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पश्चिम बंगाल नित नए भ्रष्टाचार के मामले खुल रहे हैं। अब बंगाल के हुगली जिले में छात्रवृत्ति में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। करीब 78 स्कूलों से बड़ी संख्या में फर्जी और अवैध स्वीकृतियों का आरोप लगा है। पिछले दो वित्तीय वर्षों (2019-20 और 2020-21) में इस मद से फर्जी छात्रों ने एक करोड़ 33 लाख रुपए से अधिक निकाल ली है। जांच के बाद जिला माध्यमिक शिक्षा विभाग ने संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को उचित दस्तावेजों के साथ भौतिक रूप से तलब किया गया है।
जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा भेजे गए समन पत्र में कहा गया है कि छात्रवृत्ति सूची से पता चलता है कि कई छात्रों को इंजीनियरिंग डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए छात्रवृत्ति मिल रही है जो संस्थान में पढ़ाया ही नहीं जाता है या पढ़ाने के लिए अधिकृत नहीं है। इस मामले में माना जा रहा है कि शिक्षण संस्थानों से छात्रवृत्ति स्वीकृत करने में पूरी तरह अवैध, अनुचित प्रक्रिया अपनाई गई है।
जिला शिक्षा विभाग की आंतरिक लेखापरीक्षा में कुल 323 फर्जी छात्रवृत्ति प्राप्तकर्ताओं की पहचान की गई है। इनमें से किसी को 45 हजार रुपये, किसी को 44 हजार रुपये, किसी को 37 हजार रुपये से अधिक इंजीनियरिंग विषय के अनुसार छात्रवृत्ति मिली है। दूसरी ओर फर्जी छात्रवृत्ति पाने वालों के नाम के साथ जिन स्कूलों के नाम जोड़े गए हैं, उनके अधिकारी कोई गड़बड़ी नहीं होने का दावा कर रहे हैं।