न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची
Published by: Sneha Baluni
Updated Mon, 23 Dec 2019 09:28 AM IST
झारखंड में पांच चरणों में चुनाव हो चुके हैं। वोटों की गिनती शुरू हो गई है। दोपहर तक सत्ता की चाबी किसके हाथ में होगी इसका फैसला हो जाएगा। यहां भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के गठबंधन बीच अहम लड़ाई है। भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान 37 सीटें जीती थीं। इस बार पार्टी ने 'अबकी बार 65 पार' का नारा दिया था। एग्जिट पोल के अनुसार सत्ताधारी पार्टी के लिए जेएमएम, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) मुश्किलें खड़ी कर सकती है। हालांकि शुरुआती रुझान में भाजपा और जेएमएम के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रही है।
ये हैं मुख्य राजनीतिक पार्टियां
आदिवासी बहुल राज्य झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और झारखंड विकास मोर्चा- प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) चुनाव के मैदान में उतरीं मुख्य पार्टियां है।
रघुबर दास ने मुख्यमंत्री के तौर पर 2014 में शपथ ली थी। तब भाजपा ने राज्य में 37 सीटें जीती थीं और पांच सीटे जीतने वाली आजसू के साथ गठबंधन करके राज्य में सरकार बनाई थी। हालांकि आजसू ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया और वह इस बार अकेले चुनाव मैदान में उतरी है।
भाजपा ने 81 सीटों वाले राज्य में अपने 79 उम्मीदवार उतारे हैं। आजसू के सुदेश महतो के खिलाफ भाजपा ने किसी प्रत्याशी को खड़ा नहीं किया और एक निर्वाचन क्षेत्र में एक उम्मीदवार का समर्थन किया है। जेएमएम अध्यक्ष हेमंत सोरेन, कांग्रेस और राजद भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए साथ आए हैं। जेएमएम ने 43 सीटों पर अपने उममीदवार उतारे हैं। वहीं कांग्रेस और राजद ने 31 और सात सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
ये हैं महत्वपूर्ण सीटें
- रघुबर दास जमशेदपुर पूर्व से अपने पूर्व कैबिनेट मंत्री सरयू राय (निर्दलीय) और कांग्रेस के गौरव वल्लभ के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
- झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दो सीटों- दुमका और बरहेट से चुनाव लड़ रहे हैं। दुमका से उनके खिलाफ भाजपा ने महिला एवं बाल विकास मंत्री लुईस मरांडी को खड़ा किया है।
- आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव हार गए थे। वह इस बार सिल्ली सीट से दोबारा अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
- पूर्व मिख्यमंत्री और जेवीएम-पी के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी धनवार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
झारखंड में पांच चरणों में चुनाव हो चुके हैं। वोटों की गिनती शुरू हो गई है। दोपहर तक सत्ता की चाबी किसके हाथ में होगी इसका फैसला हो जाएगा। यहां भाजपा और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के गठबंधन बीच अहम लड़ाई है। भाजपा ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान 37 सीटें जीती थीं। इस बार पार्टी ने 'अबकी बार 65 पार' का नारा दिया था। एग्जिट पोल के अनुसार सत्ताधारी पार्टी के लिए जेएमएम, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) मुश्किलें खड़ी कर सकती है। हालांकि शुरुआती रुझान में भाजपा और जेएमएम के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रही है।
ये हैं मुख्य राजनीतिक पार्टियां
आदिवासी बहुल राज्य झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और झारखंड विकास मोर्चा- प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) चुनाव के मैदान में उतरीं मुख्य पार्टियां है।
रघुबर दास ने मुख्यमंत्री के तौर पर 2014 में शपथ ली थी। तब भाजपा ने राज्य में 37 सीटें जीती थीं और पांच सीटे जीतने वाली आजसू के साथ गठबंधन करके राज्य में सरकार बनाई थी। हालांकि आजसू ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया और वह इस बार अकेले चुनाव मैदान में उतरी है।
भाजपा ने 81 सीटों वाले राज्य में अपने 79 उम्मीदवार उतारे हैं। आजसू के सुदेश महतो के खिलाफ भाजपा ने किसी प्रत्याशी को खड़ा नहीं किया और एक निर्वाचन क्षेत्र में एक उम्मीदवार का समर्थन किया है। जेएमएम अध्यक्ष हेमंत सोरेन, कांग्रेस और राजद भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए साथ आए हैं। जेएमएम ने 43 सीटों पर अपने उममीदवार उतारे हैं। वहीं कांग्रेस और राजद ने 31 और सात सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
ये हैं महत्वपूर्ण सीटें
- रघुबर दास जमशेदपुर पूर्व से अपने पूर्व कैबिनेट मंत्री सरयू राय (निर्दलीय) और कांग्रेस के गौरव वल्लभ के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
- झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दो सीटों- दुमका और बरहेट से चुनाव लड़ रहे हैं। दुमका से उनके खिलाफ भाजपा ने महिला एवं बाल विकास मंत्री लुईस मरांडी को खड़ा किया है।
- आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव हार गए थे। वह इस बार सिल्ली सीट से दोबारा अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
- पूर्व मिख्यमंत्री और जेवीएम-पी के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी धनवार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।