिलाकर होती है। चंडीगढ़ व लद्दाख को छोड़कर उत्तर-पश्चिम के सभी राज्यों में सामान्य से दो-तीन गुना अधिक बारिश दर्ज हुई।
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि 10 जनवरी से पर्वतीय राज्यों के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार में भी सर्द हवाएं चलेंगी। मौसम विभाग की माने तो यह दौर चार दिन तक बरकरार रहेगा।
वहीं रविवार को महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात और पश्चिमी मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में तेज गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा 14-28 जनवरी तक दक्षिण भारत में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है। मौसम विभाद की माने तो 13 जनवरी तक मध्य भारत में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है।
चेन्नई में जनवरी के पहले हफ्ते में 228.4 मिमी बारिश हुई है। जो 1915 के बाद सर्वाधिक है। कर्नाटक के चित्रदुर्ग, हासन में 102 मिमी बारिश हुई जो 1918 के बाद सर्वाधिक है। तमिलनाडु के कोयंबटूर में 113 मिमी और कर्नाटक के मेंगलोर में 56.7 मिमी बारिश हुई, जो इतिहास में सबसे अधिक है।
मौसम विभाग के अनुसार कर्नाटक तट से महाराष्ट्र तट की ओर पूर्वी हवा के चलते अगले दो दिन तक महाराष्ट्र के कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की बारिश की भी संभावना है। इसके अलावा उत्तर पश्चिम में हवाओं की वजह से अगले चार-पांच दिनों में न्यूनतम तापमान तीन-पांच डिग्री गिर सकता है।
उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में बर्फवारी का दौर जारी है, इससे तापमान में तो कमी आई ही है लेकिन ठंड भी ज्यादा हो गई है। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके बर्फ से ढके हुए हैं और यहां शीतलहर चल रही है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में कड़के की ठंड पड़ रही है और बर्फवारी भी तेज है।