{"_id":"61955adafb267d530d582c6a","slug":"jammu-and-kashmir-terrorist-organizations-looking-for-new-avenues-of-infiltration","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"जम्मू-कश्मीर : घुसपैठ के नए रास्ते तलाश रहे आतंकी संगठन, श्रीनगर को टेरर हब बनाने की साजिश","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
जम्मू-कश्मीर : घुसपैठ के नए रास्ते तलाश रहे आतंकी संगठन, श्रीनगर को टेरर हब बनाने की साजिश
अजय मीनिया/बृजेश कुमार सिंह, जम्मू
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Thu, 18 Nov 2021 05:06 AM IST
सार
जम्मू के राजोरी, पुंछ, सांबा, कठुआ और जम्मू में अधिक घुसपैठ का खतरा।पीओके में बैठे आतंकी कमांडर आरिफ हाजी को नए रूट तलाशने का जिम्मा।
demo pic...
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
आतंकी संगठन सरहद पर घुसपैठ के नए रास्ते तलाश रहे हैं। कश्मीर में बर्फ गिरने से पहले आतंकी संगठनों पर दबाव है कि बड़ी संख्या में आतंकियों की घुसपैठ करवाई जाए। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने तीन संगठनों को हर हाल में घुसपैठ करने के लिए कहा है। इसे देखते हुए सेना और बीएसएफ ने एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अलर्ट जारी कर दिया है। मैदानी इलाकों में आगामी दिनों में कोहरा भी पड़ना शुरू हो जाएगा। ऐसे में अतिरिक्त गश्त और तैनाती कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार आतंकी संगठन लश्कर ए ताइबा, जैश ए मोहम्मद और अल बद्र को घुसपैठ के लिए कहा गया है। यह संगठन जम्मू, पुंछ, कठुआ, राजोरी और पुंछ के अलावा कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुला और बांदीपोरा में करीब 12 नए रास्ते तलाश रहे हैं। पीओके कोटली में बैठे लश्कर के कमांडर आरिफ हाजी को इसकी कमान दी गई है। हाजी को जिम्मा दिया गया है कि वह अपने नेटवर्क की मदद से नए रास्ते तलाश कर घुसपैठ कराए। वहीं सुरक्षा एजेंसियों ने इन आतंकियों के 12 रास्तों की सूची तैयार की है, जहां से यह घुसपैठ कर सकते हैं। इन रास्तों पर बीएसएफ और सेना के जवानों को तैनात कर गश्त बढ़ा दी गई है।
जम्मू को दहलाने की साजिश
सूत्रों का कहना है कि आतंकी संगठन जम्मू, सांबा और कठुआ के बार्डर और राजोरी-पुंछ की एलओसी पर सबसे अधिक घुसपैठ करने की फिराक में हैं। इन जिलों की सरहद पर ज्यादा रूट तलाशे जा रहे हैं। संभव है कि आतंकी टनल खोद घुसपैठ करें, या फिर नदी-नालों के जरिये इस तरफ आने की कोशिश करें। जो रास्ते जम्मू को जोड़ते हैं। उन जगहों से अधिक घुसपैठ हो सकती है।
पीओके में बैठे आतंकियों के पास अफगानी कंपनी के सिम
सूत्रों का कहना है कि सरहद के पार खुफिया एजेंसियों ने पीओके में बैठे आतंकियों के पास अफगानिस्तान मोबाइल कंपनी की सिम को भी डिटेक्ट किया है। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि अफगानी आतंकी हैं या नहीं, लेकिन अफगानी मोबाइल सिम जरूर डिटेक्ट की गई हैं।
सर्दी में चुनौती, लेकिन सेना तैयार
आतंकी संगठन सर्दी में राजोरी और पुंछ जिलों की एलओसी से घुसपैठ की फिराक में रहते हैं। मौसम भी खराब होता है और कोहरे की भी चुनौती रहती है। इसे लेकर सेना पूरी तरह से तैयार रहती है। घुसपैठ की आशंकाओं को देखते हुए अतिरिक्त चौकसी बढ़ाई गई है। - लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद, प्रवक्ता, सेना
जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर को आतंकी संगठन हब बनाने में जुटे हुए हैं। शहर के डाउनटाउन तथा बाहरी इलाके में दहशतगर्दों की पिछले कुछ महीने में गतिविधियां बढ़ी हैं। पाकिस्तान के इशारे पर लश्कर-ए-ताइबा, टीआरएफ तथा कुछ नए संगठनों की ओर से भीड़भाड़ वाले इलाकों में ठिकाना बनाने की कवायद की जा रही है।
खुफिया एजेंसियों के पास इनपुट है कि आतंकी ठिकाना बनाकर शहर में बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रची जा रही है। साथ ही भोले भाले युवाओं को भ्रमित कर उन्हें आतंकी संगठन में शामिल कराने की कोशिशें भी की जा रही हैं। पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि आतंकियों की ओर से श्रीनगर को हब बनाने की कोशिशों के इनपुट मिले हैं। सभी संवेदनशील इलाकों पर नजर है। खुफिया एजेंसियों को भी सतर्क किया गया है।
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दरअसल सुरक्षा बलों की सख्ती की वजह से आतंकियों के हौसले पस्त हो गए हैं। आतंकियों का गढ़ माने जाने वाले दक्षिण तथा उत्तर कश्मीर में गतिविधियां कम हुई हैं। बड़े हमले करने का मौका नहीं मिल पा रहा है। छिटपुट घटनाओं के अलावा आतंकी तंजीमों को और रास्ते नहीं मिल रहे हैं। हथियारों की भी कमी हो गई है। संगठन में नई भर्ती में कमी आई है। ऐसे में सीमा पार से बड़ी घटनाओं का दबाव भी आ रहा है। साथ ही श्रीनगर को केंद्र बिंदु बनाने का निर्देश है ताकि चुनौती दी जा सके।
सूत्रों ने बताया कि श्रीनगर में पांच से छह आतंकियों के सक्रिय होने का इनपुट है। इनकी गतिविधियों को सुरक्षा बलों की ओर से लगातार ट्रैक किया जा रहा है। इनके मददगारों पर भी नजर रखी जा रही है। यह आतंकी युवाओं को चिह्नित करते हैं जिनका इस्तेमाल आसान टारगेट के रूप में किया जा सकता है। सोशल मीडिया के जरिये कट्टर बनाया जाता है। बहला फुसलाकर इन्हें हमले करने का टास्क सौंपा जाता है। इसके बाद उन्हें संगठन में शामिल कर लिया जाता है।
सोशल मीडिया से बोया जा रहा कट्टरता का बीज
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि 370 हटने के बाद अलगाववादियों की जुबान बंद होने के बाद सीमा पार से हिंसा फैलाने के लिए श्रीनगर को आतंकियों का हब बनाने की साजिश रची गई है। ताकि घाटी में हिंसा की वारदातें जारी रहें। पहले भी श्रीनगर से ही अलगाववादियों की आवाज पर पूरे कश्मीर में हिंसात्मक घटनाएं होती थीं। इसी की पुनरावृत्ति की साजिश के तहत श्रीनगर को केंद्र बिंदु बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार कई मामलों में जांच के दौरान यह पता लगा है कि सोशल मीडिया के जरिये युवाओं में कट्टरता का विष बोया जा रहा है।
विस्तार
आतंकी संगठन सरहद पर घुसपैठ के नए रास्ते तलाश रहे हैं। कश्मीर में बर्फ गिरने से पहले आतंकी संगठनों पर दबाव है कि बड़ी संख्या में आतंकियों की घुसपैठ करवाई जाए। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने तीन संगठनों को हर हाल में घुसपैठ करने के लिए कहा है। इसे देखते हुए सेना और बीएसएफ ने एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अलर्ट जारी कर दिया है। मैदानी इलाकों में आगामी दिनों में कोहरा भी पड़ना शुरू हो जाएगा। ऐसे में अतिरिक्त गश्त और तैनाती कर दी गई है।
विज्ञापन
जानकारी के अनुसार आतंकी संगठन लश्कर ए ताइबा, जैश ए मोहम्मद और अल बद्र को घुसपैठ के लिए कहा गया है। यह संगठन जम्मू, पुंछ, कठुआ, राजोरी और पुंछ के अलावा कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुला और बांदीपोरा में करीब 12 नए रास्ते तलाश रहे हैं। पीओके कोटली में बैठे लश्कर के कमांडर आरिफ हाजी को इसकी कमान दी गई है। हाजी को जिम्मा दिया गया है कि वह अपने नेटवर्क की मदद से नए रास्ते तलाश कर घुसपैठ कराए। वहीं सुरक्षा एजेंसियों ने इन आतंकियों के 12 रास्तों की सूची तैयार की है, जहां से यह घुसपैठ कर सकते हैं। इन रास्तों पर बीएसएफ और सेना के जवानों को तैनात कर गश्त बढ़ा दी गई है।
जम्मू को दहलाने की साजिश
सूत्रों का कहना है कि आतंकी संगठन जम्मू, सांबा और कठुआ के बार्डर और राजोरी-पुंछ की एलओसी पर सबसे अधिक घुसपैठ करने की फिराक में हैं। इन जिलों की सरहद पर ज्यादा रूट तलाशे जा रहे हैं। संभव है कि आतंकी टनल खोद घुसपैठ करें, या फिर नदी-नालों के जरिये इस तरफ आने की कोशिश करें। जो रास्ते जम्मू को जोड़ते हैं। उन जगहों से अधिक घुसपैठ हो सकती है।
पीओके में बैठे आतंकियों के पास अफगानी कंपनी के सिम
सूत्रों का कहना है कि सरहद के पार खुफिया एजेंसियों ने पीओके में बैठे आतंकियों के पास अफगानिस्तान मोबाइल कंपनी की सिम को भी डिटेक्ट किया है। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि अफगानी आतंकी हैं या नहीं, लेकिन अफगानी मोबाइल सिम जरूर डिटेक्ट की गई हैं।
सर्दी में चुनौती, लेकिन सेना तैयार
आतंकी संगठन सर्दी में राजोरी और पुंछ जिलों की एलओसी से घुसपैठ की फिराक में रहते हैं। मौसम भी खराब होता है और कोहरे की भी चुनौती रहती है। इसे लेकर सेना पूरी तरह से तैयार रहती है। घुसपैठ की आशंकाओं को देखते हुए अतिरिक्त चौकसी बढ़ाई गई है।
- लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद, प्रवक्ता, सेना
श्रीनगर में ठिकाना बनाने में जुटे आतंकी संगठन
जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर को आतंकी संगठन हब बनाने में जुटे हुए हैं। शहर के डाउनटाउन तथा बाहरी इलाके में दहशतगर्दों की पिछले कुछ महीने में गतिविधियां बढ़ी हैं। पाकिस्तान के इशारे पर लश्कर-ए-ताइबा, टीआरएफ तथा कुछ नए संगठनों की ओर से भीड़भाड़ वाले इलाकों में ठिकाना बनाने की कवायद की जा रही है।
खुफिया एजेंसियों के पास इनपुट है कि आतंकी ठिकाना बनाकर शहर में बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रची जा रही है। साथ ही भोले भाले युवाओं को भ्रमित कर उन्हें आतंकी संगठन में शामिल कराने की कोशिशें भी की जा रही हैं। पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि आतंकियों की ओर से श्रीनगर को हब बनाने की कोशिशों के इनपुट मिले हैं। सभी संवेदनशील इलाकों पर नजर है। खुफिया एजेंसियों को भी सतर्क किया गया है।
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दरअसल सुरक्षा बलों की सख्ती की वजह से आतंकियों के हौसले पस्त हो गए हैं। आतंकियों का गढ़ माने जाने वाले दक्षिण तथा उत्तर कश्मीर में गतिविधियां कम हुई हैं। बड़े हमले करने का मौका नहीं मिल पा रहा है। छिटपुट घटनाओं के अलावा आतंकी तंजीमों को और रास्ते नहीं मिल रहे हैं। हथियारों की भी कमी हो गई है। संगठन में नई भर्ती में कमी आई है। ऐसे में सीमा पार से बड़ी घटनाओं का दबाव भी आ रहा है। साथ ही श्रीनगर को केंद्र बिंदु बनाने का निर्देश है ताकि चुनौती दी जा सके।
सूत्रों ने बताया कि श्रीनगर में पांच से छह आतंकियों के सक्रिय होने का इनपुट है। इनकी गतिविधियों को सुरक्षा बलों की ओर से लगातार ट्रैक किया जा रहा है। इनके मददगारों पर भी नजर रखी जा रही है। यह आतंकी युवाओं को चिह्नित करते हैं जिनका इस्तेमाल आसान टारगेट के रूप में किया जा सकता है। सोशल मीडिया के जरिये कट्टर बनाया जाता है। बहला फुसलाकर इन्हें हमले करने का टास्क सौंपा जाता है। इसके बाद उन्हें संगठन में शामिल कर लिया जाता है।
सोशल मीडिया से बोया जा रहा कट्टरता का बीज
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि 370 हटने के बाद अलगाववादियों की जुबान बंद होने के बाद सीमा पार से हिंसा फैलाने के लिए श्रीनगर को आतंकियों का हब बनाने की साजिश रची गई है। ताकि घाटी में हिंसा की वारदातें जारी रहें। पहले भी श्रीनगर से ही अलगाववादियों की आवाज पर पूरे कश्मीर में हिंसात्मक घटनाएं होती थीं। इसी की पुनरावृत्ति की साजिश के तहत श्रीनगर को केंद्र बिंदु बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार कई मामलों में जांच के दौरान यह पता लगा है कि सोशल मीडिया के जरिये युवाओं में कट्टरता का विष बोया जा रहा है।
विज्ञापन
Link Copied
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।