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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने एक याचिका में सुनवाई करते हुए कहा कि किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज है तो उसे नया पासपोर्ट जारी न करने का आधार नहीं बनाया जा सकता है। हाईकोर्ट ने कहा, नया पासपोर्ट तभी रोका जा सकता है, जब जांच के दौरान आरोप तय हो जाएं और मामला कोर्ट में विचाराधीन हो।
याची राजेश गुप्ता की दलीलों को स्वीकार करते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के न्यायाधीश संजीव कुमार ने कहा, महज एफआईआर दर्ज होना या फिर जांच एजेंसी के पास जांच लंबित होना यह आधार नहीं देते कि किसी को नया पासपोर्ट ही जारी न किया जाए।
हाईकोर्ट ने कहा, इस मामले में तो सिर्फ एफआईआर दर्ज की गई है। जांच एजेंसी ने जांच अपने हाथ में ली है, जबकि कोर्ट में कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। कोर्ट ने कहा, पासपोर्ट अधिनियम की धारा 6 की उप धारा (2) का क्लॉज (एफ) स्पष्ट करता है कि मुकदमा दर्ज होने पर जांच शुरू होना भर यह अधिकार नहीं देता कि किसी आवेदक को पासपोर्ट देने से इन्कार कर दिया जाए।