अपने अंतर में जाओ और अपना अस्तित्व वहीं ढूंढ़ो जहां तुम्हारी ज़िंदगी का स्रोत है। मेरे पास इससे बेहतर मशवरा नहीं है।
अपने भीतर जाइए। उस कारण को खोजिए, उस आवेग को ढूंढ़िए जो आपको लिखने पर विवश कर रहा है।
कुछ व्यक्तिगत और विलक्षण लिखने के लिए बहुत परिपक्वता की ज़रूरत होती है; ख़ासतौर से तब जब बहुत ही महान कृतियां पहले से उपलब्ध हों।
रचनात्मक कवि निर्धन नहीं होता; उसके लिए कुछ भी निरर्थक या अनावश्क नहीं है।
जब आप अपनी भीतर की दुनिया में पूरी तरह से डूबे होंगे और तब जो कविता अंदर से उभर कर आएगी, उसके लिए आप किसी और से नहीं पूछेंगे कि वह कविता अच्छी है या नहीं।
ऐसे हालात जो हमारे लिए बहुत निजी और महत्वपूर्ण हों, उनमें हम ख़ास तौर से पूरी तरह अकेले होते हैं।
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2 months ago
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