05:18 PM, 03-Oct-2022
इन उपायों से प्रसन्न होंगी माता रानी
- नवरात्रि में सच्चे मन से मां की आराधना करने से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
- घर के मुख्य दरवाजे पर कुमकुम से माता के चरण बनाएं। ऐसा करने से माता की कृपा मिलती है।
- नौवें दिन कन्याओं को कराकर दक्षिणा देने से देवी मां प्रसन्न होती हैं।
- घी का दीपक देवी के दाहिने हाथ और तिल के तेल का दीपक देवी के बाएं हाथ की तरफ रखें। ऐसा करने से घर में बरकत होती है।
04:27 PM, 03-Oct-2022
मनोकामना पूर्ति के लिए करें मां दुर्गा की ये आरती
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
जय अम्बे गौरी
माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को।
उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥
जय अम्बे गौरी
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥
जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥
जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥
जय अम्बे गौरी
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥
जय अम्बे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी।
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥
जय अम्बे गौरी
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ।
बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥
जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥
जय अम्बे गौरी
भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी।
मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी॥
जय अम्बे गौरी
कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥
जय अम्बे गौरी
श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥
जय अम्बे गौरी
03:50 PM, 03-Oct-2022
नवमी के दिन जरूर करें हवन
नवरात्रि हवन-सामग्री
हवन कुंड, आम की लकड़ी, चावल, जौ, कलावा, शक्कर, गाय का घी, पान का पत्ता, काला तिल, सूखा नारियल, लौंग, इलायची, कपूर, बताशा आदि।
हवन की विधि
सबसे पहले हवन कुंड को गंगाजल से शुद्ध कर लें। हवन कुंड के चारों तरफ कलावा बांध दें। इसके बाद उस पर स्वास्तिक बनाकर पूजा करें. फिर बाद हवन कुंड पर अक्षत, फूल और चंदन आदि अर्पित करें। इसके बाद हवन सामग्री तैयार कर लें। इसमें घी, शक्कर, चावल और कपूर डालें। फिर हवन कुंड में पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण दिशा की ओर 4 आम की लकड़ी रखें।
फिर इसके बीच में पान का पत्ता रखकर उस पर कपूर, लौंग, इलायची, बताशा आदि रखें. इसके बाद हवन कुंड में आम की लकड़ियां रखकर अग्नि प्रज्वलित करें। अब मंत्र बोलते हुए हवन सामग्री से अग्नि में आहुति दें। हवन संपूर्ण होने के बाद 9 कन्याओं की पूजा कर उन्हें भोजन कराएं। इसके बाद उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। फिर कन्याओं को दक्षिणा या उपहार देकर श्रद्धापूर्वक विदा करें।
03:14 PM, 03-Oct-2022
एक वर्ष में चार नवरात्रि होते हैं
शक्ति साधना का सबसे महत्वपूर्ण पर्व नवरात्रि को सनातन धर्म का सबसे पवित्र और ऊर्जा देना वाला पर्व माना गया है। एक वर्ष में चार नवरात्रि होते हैं। इनमें दो गुप्त और दो सामन्य कहे गए हैं।
02:14 PM, 03-Oct-2022
इस दिशा में रखें पूजन सामग्री
- देवी मां के पूजन में इस्तेमाल होने वाली पूजा सामग्री को पूजन स्थल के आग्नेय कोण में ही रखी जानी चाहिए।
- देवी मां को लाल रंग अत्याधिक प्रिय है। लाल रंग को वास्तु में भी शक्ति और शौर्य का प्रतीक माना गया है अतः माता को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, श्रृंगार की वस्तुएं एवं पुष्प यथासंभव लाल रंग के ही होने चाहिए।
- पूजा कक्ष के दरवाजे पर हल्दी,सिन्दूर या रोली से दोनों तरफ स्वास्तिक बना देने से घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करतीं है।
01:04 PM, 03-Oct-2022
शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि कल
कल शक्ति आराधना का पर्व नवरात्रि की नवमी तिथि है। इस तिथि पर देवी की महिषासुर मर्दिनी के रूप में पूजा की जाएगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महानवमी पर ही मां दुर्गा ने दैत्य महिषासुर का वध किया था। इस दिन हवन, पूजा और कन्याओं को भोजन कराते हुए उनकी पूजा की जाएगी। नवरात्रि के आखिरी दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री रूप की पूजा की जाएगी।
12:06 PM, 03-Oct-2022
अष्टमी-नवमी तिथि पर व्रत का महत्व
26 सितंबर से शुरू हुए शारदीय नवरात्रि का आज आठवां दिन है। आज आठवें दिन अष्टमी तिथि पर महाष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। देवी उपासना के लिए अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन पूजा,व्रत-उपवास और मंत्रोचार का विशेष महत्व होता है। अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा नवमी तिथि पर व्रत-उपवास रखा जाता है।
11:21 AM, 03-Oct-2022
दुर्गा सप्तशती के पाठ का महत्व
नवरात्रि पर मां दुर्गा की स्तुति और आराधना के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि दुर्गा सप्तशती के पाठ से मां दुर्गा जल्द प्रसन्न होती हैं और सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।सप्तशती में कुछ ऐसे भी स्तोत्र और मंत्र हैं जिनके विधिवत पाठ से वांछित फल की प्राप्ति होती है।
सर्वकल्याण के लिए
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्येत्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते।।
बाधा मुक्ति एवं धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिए
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय।।
आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजही ||
11:02 AM, 03-Oct-2022
दुर्गाष्टमी पर मां महागौरी को लगाएं यह भोग
आज शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि है और इस तिथि को महाष्टमी और दु्र्गा अष्टमी कहते हैं। इस तिथि पर मां महागौरी की पूजा अर्चना का विधान है। महागौरी की पूजा करने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं,घर में सुख-समृद्धि आने लगती है। माता महागौरी को नारियल का भोग बेहद प्रिय है, इसीलिए नवरात्रि के आठवें दिन आप भोग के रूप में नारियल चढ़ाएं।
10:28 AM, 03-Oct-2022
दुर्गाष्टमी पर पूजा से दूर होते हैं घर के वास्तुदोष
नवरात्रि पर मां दुर्गा नौ दिनों के लिए पृथ्वी पर आती हैं और भक्तों के द्वारा की गई पूजा से प्रसन्न होकर उन्हे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। इसके अलावा नवरात्रि पर घर पर मां दुर्गा की पूजा करने से घर से सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है।मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में कन्याओं को देवी का रूप मानकर आदर-सत्कार करने एवं भोजन कराने से घर का वास्तुदोष दूर होता है। ज्योतिष में भी कन्या पूजन को बहुत फलदायी माना गया है।
09:42 AM, 03-Oct-2022
क्यों पड़ा महागौरी का नाम
आज शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। इस दिन को महाष्टमी और दुर्गाष्टमी के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के आठवें दिन मां के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा उपासना करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मात्र 8 वर्ष की आयु में देवी ने महादेव को पाने के लिए घोर तप किया था जिस कारण उनके शरीर का पूरी रंग काला पड़ गया था, ऐसे में शिव ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उनके वरदान दिया और उनके ऊपर गंगाजल डाला। जिस कारण से देवी का रंग काला से गौर हो गया। तभी से इन्हें मां महागौरी के नाम से पूजा की जाती है।
09:22 AM, 03-Oct-2022
मां शक्ति की आराधना में जरूर करें 'ॐ जय अम्बे गौरी ' की आरती
मां दुर्गा जी की आरती
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
मांग सिंदूर विराजत, टीको जगमद को।
उज्जवल से दो नैना चन्द्रवदन नीको।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
शुंभ निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटव दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
ब्रम्हाणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शव पटरानी।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी।
मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै।।
ॐ जय अम्बे गौरी।।
08:54 AM, 03-Oct-2022
आज मां के भक्त नवरात्रि महाष्टमी पर्व पर जरूर करें ये उपाय
- मेष राशि के जातक आज दुर्गा कवज का पाठ जरूर करें।
- वृषभ राशि के लोग कन्या पूजन करें और उन्हें उपहार अवश्य दें।
- मिथुन राशि के जातक आज विधि-विधान से व्रत रखते हुए मां दु्र्गा की उपासना करें।
- कर्क राशि वाले लोग आज के दिन मां दु्र्गा को लाल गुड़हल का फूल अवश्य चढ़ाएं।
- सिंह राशि वाले जातक सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव को जल अर्पित करें और मां दु्र्गा का पाठ करें।
- कन्या राशि वाले लोग आज मां महागौरी का कच्चा नारियल अर्पित करें।
- तुला राशि के जातक आज दान करें और कन्याओं के पैर धोएं।
- वृश्चिक राशि के लोग दु्र्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें।
- धनु राशि के जातक आज पूरे दिन व्रत रखते हुए सुबह और शाम को माता की पूजा करें और उन्हें सिंदूर चढ़ाएं।
- मकर राशि के लोग आज दुर्गा पंडाल में जाकर मां के दर्शन अवश्य करें।
- कुंभ राशि के जातक कन्या पूजन करें
- मीन राशि के लोग आज महाष्टमी पर हवन जरूर करें।
Navratri 2022: अष्टमी तिथि पर जरूर करें मां महागौरी चालीसा का पाठ, वैवाहिक जीवन की परेशानियां होंगी खत्म
08:35 AM, 03-Oct-2022
मां महागौरी के मंत्र
आज दुर्गा अष्टमी पर मां महागौरी के इस मंत्र का जाप अवश्य करें।
मां महागौरी के मंत्र
श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्त्र महादेव प्रमोददा।।
Navratri Hawan Samagri List: हवन के बिना अधूरी है अष्टमी-नवमी की पूजा, जानिए विधि और सामग्री
08:27 AM, 03-Oct-2022
कुमारी पूजा का महत्व
नवरात्रि पर कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। महाष्टमी और नवमी के दिन कुमारी कन्याओं की पूजा की जाती है। इन्हे कंजक और कुमारिका पूजा के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 2 से 10 वर्ष की आयु की कुमारी कन्याओं का पूजन शुभ और उपयुक्त रहता है। कन्या पूजन में 9 बालिकाओं को देवी के अलग-अलग रूपों से इनकी पूजा की जाती है।
1.कुमारिका 2.त्रिमूर्ति 3.कल्याणी 4.रोहिणी 5.काली 6.चंडिका 7.शनभावी 8. दुर्गा 9.भद्रा या सुभद्रा