न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बारामुला/द्रास
Published by: प्रशांत कुमार
Updated Mon, 26 Jul 2021 09:03 AM IST
कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बारामुला में डैगर युद्ध स्मारक पर सोमवार को शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि के बाद राष्ट्रपति ने ट्वीट में कहा - दुर्गम मौसम में भी देश की सरहदों की निगहबानी करने वाले 19वीं इन्फैंटरी डिवीजन के सैनिकों व अफसरों को देश सलाम करता है। अपने अदम्य साहस, शौर्य और बलिदान से इन्होंने जो असाधारण कहानियां इतिहास के पन्नों पर दर्ज की हैं देश सदैव उन्हें याद करता रहेगा। उन्होंने जवानों का हौसला भी बढ़ाया।
दरअसल राष्ट्रपति को द्रास में होने वाले मुख्य आयोजन में शामिल होना था परंतु मौसम खराब होने के कारण उन्होंने बारामुला में ही शहीदों को नमन किया। इस दौरान उनके साथ उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा और घाटी में स्थित सेना की चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे भी मौजूद रहे।
राष्ट्रपति ने डैगर युद्ध स्मारक की विजिटर बुक पर शहीदों के सम्मान में लिखे संदेश में कहा... देश 19वीं इन्फेंट्री डिवीजन के सैनिकों और अधिकारियों को सलाम करता है जो विपरीत मौसम की परिस्थितियों में सबसे दुर्गम इलाकों में हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। डैगर युद्ध स्मारक उन बहादुर सैनानियों के प्रति गहरा सम्मान प्रकट करता है जिन्होंने हमारे देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। मुझे विश्वास है कि यह स्मारक भारत के लोगों को भारतीय सेना के उच्चतम मूल्यों के बारे में शिक्षित और प्रेरित करेगा। उधर, खराब मौसम के कारण तीन साल में यह दूसरा मौका है जब राष्ट्रपति द्रास नहीं जा सके। इससे पहले 2019 में भी खराब मौसम के कारण द्रास जाने का कार्यक्रम रद्द किया गया था।
हाई अल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल आकर खुशी हुई
राष्ट्रपति ने लिखा कि गुलमर्ग में हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल का दौरा करना खुशी की बात है। महान जनरल थिमैया द्वारा स्थापित यह स्कूल प्रमुख संस्थानों में से एक है। सैनिकों के साथ बातचीत करके मुझे भी खुशी हुई। मैं उन्हें देश की रक्षा के लिए उनके प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।
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विस्तार
कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बारामुला में डैगर युद्ध स्मारक पर सोमवार को शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि के बाद राष्ट्रपति ने ट्वीट में कहा - दुर्गम मौसम में भी देश की सरहदों की निगहबानी करने वाले 19वीं इन्फैंटरी डिवीजन के सैनिकों व अफसरों को देश सलाम करता है। अपने अदम्य साहस, शौर्य और बलिदान से इन्होंने जो असाधारण कहानियां इतिहास के पन्नों पर दर्ज की हैं देश सदैव उन्हें याद करता रहेगा। उन्होंने जवानों का हौसला भी बढ़ाया।
दरअसल राष्ट्रपति को द्रास में होने वाले मुख्य आयोजन में शामिल होना था परंतु मौसम खराब होने के कारण उन्होंने बारामुला में ही शहीदों को नमन किया। इस दौरान उनके साथ उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा और घाटी में स्थित सेना की चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे भी मौजूद रहे।
राष्ट्रपति ने डैगर युद्ध स्मारक की विजिटर बुक पर शहीदों के सम्मान में लिखे संदेश में कहा... देश 19वीं इन्फेंट्री डिवीजन के सैनिकों और अधिकारियों को सलाम करता है जो विपरीत मौसम की परिस्थितियों में सबसे दुर्गम इलाकों में हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। डैगर युद्ध स्मारक उन बहादुर सैनानियों के प्रति गहरा सम्मान प्रकट करता है जिन्होंने हमारे देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। मुझे विश्वास है कि यह स्मारक भारत के लोगों को भारतीय सेना के उच्चतम मूल्यों के बारे में शिक्षित और प्रेरित करेगा। उधर, खराब मौसम के कारण तीन साल में यह दूसरा मौका है जब राष्ट्रपति द्रास नहीं जा सके। इससे पहले 2019 में भी खराब मौसम के कारण द्रास जाने का कार्यक्रम रद्द किया गया था।
हाई अल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल आकर खुशी हुई
राष्ट्रपति ने लिखा कि गुलमर्ग में हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल का दौरा करना खुशी की बात है। महान जनरल थिमैया द्वारा स्थापित यह स्कूल प्रमुख संस्थानों में से एक है। सैनिकों के साथ बातचीत करके मुझे भी खुशी हुई। मैं उन्हें देश की रक्षा के लिए उनके प्रयासों में सफलता की कामना करता हूं।
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