सपा कार्यालय में रविवार को हुई विधानमंडल दल की बैठक में पार्टी के विधायक आजम खां व उनके बेटे अब्दुल्ला आजम शामिल नहीं हुए। प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव भी इस बैठक से दूर रहे। बैठक से दूरी बनाने को लेकर सपा शीर्ष नेतृत्व व आजम के रिश्तों को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। करीब 27 माह बाद जेल से रिहा हुए आजम ने इशारों में पार्टी से अपनी नाराजगी का इजहार किया था। हालांकि अगले ही पल बीच का रास्ता अपनाते हुए यह भी कहा था कि, ‘उनकी कोई मजबूरी रही होगी।’ ऐसे में उनके विधानमंडल दल की बैठक में शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही थी। वहीं पिछली बार की बैठक में खुद को न बुलाए जाने से नाराज शिवपाल इस बार बैठक के शामिल नहीं हुए।
जो मिलने आए उनका शुक्रिया जो नहीं आए उनका भी
आजम ने रविवार दोपहर बाद मीडिया से कहा कि वह 10वीं बार विधायक चुने गए हैं। विधानसभा उनके लिए कोई नई जगह नहीं है। सेहत ठीक रही तो सोमवार को सत्र में हिस्सा लेंगे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराजगी के सवाल को टालते हुए कहा, ‘यह आपसे ही सुन रहा हूं।’ अखिलेश के मिलने न आने पर कहा कि जो आए उनका भी शुक्रिया और जो नहीं आए उनका भी।
‘अपनों’ से मुलाकात कर सियासी परवाज भरने में जुटे आजम
सपा के संस्थापक सदस्यों में शुमार आजम खां तयशुदा रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं। दो दिन घर पर रहने के बाद रविवार को वह सियासी रणभूमि में उतरे। घर पहुंचे लोगों से मुलाकात और जेल यात्रा कर सियासी संदेश दिया। लखनऊ में चल रही विधानमंडल दल की बैठक में गैर हाजिर होने की वजह भी बताई और अपनी ख्वाहिश का इजहार भी किया।
लखनऊ में चल रही विधानमंडल दल की बैठक में उनके नहीं आने को लेकर चर्चाएं शुरू हुई तो दोपहर बाद आजम खां ने सधे अंदाज में जवाब दिया। खुद की सेहत खराब होने और सोमवार को शपथ लेने का बयान देकर इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया है। सपा द्वारा कुछ न किए जाने के सवाल पर कहा कि वह इसे सिरे से नकारते हैं क्योंकि जो जितना कर सकता था, उसने उतना किया। दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट का तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने इंसाफ के तकाजों को पूरा किया।
आजम खां की दिनभर की गतिविधियों पर गौर किया जाए तो उन्होंने पूरा दिन अपनों के नाम रखा। सुबह बरेली के भोजीपुरा से सपा विधायक शहजिल इस्लाम से मुलाकात की तो दोपहर रामपुर जेल पहुंच गए। यहां बंद अपने करीबी मसूद और युसूफ मलिक से मुलाकात की। बाहर निकलने पर दोनों को बेगुनाह बताया। गुड्डू मसूद शत्रु संपत्ति को लेकर दर्ज मामले में आरोपी हैं। वह 26 अगस्त 2020 से जेल में बंद हैं। युसूफ मलिक जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीन कब्जाने के मामले में जेल में बंद हैं। यहां करीब 20 मिनट रहने के बाद वह अपने मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू घर पहुंचे। उनके परिजनों से मुलाकात की। बच्चों को गले लगाया। उनके पिता फिरासत अली खां का निधन पर दुख जताया। इन गतिविधियों के जरिए उन्होंने साफ संदेश दिया कि आजम खां अपनों के लिए हर पल तैयार रहेंगे।
तो बदलनी पड़ेगी माफिया की परिभाषा
रामपुर जेल से बाहर निकलते वक्त सपा नेता आजम खां ने कहा कि जिसके दो अकाउंट हों और वह भी लोकसभा और विधानसभा से मिलने वाले वेतन के। ऐसे व्यक्ति को यदि माफिया कहा जाए तो फिर सरकार को माफिया की परिभाषा बदलनी होगी। उन्होंने अधिवक्ता कपिल सिब्बल की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने वो हक अदा किया जो लहू के रिश्ते भी नहीं करते। उन्होंने कहा कि वह इकलौते ऐसे सांसद हैं, जिसे एक आवास भी नहीं दिया गया।
आजम- अब्दुल्ला के साथ शपथ लेंगे नसीर
शहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक आजम खां के साथ उनके बेटे और स्वार से विधायक अब्दुल्ला आजम खां और चमरौआ विधानसभा सीट से सपा विधायक नसीर अहमद खां भी शपथ लेंगे।
विस्तार
सपा कार्यालय में रविवार को हुई विधानमंडल दल की बैठक में पार्टी के विधायक आजम खां व उनके बेटे अब्दुल्ला आजम शामिल नहीं हुए। प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव भी इस बैठक से दूर रहे। बैठक से दूरी बनाने को लेकर सपा शीर्ष नेतृत्व व आजम के रिश्तों को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। करीब 27 माह बाद जेल से रिहा हुए आजम ने इशारों में पार्टी से अपनी नाराजगी का इजहार किया था। हालांकि अगले ही पल बीच का रास्ता अपनाते हुए यह भी कहा था कि, ‘उनकी कोई मजबूरी रही होगी।’ ऐसे में उनके विधानमंडल दल की बैठक में शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही थी। वहीं पिछली बार की बैठक में खुद को न बुलाए जाने से नाराज शिवपाल इस बार बैठक के शामिल नहीं हुए।
जो मिलने आए उनका शुक्रिया जो नहीं आए उनका भी
आजम ने रविवार दोपहर बाद मीडिया से कहा कि वह 10वीं बार विधायक चुने गए हैं। विधानसभा उनके लिए कोई नई जगह नहीं है। सेहत ठीक रही तो सोमवार को सत्र में हिस्सा लेंगे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराजगी के सवाल को टालते हुए कहा, ‘यह आपसे ही सुन रहा हूं।’ अखिलेश के मिलने न आने पर कहा कि जो आए उनका भी शुक्रिया और जो नहीं आए उनका भी।
‘अपनों’ से मुलाकात कर सियासी परवाज भरने में जुटे आजम
सपा के संस्थापक सदस्यों में शुमार आजम खां तयशुदा रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं। दो दिन घर पर रहने के बाद रविवार को वह सियासी रणभूमि में उतरे। घर पहुंचे लोगों से मुलाकात और जेल यात्रा कर सियासी संदेश दिया। लखनऊ में चल रही विधानमंडल दल की बैठक में गैर हाजिर होने की वजह भी बताई और अपनी ख्वाहिश का इजहार भी किया।
लखनऊ में चल रही विधानमंडल दल की बैठक में उनके नहीं आने को लेकर चर्चाएं शुरू हुई तो दोपहर बाद आजम खां ने सधे अंदाज में जवाब दिया। खुद की सेहत खराब होने और सोमवार को शपथ लेने का बयान देकर इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया है। सपा द्वारा कुछ न किए जाने के सवाल पर कहा कि वह इसे सिरे से नकारते हैं क्योंकि जो जितना कर सकता था, उसने उतना किया। दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट का तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने इंसाफ के तकाजों को पूरा किया।
आजम खां की दिनभर की गतिविधियों पर गौर किया जाए तो उन्होंने पूरा दिन अपनों के नाम रखा। सुबह बरेली के भोजीपुरा से सपा विधायक शहजिल इस्लाम से मुलाकात की तो दोपहर रामपुर जेल पहुंच गए। यहां बंद अपने करीबी मसूद और युसूफ मलिक से मुलाकात की। बाहर निकलने पर दोनों को बेगुनाह बताया। गुड्डू मसूद शत्रु संपत्ति को लेकर दर्ज मामले में आरोपी हैं। वह 26 अगस्त 2020 से जेल में बंद हैं। युसूफ मलिक जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीन कब्जाने के मामले में जेल में बंद हैं। यहां करीब 20 मिनट रहने के बाद वह अपने मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू घर पहुंचे। उनके परिजनों से मुलाकात की। बच्चों को गले लगाया। उनके पिता फिरासत अली खां का निधन पर दुख जताया। इन गतिविधियों के जरिए उन्होंने साफ संदेश दिया कि आजम खां अपनों के लिए हर पल तैयार रहेंगे।
तो बदलनी पड़ेगी माफिया की परिभाषा
रामपुर जेल से बाहर निकलते वक्त सपा नेता आजम खां ने कहा कि जिसके दो अकाउंट हों और वह भी लोकसभा और विधानसभा से मिलने वाले वेतन के। ऐसे व्यक्ति को यदि माफिया कहा जाए तो फिर सरकार को माफिया की परिभाषा बदलनी होगी। उन्होंने अधिवक्ता कपिल सिब्बल की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने वो हक अदा किया जो लहू के रिश्ते भी नहीं करते। उन्होंने कहा कि वह इकलौते ऐसे सांसद हैं, जिसे एक आवास भी नहीं दिया गया।
आजम- अब्दुल्ला के साथ शपथ लेंगे नसीर
शहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक आजम खां के साथ उनके बेटे और स्वार से विधायक अब्दुल्ला आजम खां और चमरौआ विधानसभा सीट से सपा विधायक नसीर अहमद खां भी शपथ लेंगे।