राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के 4 दिवसीय दौरे के पहले दिन कश्मीर पहुंच गए हैं। सोमवार को राष्ट्रपति कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर द्रास में स्थित कारगिल वॉर मेमोरियल में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। वे रविवार सुबह 11.15 बजे श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरे। वहां उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। सोमवार सुबह श्रीनगर स्थित राजभवन से 15 कोर मुख्यालय पहुंचेंगे जहां से वे द्रास के लिए रवाना होंगे।
जानकारी के अनुसार द्रास में उतरने के बाद राष्ट्रपति सुबह करीब 9.45 बजे कारगिल वॉर मेमोरियल पहुंचेंगे। कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि के बाद वह विजिटर्स बुक में अपने कमेंट्स लिखेंगे। फिर कारगिल युद्ध के दिग्गजों, वीर नारियों और सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे। इसके बाद वह सीधा वहां से श्रीनगर के लिए रवाना होंगे, जहां वे 15 कोर मुख्यालय में लैंड करने के बाद राज भवन जाएंगे। सूत्रों के अनुसार शाम 5 बजे राष्ट्रपति राज भवन में यूनिफाइड हाईकमान के सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे, जिसमें उन्हें सुरक्षा और अन्य पहलुओं को लेकर जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति और यहां आए बदलाव से अवगत कराया जाएगा।
इस बीच राष्ट्रपति के उत्तरी कश्मीर के बारामुला और गुलमर्ग में स्थित हाई अल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (हॉज) पहुंचने की संभावना है। वह जवानों से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा वह श्रीनगर की डल झील के किनारे स्थिति एसकेआईसीसी में 27 जुलाई को आयोजित होने वाले कश्मीर विश्वविद्यालय के 19वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे। 28 जुलाई की सुबह वे दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
कश्मीर घाटी में कड़ा सुरक्षा पहरा
राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए कार्यक्रम स्थल से लेकर कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। सभी प्रमुख नाकों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। यहां तक कि डल झील के आसपास डलगेट से लेकर निशात बाग तक चार दिन ट्रैफिक चलने की अनुमति भी नहीं है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों जिनकी वहां बुकिंग है, उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। झील में भी जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की वाटर विंग के जवानों को भी तैनात रखा गया है जो लगातार गश्त कर रहे हैं।
विस्तार
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के 4 दिवसीय दौरे के पहले दिन कश्मीर पहुंच गए हैं। सोमवार को राष्ट्रपति कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर द्रास में स्थित कारगिल वॉर मेमोरियल में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। वे रविवार सुबह 11.15 बजे श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरे। वहां उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, पुलिस और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। सोमवार सुबह श्रीनगर स्थित राजभवन से 15 कोर मुख्यालय पहुंचेंगे जहां से वे द्रास के लिए रवाना होंगे।
जानकारी के अनुसार द्रास में उतरने के बाद राष्ट्रपति सुबह करीब 9.45 बजे कारगिल वॉर मेमोरियल पहुंचेंगे। कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि के बाद वह विजिटर्स बुक में अपने कमेंट्स लिखेंगे। फिर कारगिल युद्ध के दिग्गजों, वीर नारियों और सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे। इसके बाद वह सीधा वहां से श्रीनगर के लिए रवाना होंगे, जहां वे 15 कोर मुख्यालय में लैंड करने के बाद राज भवन जाएंगे। सूत्रों के अनुसार शाम 5 बजे राष्ट्रपति राज भवन में यूनिफाइड हाईकमान के सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे, जिसमें उन्हें सुरक्षा और अन्य पहलुओं को लेकर जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति और यहां आए बदलाव से अवगत कराया जाएगा।
इस बीच राष्ट्रपति के उत्तरी कश्मीर के बारामुला और गुलमर्ग में स्थित हाई अल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (हॉज) पहुंचने की संभावना है। वह जवानों से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा वह श्रीनगर की डल झील के किनारे स्थिति एसकेआईसीसी में 27 जुलाई को आयोजित होने वाले कश्मीर विश्वविद्यालय के 19वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे। 28 जुलाई की सुबह वे दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
कश्मीर घाटी में कड़ा सुरक्षा पहरा
राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए कार्यक्रम स्थल से लेकर कश्मीर घाटी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। सभी प्रमुख नाकों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। यहां तक कि डल झील के आसपास डलगेट से लेकर निशात बाग तक चार दिन ट्रैफिक चलने की अनुमति भी नहीं है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों जिनकी वहां बुकिंग है, उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। झील में भी जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की वाटर विंग के जवानों को भी तैनात रखा गया है जो लगातार गश्त कर रहे हैं।