आपशंभु मंदिर विवाद के आरोपी यासिर अल्फाज की न्यायिक रिमांड 14 दिन तक बढ़ा दी गई है। रिमांड के बाद उसे कोट भलवाल जेल भेज दिया गया। साथ ही उसकी कड़ी सुरक्षा के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले पुलिस ने उसे प्रिंसिपल सेशन जज संजय गुप्ता के सामने पेश किया। पुलिस की तरफ से सीपीओ जावेद अहमद ख्वाजा ने आरोपी की रिमांड के लिए अर्जी पेश की।
मंगलवार को यासिर की रिमांड खत्म हो रही थी। कोर्ट ने माना कि अभी पुलिस को जांच का वक्त मिलना चाहिए, क्योंकि यह बेहद ही संवेदनशील मामला है। वहीं यासिर को कोर्ट में वकीलों और लोगों के चले जाने के बाद पेश किया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच उसे जानीपुर थाने से रक्षक वाहन के बीच कोर्ट तक लाया गया।
दरअसल, पहली बार कोर्ट में पेश करने पर वकीलों ने यासिर के आने पर विरोध किया था और उसके साथ हाथापाई करने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने उसकी सुरक्षा बढ़ा दी। यासिर को हेलमेट पहनाकर कोर्ट लाया गया। अगर पुलिस 14 दिन के भीतर चालान पेश नहीं करती तो आरोपी को जमानत मिल सकती है।
आतंकी नावेद से ज्यादा सुरक्षा
उधमपुर में हमला करने वाले जिंदा पकड़े गए आतंकी नावेद को भी कोर्ट तक पहुंचाने में इतने पुलिस कर्मी नहीं लगाए जाते, जितने आपशंभु मंदिर के आरोपी यासिर को कोर्ट लाने पर पुलिस कर्मी लगाए जाते हैं। मंगलवार को करीब पचास पुलिस कर्मी यासिर के कोर्ट पहुंचने के लिए तैनात किए गए। खुद एसपी नार्थ, डीएसपी हेडक्वार्टर और जानीपुर के एसएचओ को मौके पर आना पड़ा।
आपशंभु मंदिर विवाद के आरोपी यासिर अल्फाज की न्यायिक रिमांड 14 दिन तक बढ़ा दी गई है। रिमांड के बाद उसे कोट भलवाल जेल भेज दिया गया। साथ ही उसकी कड़ी सुरक्षा के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले पुलिस ने उसे प्रिंसिपल सेशन जज संजय गुप्ता के सामने पेश किया। पुलिस की तरफ से सीपीओ जावेद अहमद ख्वाजा ने आरोपी की रिमांड के लिए अर्जी पेश की।
मंगलवार को यासिर की रिमांड खत्म हो रही थी। कोर्ट ने माना कि अभी पुलिस को जांच का वक्त मिलना चाहिए, क्योंकि यह बेहद ही संवेदनशील मामला है। वहीं यासिर को कोर्ट में वकीलों और लोगों के चले जाने के बाद पेश किया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच उसे जानीपुर थाने से रक्षक वाहन के बीच कोर्ट तक लाया गया।
दरअसल, पहली बार कोर्ट में पेश करने पर वकीलों ने यासिर के आने पर विरोध किया था और उसके साथ हाथापाई करने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने उसकी सुरक्षा बढ़ा दी। यासिर को हेलमेट पहनाकर कोर्ट लाया गया। अगर पुलिस 14 दिन के भीतर चालान पेश नहीं करती तो आरोपी को जमानत मिल सकती है।
आतंकी नावेद से ज्यादा सुरक्षा
उधमपुर में हमला करने वाले जिंदा पकड़े गए आतंकी नावेद को भी कोर्ट तक पहुंचाने में इतने पुलिस कर्मी नहीं लगाए जाते, जितने आपशंभु मंदिर के आरोपी यासिर को कोर्ट लाने पर पुलिस कर्मी लगाए जाते हैं। मंगलवार को करीब पचास पुलिस कर्मी यासिर के कोर्ट पहुंचने के लिए तैनात किए गए। खुद एसपी नार्थ, डीएसपी हेडक्वार्टर और जानीपुर के एसएचओ को मौके पर आना पड़ा।