राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या व हत्यारे नाथूराम गोडसे के पक्ष व विरोध में बयानबाजी को लेकर देश में अक्सर विवाद सामने आते रहते हैं। अब एक लघु फिल्म 'मैंने गांधी को क्यों मारा?' इसी माह ओटीटी प्लेटफार्म पर आ रही है। इसमें राकांपा के युवा सांसद अमोल कोल्हे गोडसे बने हैं। इसे लेकर बवाल मच गया है। उनकी खुद के पार्टी के सहयोगी ही उनकी इस भूमिका से खफा हैं, जबकि पार्टी के मुखिया शरद पवार कोल्हे के बचाव में सामने आए हैं। वहीं, आचोलना के जवाब में कोल्हे ने कहा है कि वे गांधीजी के विचारों के कट्टर समर्थक हैं और गोडसे की विवादित भूमिका उन्होंने सिर्फ अपनी पेशेगत चुनौती की खातिर कबूल की है।
इस लघु फिल्म को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में उबाल आ गया है। इसमें नाथूराम गोडसे बने डॉक्टर अमोल कोल्हे राकांपा सांसद होने के साथ ही अभिनेता हैं। उनके गोडसे बनने पर राकांपा के अलावा अन्य दल भी आलोचना कर रहे हैं। यह हिंदी लघु फिल्म नाथूराम गोडसे पर बनी है, जिसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 1948 में गोली मार कर हत्या कर दी थी।
महाराष्ट्र में इस फिल्म की रिलीज की पर लगे रोक: नाना पटोले
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यदि आप गांधीजी के हत्यारे को नायक के रूप में चित्रित करते हैं, तो यह स्वीकार्य नहीं है। हमारा देश गांधी और उनकी विचारधारा के माध्यम से जाना जाता है। पूरी दुनिया में लोग गांधी जी को सम्मान देते हैं। कांग्रेस इसका विरोध करेगी; महाराष्ट्र में इस फिल्म की रिलीज की अनुमति न देने के लिए सीएम से अनुरोध करेंगे।
अवाड़ ने कड़ी आलोचना की, पवार ने यह बात कही
कोल्हे के गोडसे बनने पर राकांपा नेता व महाराष्ट्र के मंत्री जितेंद्र अवाड़ ने उनकी कड़ी आलोचना की है। अवाड़ ने कहा कि भले ही कोल्हे ने भले अभिनेता के रूप में गोडसे की भूमिका निभाई है, लेकिन वह इससे नाथूराम का समर्थन जुड़ा हुआ है। आप कलाकार की आड़ में गांधी हत्याकांड का बचाव नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि विनय आप्टे व शरद पोंक्शे की भी गोडसे बनने पर खूब आलोचना हो चुकी है। हालांकि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि अमोल कोल्हे ने एक कलाकार के रूप में यह भूमिका कबूल की है। उन्होंने कहा कि गांधी फिल्म भी काफी लोकप्रिय हुई थी। उस फिल्म में गोडसे बना व्यक्ति भी एक कलाकार था।
अमोल कोल्हे पेशेवर अभिनेता हैं। इससे पहले वे शिवाजी पर एक मराठी शो में छत्रपति की भूमिका निभा चुके हैं। इस शो का नाम था 'राजा शिव छत्रपति'। एक अन्य शो में उनकी संभाजी की भूमिका भी काफी लोकप्रिय रही थी। कोल्हे 2014 में शिवसेना के सितारा प्रचारक रहे थे। उन्होंने 2019 में शिवसेना में रहते हुए गोडसे की भूमिका निभाई थी। हालांकि इसके बाद वह राकांपा में शामिल हो गए थे। राकांपा ने उन्हें शिरुर लोकसभा सीट से टिकट दिया। उन्होंने शिवसेना के दिग्गज नेता शिवाजी राव अधालराव को परास्त कर दिया था।
अशोक त्यागी के निदेशन में बनी फिल्म, 30 जनवरी को जारी होगी
यह लघु फिल्म अशोक त्यागी ने निदेशित की है और इसके निर्माता कल्याणी सिंह हैं। इसमें 41 वर्षीय कोल्हे गोडसे की भूमिका में नजर आएंगे। यह 2017 में फिल्माई गई थी। 30 जनवरी को गांधीजी की पुण्यतिथि शहीद दिवस के मौके पर यह ओटीटी पर जारी होने वाली है। पिछले माह इसका ट्रेलर जारी होने के एक माह बाद फिल्म को लेकर विवाद खड़ा हुआ है।
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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या व हत्यारे नाथूराम गोडसे के पक्ष व विरोध में बयानबाजी को लेकर देश में अक्सर विवाद सामने आते रहते हैं। अब एक लघु फिल्म 'मैंने गांधी को क्यों मारा?' इसी माह ओटीटी प्लेटफार्म पर आ रही है। इसमें राकांपा के युवा सांसद अमोल कोल्हे गोडसे बने हैं। इसे लेकर बवाल मच गया है। उनकी खुद के पार्टी के सहयोगी ही उनकी इस भूमिका से खफा हैं, जबकि पार्टी के मुखिया शरद पवार कोल्हे के बचाव में सामने आए हैं। वहीं, आचोलना के जवाब में कोल्हे ने कहा है कि वे गांधीजी के विचारों के कट्टर समर्थक हैं और गोडसे की विवादित भूमिका उन्होंने सिर्फ अपनी पेशेगत चुनौती की खातिर कबूल की है।
इस लघु फिल्म को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में उबाल आ गया है। इसमें नाथूराम गोडसे बने डॉक्टर अमोल कोल्हे राकांपा सांसद होने के साथ ही अभिनेता हैं। उनके गोडसे बनने पर राकांपा के अलावा अन्य दल भी आलोचना कर रहे हैं। यह हिंदी लघु फिल्म नाथूराम गोडसे पर बनी है, जिसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 1948 में गोली मार कर हत्या कर दी थी।
महाराष्ट्र में इस फिल्म की रिलीज की पर लगे रोक: नाना पटोले
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यदि आप गांधीजी के हत्यारे को नायक के रूप में चित्रित करते हैं, तो यह स्वीकार्य नहीं है। हमारा देश गांधी और उनकी विचारधारा के माध्यम से जाना जाता है। पूरी दुनिया में लोग गांधी जी को सम्मान देते हैं। कांग्रेस इसका विरोध करेगी; महाराष्ट्र में इस फिल्म की रिलीज की अनुमति न देने के लिए सीएम से अनुरोध करेंगे।
अवाड़ ने कड़ी आलोचना की, पवार ने यह बात कही
कोल्हे के गोडसे बनने पर राकांपा नेता व महाराष्ट्र के मंत्री जितेंद्र अवाड़ ने उनकी कड़ी आलोचना की है। अवाड़ ने कहा कि भले ही कोल्हे ने भले अभिनेता के रूप में गोडसे की भूमिका निभाई है, लेकिन वह इससे नाथूराम का समर्थन जुड़ा हुआ है। आप कलाकार की आड़ में गांधी हत्याकांड का बचाव नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि विनय आप्टे व शरद पोंक्शे की भी गोडसे बनने पर खूब आलोचना हो चुकी है। हालांकि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि अमोल कोल्हे ने एक कलाकार के रूप में यह भूमिका कबूल की है। उन्होंने कहा कि गांधी फिल्म भी काफी लोकप्रिय हुई थी। उस फिल्म में गोडसे बना व्यक्ति भी एक कलाकार था।
अमोल कोल्हे पेशेवर अभिनेता हैं। इससे पहले वे शिवाजी पर एक मराठी शो में छत्रपति की भूमिका निभा चुके हैं। इस शो का नाम था 'राजा शिव छत्रपति'। एक अन्य शो में उनकी संभाजी की भूमिका भी काफी लोकप्रिय रही थी। कोल्हे 2014 में शिवसेना के सितारा प्रचारक रहे थे। उन्होंने 2019 में शिवसेना में रहते हुए गोडसे की भूमिका निभाई थी। हालांकि इसके बाद वह राकांपा में शामिल हो गए थे। राकांपा ने उन्हें शिरुर लोकसभा सीट से टिकट दिया। उन्होंने शिवसेना के दिग्गज नेता शिवाजी राव अधालराव को परास्त कर दिया था।
अशोक त्यागी के निदेशन में बनी फिल्म, 30 जनवरी को जारी होगी
यह लघु फिल्म अशोक त्यागी ने निदेशित की है और इसके निर्माता कल्याणी सिंह हैं। इसमें 41 वर्षीय कोल्हे गोडसे की भूमिका में नजर आएंगे। यह 2017 में फिल्माई गई थी। 30 जनवरी को गांधीजी की पुण्यतिथि शहीद दिवस के मौके पर यह ओटीटी पर जारी होने वाली है। पिछले माह इसका ट्रेलर जारी होने के एक माह बाद फिल्म को लेकर विवाद खड़ा हुआ है।