पांच दशक तक कांग्रेस से जुड़े रहने वाले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को पहले नवरात्र पर जम्मू में भारत माता के जयघोष के बीच अपनी राष्ट्रीय स्तर की नई डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी का एलान किया। कहा, पार्टी का आधार लोकतांत्रिक, स्वतंत्र और शांतिपूर्ण होगा और यह आम लोगों से जुड़ी होगी। उन्होंने कहा कि मेरी किसी दल से प्रतिस्पर्धा नहीं है, लोकतंत्र में मास्टर जनता है। राजनीतिक में कोई दुश्मन नहीं होता हां दलों की नीतियों पर मतभेद हो सकते हैं। इस दौरान पीले, सफेद और नीले रंग से बने पार्टी के ध्वज का अनावरण किया गया। आजाद मंगलवार को श्रीनगर का दौरा करेंगे।
यहां पत्रकारों से रूबरू होते हुए आजाद ने बताया कि वह पहले 23 सितंबर को पार्टी का ऐलान करना चाहते थे, लेकिन फिर नवरात्र में इसकी घोषणा का फैसला लिया गया। पार्टी के ध्वज में पीला रंग रचनात्मकता, विविधता, सफेद रंग शांति और नीला स्वतंत्रा यानी खुली कल्पना को इंगित करता है। पार्टी के मुद्दे और कार्यप्रणाली बाद में घोषित की जाएगी। उन्होंने कहा कि वह महात्मा गांधी जी की विचारधारा से जुड़े रहे हैं। उनकी विचारधारा को कई अन्य दलों ने भी अपनाया है।
आजाद ने कहा कि अनुच्छेद 370 की वापसी के लिए मैंने लोकसभा में दो तिहाई बहुमत होने की बात कही थी जो मौजूदा विपक्ष के पास नहीं है। मैंने यह नहीं कहा था कि यह भी वापस नहीं हो सकता। हमारी पार्टी में आने लोग दूसरों के लिए प्रेरणा बनने का काम करेंगे। राजनीति में सेवा भाव से आने वाले लोग होंगे न कि पैसे बनाने वाले। पार्टी में 50 प्रतिशत नौजवानों और महिलाओं को शामिल किया जाएगा।
उम्र की कोई सीमा नहीं रखी जाएगी। आगामी चुनावों को देखते हुए पार्टी को जल्द पंजीकृत करवाकर गतिविधियों को शुरू करना है। जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने, स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां व भूमि के अधिकार सुरक्षित करने के लिए संघर्ष करेंगे। इस दौरान उपमुख्यमंत्री तारा चंद, पूर्व विधायक जीएम सरूरी, बलवान सिंह, मनोहर लाल, जुगल किशोर शर्मा आदि मौजूद रहे।
जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव प्रथा को बहाल करें
जम्मू कश्मीर में दरबार मूव की प्रथा को बहाल किया जाए। इससे जम्मू और कश्मीर संभाग के लोग एक दूसरे से जुड़े हुए थे। संस्कृति का आदान प्रदान होने के साथ खासतौर पर जम्मू में विभिन्न तरह के कारोबार को बढ़ावा मिलता था। इसी तरह वर्तमान में कश्मीर में सेब का सीजन है। सेब जम्मू सहित देश के अन्य हिस्सों में पहुंचता है, इसलिए हाईवे पर सेब के ट्रकों की एंबुलेस की तर्ज पर आवाजाही को सुनिश्चित किया जाए। जम्मू संभाग में बारिश से खराब हुई फसल का किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।