पुलिस आयुक्त श्रीवास्तव ने बताया कि ये आरोपी लोगों को वेश्यावृत्ति के जाल में फंसा कर ग्राहकों से लूटपाट करते थे। इस तरह की करीब 150 वारदातों को इन्होंने अंजाम दिया। इसके अलावा ये टैक्सी किराये पर लेते थे और चालक के साथ मारपीट कर गाड़ी लूट कर भाग जाते थे। इसके अलावा ये ट्रैक्टर चालकों से ट्रैक्टर भी लूट ले जाते थे।
श्रीवास्तव के अनुसार आरोपी पेट्रोल पंप पर गाड़ी में तेल भरवाते थे और सेल्समैन जब बाकी बचे पैसे लौटा रहा होता था तो अचानक उसका कैशबैग लेकर भाग जाते थे। इसके साथ ही आरोपियों ने शराब ठेकों से शराब की पेटियां चुराने और फाइनेंस कंपनियों के कलेक्शन एजेंट के साथ लूट और कार चोरी की घटनाओं को भी अंजाम दिया है।
सेना में भर्ती होना चाहता था गिरोह का सरगना नैनपाल
जयपुर के पुलिस थाना सदर, बहरू, करणी विहार, मुरलीपुरा और करधनी इलाकों में कार और ट्रैक्टर की लूट और पेट्रोल पंप के सेल्समैन से रुपये लूटने की घटना सामने आई थी। पुलिस ने मामलों की जांच शुरू की तो कुछ अपराधियों के हुलिये के बारे में पता चला, जिसकी पहचान नैनपाल सिंह उर्फ लाल सिंह निवासी नागौर के रूप में हुई।
श्रीवास्तव ने बताया कि नैनपाल सिंह इस गिरोह का सरगना है। 25 वर्षीय नैनपाल नागौर जिले के थाना परबतसर के जंजीला गांव का रहने वाला है। वह सेना में भर्ती होना चाहता था लेकिन परीक्षा में उसका चयन नहीं हुआ था। 2020 के अंत में उसकी मुलाकात फुलेरा थाना के गांव शिवसिंहपुरा के दिनेश सामौता (25) से हुई थी।
सामौता ऑनलाइन कालगर्ल्स की सप्ताई का काम करता था। उसे स्विफ्ट कारों की जरूरत रहती थी। सामौता ने नैनपाल को चोरी या लूट की स्विफ्ट लाने को कहा और इसके बदले 50 हजार रुपये देने की बात कही।
इस काम के लिए नैनपाल ने अपनी गैंग बनाई। इसमें नैनपाल ने ओम सिंह, मुकेश कडवा, अंकित उर्फ घोड़ा स्वामी, जीतू नैणिया, बल्लू राजपुरा उर्फ विष्णु, रोहित उर्फ रोहिताश जितरवाल और विष्णु प्रताप सिंह को शामिल किया। इनमें से नैनपाल, अंकित, ओम सिंह, बल्लू और किशन को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी की तलाश की जा रही है।
वेश्यावृत्ति के जाल में फंसाते थे और फिर लूटपाट करते थे
पुलिस ने बताया कि ये लोग वेश्यावृत्ति करने वाली लड़की को लाकर सड़क पर खड़ा करते थे। जब लड़की किसी व्यक्ति के साथ जाती थी तो पीछे-पीछे ये लोग भी वहां पहुंचते थे औक व्यक्ति को मारपीट कर सबको ये बात बताने की धमकी देते और रुपये लूट लेते। ऐसे मामलों में पीड़ित भी सामाजिक मान के चलते पुलिस के पास जाने से बचते थे।
इसके साथ ही पुलिस ने ऑफलाइन वेश्यावृत्ति का गिरोह चलाने वाले दिनेश सामौता गैंग पर भी कार्रवाई की है। इस गिरोह में सामौता के साथ जितेंद्र यादव उर्फ जीतू, काना राम, अमर चंद, अशोक नायक और दीपू वर्मा शामिल थे। पुलिस ने सभी आरोपियों को लूटी गई एक स्विफ्ट कार के साथ गिरफ्तार कर लिया है। गाड़ी में कई नंबर प्लेट भी मिली हैं।
इसके अलावा दीपू सिंह का भी एक गैंग वेश्यावृत्ति के काम को अंजाम दे रहा ता। उसकी गैंग में आशाराम स्वामी, आशोक नायक, दीपू वर्मा, कर्ण चौधरी उर्फ हनुमान, अंकित स्वामी उर्फ घोड़ा, मुकेश और नरेंद्र शामिल थे। इश गैंग के खिलाफ आपराधिक घटनाओं के 20 मुकदमे दर्ज हैं।
सेना में भर्ती होना चाहता था गिरोह का सरगना नैनपाल
जयपुर के पुलिस थाना सदर, बहरू, करणी विहार, मुरलीपुरा और करधनी इलाकों में कार और ट्रैक्टर की लूट और पेट्रोल पंप के सेल्समैन से रुपये लूटने की घटना सामने आई थी। पुलिस ने मामलों की जांच शुरू की तो कुछ अपराधियों के हुलिये के बारे में पता चला, जिसकी पहचान नैनपाल सिंह उर्फ लाल सिंह निवासी नागौर के रूप में हुई।
श्रीवास्तव ने बताया कि नैनपाल सिंह इस गिरोह का सरगना है। 25 वर्षीय नैनपाल नागौर जिले के थाना परबतसर के जंजीला गांव का रहने वाला है। वह सेना में भर्ती होना चाहता था लेकिन परीक्षा में उसका चयन नहीं हुआ था। 2020 के अंत में उसकी मुलाकात फुलेरा थाना के गांव शिवसिंहपुरा के दिनेश सामौता (25) से हुई थी।
सामौता ऑनलाइन कालगर्ल्स की सप्ताई का काम करता था। उसे स्विफ्ट कारों की जरूरत रहती थी। सामौता ने नैनपाल को चोरी या लूट की स्विफ्ट लाने को कहा और इसके बदले 50 हजार रुपये देने की बात कही।
इस काम के लिए नैनपाल ने अपनी गैंग बनाई। इसमें नैनपाल ने ओम सिंह, मुकेश कडवा, अंकित उर्फ घोड़ा स्वामी, जीतू नैणिया, बल्लू राजपुरा उर्फ विष्णु, रोहित उर्फ रोहिताश जितरवाल और विष्णु प्रताप सिंह को शामिल किया। इनमें से नैनपाल, अंकित, ओम सिंह, बल्लू और किशन को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी की तलाश की जा रही है।
वेश्यावृत्ति के जाल में फंसाते थे और फिर लूटपाट करते थे
पुलिस ने बताया कि ये लोग वेश्यावृत्ति करने वाली लड़की को लाकर सड़क पर खड़ा करते थे। जब लड़की किसी व्यक्ति के साथ जाती थी तो पीछे-पीछे ये लोग भी वहां पहुंचते थे और व्यक्ति को मारपीट कर सबको ये बात बताने की धमकी देते और रुपये लूट लेते। ऐसे मामलों में पीड़ित भी सामाजिक मान के चलते पुलिस के पास जाने से बचते थे।
इसके साथ ही पुलिस ने ऑफलाइन वेश्यावृत्ति का गिरोह चलाने वाले दिनेश सामौता गैंग पर भी कार्रवाई की है। इस गिरोह में सामौता के साथ जितेंद्र यादव उर्फ जीतू, काना राम, अमर चंद, अशोक नायक और दीपू वर्मा शामिल थे। पुलिस ने सभी आरोपियों को लूटी गई एक स्विफ्ट कार के साथ गिरफ्तार कर लिया है। गाड़ी में कई नंबर प्लेट भी मिली हैं।
इसके अलावा दीपू सिंह का भी एक गैंग वेश्यावृत्ति के काम को अंजाम दे रहा ता। उसकी गैंग में आशाराम स्वामी, आशोक नायक, दीपू वर्मा, कर्ण चौधरी उर्फ हनुमान, अंकित स्वामी उर्फ घोड़ा, मुकेश और नरेंद्र शामिल थे। इश गैंग के खिलाफ आपराधिक घटनाओं के 20 मुकदमे दर्ज हैं।
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पुलिस आयुक्त श्रीवास्तव ने बताया कि ये आरोपी लोगों को वेश्यावृत्ति के जाल में फंसा कर ग्राहकों से लूटपाट करते थे। इस तरह की करीब 150 वारदातों को इन्होंने अंजाम दिया। इसके अलावा ये टैक्सी किराये पर लेते थे और चालक के साथ मारपीट कर गाड़ी लूट कर भाग जाते थे। इसके अलावा ये ट्रैक्टर चालकों से ट्रैक्टर भी लूट ले जाते थे।
श्रीवास्तव के अनुसार आरोपी पेट्रोल पंप पर गाड़ी में तेल भरवाते थे और सेल्समैन जब बाकी बचे पैसे लौटा रहा होता था तो अचानक उसका कैशबैग लेकर भाग जाते थे। इसके साथ ही आरोपियों ने शराब ठेकों से शराब की पेटियां चुराने और फाइनेंस कंपनियों के कलेक्शन एजेंट के साथ लूट और कार चोरी की घटनाओं को भी अंजाम दिया है।
सेना में भर्ती होना चाहता था गिरोह का सरगना नैनपाल
जयपुर के पुलिस थाना सदर, बहरू, करणी विहार, मुरलीपुरा और करधनी इलाकों में कार और ट्रैक्टर की लूट और पेट्रोल पंप के सेल्समैन से रुपये लूटने की घटना सामने आई थी। पुलिस ने मामलों की जांच शुरू की तो कुछ अपराधियों के हुलिये के बारे में पता चला, जिसकी पहचान नैनपाल सिंह उर्फ लाल सिंह निवासी नागौर के रूप में हुई।
श्रीवास्तव ने बताया कि नैनपाल सिंह इस गिरोह का सरगना है। 25 वर्षीय नैनपाल नागौर जिले के थाना परबतसर के जंजीला गांव का रहने वाला है। वह सेना में भर्ती होना चाहता था लेकिन परीक्षा में उसका चयन नहीं हुआ था। 2020 के अंत में उसकी मुलाकात फुलेरा थाना के गांव शिवसिंहपुरा के दिनेश सामौता (25) से हुई थी।
सामौता ऑनलाइन कालगर्ल्स की सप्ताई का काम करता था। उसे स्विफ्ट कारों की जरूरत रहती थी। सामौता ने नैनपाल को चोरी या लूट की स्विफ्ट लाने को कहा और इसके बदले 50 हजार रुपये देने की बात कही।
इस काम के लिए नैनपाल ने अपनी गैंग बनाई। इसमें नैनपाल ने ओम सिंह, मुकेश कडवा, अंकित उर्फ घोड़ा स्वामी, जीतू नैणिया, बल्लू राजपुरा उर्फ विष्णु, रोहित उर्फ रोहिताश जितरवाल और विष्णु प्रताप सिंह को शामिल किया। इनमें से नैनपाल, अंकित, ओम सिंह, बल्लू और किशन को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी की तलाश की जा रही है।
वेश्यावृत्ति के जाल में फंसाते थे और फिर लूटपाट करते थे
पुलिस ने बताया कि ये लोग वेश्यावृत्ति करने वाली लड़की को लाकर सड़क पर खड़ा करते थे। जब लड़की किसी व्यक्ति के साथ जाती थी तो पीछे-पीछे ये लोग भी वहां पहुंचते थे औक व्यक्ति को मारपीट कर सबको ये बात बताने की धमकी देते और रुपये लूट लेते। ऐसे मामलों में पीड़ित भी सामाजिक मान के चलते पुलिस के पास जाने से बचते थे।
इसके साथ ही पुलिस ने ऑफलाइन वेश्यावृत्ति का गिरोह चलाने वाले दिनेश सामौता गैंग पर भी कार्रवाई की है। इस गिरोह में सामौता के साथ जितेंद्र यादव उर्फ जीतू, काना राम, अमर चंद, अशोक नायक और दीपू वर्मा शामिल थे। पुलिस ने सभी आरोपियों को लूटी गई एक स्विफ्ट कार के साथ गिरफ्तार कर लिया है। गाड़ी में कई नंबर प्लेट भी मिली हैं।
इसके अलावा दीपू सिंह का भी एक गैंग वेश्यावृत्ति के काम को अंजाम दे रहा ता। उसकी गैंग में आशाराम स्वामी, आशोक नायक, दीपू वर्मा, कर्ण चौधरी उर्फ हनुमान, अंकित स्वामी उर्फ घोड़ा, मुकेश और नरेंद्र शामिल थे। इश गैंग के खिलाफ आपराधिक घटनाओं के 20 मुकदमे दर्ज हैं।
सेना में भर्ती होना चाहता था गिरोह का सरगना नैनपाल
जयपुर के पुलिस थाना सदर, बहरू, करणी विहार, मुरलीपुरा और करधनी इलाकों में कार और ट्रैक्टर की लूट और पेट्रोल पंप के सेल्समैन से रुपये लूटने की घटना सामने आई थी। पुलिस ने मामलों की जांच शुरू की तो कुछ अपराधियों के हुलिये के बारे में पता चला, जिसकी पहचान नैनपाल सिंह उर्फ लाल सिंह निवासी नागौर के रूप में हुई।
श्रीवास्तव ने बताया कि नैनपाल सिंह इस गिरोह का सरगना है। 25 वर्षीय नैनपाल नागौर जिले के थाना परबतसर के जंजीला गांव का रहने वाला है। वह सेना में भर्ती होना चाहता था लेकिन परीक्षा में उसका चयन नहीं हुआ था। 2020 के अंत में उसकी मुलाकात फुलेरा थाना के गांव शिवसिंहपुरा के दिनेश सामौता (25) से हुई थी।
सामौता ऑनलाइन कालगर्ल्स की सप्ताई का काम करता था। उसे स्विफ्ट कारों की जरूरत रहती थी। सामौता ने नैनपाल को चोरी या लूट की स्विफ्ट लाने को कहा और इसके बदले 50 हजार रुपये देने की बात कही।
इस काम के लिए नैनपाल ने अपनी गैंग बनाई। इसमें नैनपाल ने ओम सिंह, मुकेश कडवा, अंकित उर्फ घोड़ा स्वामी, जीतू नैणिया, बल्लू राजपुरा उर्फ विष्णु, रोहित उर्फ रोहिताश जितरवाल और विष्णु प्रताप सिंह को शामिल किया। इनमें से नैनपाल, अंकित, ओम सिंह, बल्लू और किशन को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी की तलाश की जा रही है।
वेश्यावृत्ति के जाल में फंसाते थे और फिर लूटपाट करते थे
पुलिस ने बताया कि ये लोग वेश्यावृत्ति करने वाली लड़की को लाकर सड़क पर खड़ा करते थे। जब लड़की किसी व्यक्ति के साथ जाती थी तो पीछे-पीछे ये लोग भी वहां पहुंचते थे और व्यक्ति को मारपीट कर सबको ये बात बताने की धमकी देते और रुपये लूट लेते। ऐसे मामलों में पीड़ित भी सामाजिक मान के चलते पुलिस के पास जाने से बचते थे।
इसके साथ ही पुलिस ने ऑफलाइन वेश्यावृत्ति का गिरोह चलाने वाले दिनेश सामौता गैंग पर भी कार्रवाई की है। इस गिरोह में सामौता के साथ जितेंद्र यादव उर्फ जीतू, काना राम, अमर चंद, अशोक नायक और दीपू वर्मा शामिल थे। पुलिस ने सभी आरोपियों को लूटी गई एक स्विफ्ट कार के साथ गिरफ्तार कर लिया है। गाड़ी में कई नंबर प्लेट भी मिली हैं।
इसके अलावा दीपू सिंह का भी एक गैंग वेश्यावृत्ति के काम को अंजाम दे रहा ता। उसकी गैंग में आशाराम स्वामी, आशोक नायक, दीपू वर्मा, कर्ण चौधरी उर्फ हनुमान, अंकित स्वामी उर्फ घोड़ा, मुकेश और नरेंद्र शामिल थे। इश गैंग के खिलाफ आपराधिक घटनाओं के 20 मुकदमे दर्ज हैं।