बसपा सुप्रीमो मायावती ने ना-ना करते हुए पार्टी को पूरी तरह से परिवारवाद के हवाले कर दिया है। उन्होंने भाई आनंद कुमार को पार्टी का दोबारा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोआर्डिनेटर बना दिया है।
इसके अलावा लोकसभा में संसदीय दल के नेता की जिम्मेदारी अमरोहा के सांसद दानिश अली को सौंपी है। उन्हें नगीना के सांसद गिरीश चंद्र की जगह लाया गया है।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने रविवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर संगठन के देश भर के जिम्मेदार नेताओं व पदाधिकारियों की बैठक में ये अहम एलान किए। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन बैठक में शामिल पार्टी के जिम्मेदार नेताओं ने संगठन में इस बड़े फेरदबल की पुष्टि कर दी है।
बसपा सुप्रीमो ने इन एलान के साथ अपने बाद पार्टी में नंबर दो के साथ नंबर तीन की पोजीशन भी तय कर दी है। बसपा में अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष सबसे ताकतवर माना जाता है। मायावती भी अध्यक्ष से पहले उपाध्यक्ष रही हैं। उन्होंने भाई आनंद को दोबारा यह जिम्मेदारी सौंप दी है। आनंद को इसके पहले भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन तब परिवारवाद का आरोप लगने पर उन्हें हटा दिया था।
बसपा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के बाद सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नेशनल कोआर्डिनेटर की मानी जाती है। बसपा में दो नेशनल कोआर्डिनेटर होते हैं। मायावती ने आकाश को नेशनल कोआर्डिनेटर बनाकर नंबर तीन की पोजीशन भी स्पष्ट कर दी है।
उन्होंने आकाश को लोकसभा चुनाव के दौरान बतौर स्टार प्रचारक लांच कर पहले ही संगठन में उनकी अहम भूमिका का संकेत कर दिया था। दूसरा कोआर्डिनेटर रामजी गौतम को बनाया गया है। रामजी पहले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे। आनंद के लिए उनसे उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी लेकर नेशनल कोआर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई है।
संगठन में नंबर चार तक दलित, संसदीय नेता पद मुस्लिम के हवाले
मायावती ने पिछले दिनों दिल्ली की मीटिंग में नगीना के सांसद गिरीश चंद्र को लोकसभा में बसपा संसदीय दल का नेता घोषित किया था। मुख्य सचेतक की जिम्मेदारी अमरोहा के सांसद दानिश अल को सौंपी गई थी। उपनेता जौनपुर के सांसद श्याम सिंह यादव बनाए गए थे।
रविवार को मायावती ने पार्टी में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के साथ नेशनल कोआर्डिनेटर के दोनों महत्वपूर्ण पदों पर दलितों को जिम्मेदारी देने के बाद लोकसभा में संसदीय दल के नेता की जिम्मेदारी दानिश अली को सौंप दी है। अब गिरीश चंद्र लोकसभा में मुख्य सचेतक होंगे। श्याम सिंह उपनेता पद पर पहले की तरह बने रहेंगे।
बसपा में अमरोहा के सांसद दानिश अली की अहमियत तेजी से बढ़ी है। उन्हें लोकसभा में संसदीय दल का नेता बनाने के साथ ही यूपी में विधानसभा की सभी आरक्षित सीटों पर संगठन मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है।
बसपा में नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बाद दानिश पहले ऐसे मुस्लिम नेता बताए जा रहे हैं जिन्हें पूरे प्रदेश में एक साथ इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। बताया जा रहा है कि मायावती दानिश अली को पार्टी में मुस्लिम लीडर के तौर पर उभार रही हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ना-ना करते हुए पार्टी को पूरी तरह से परिवारवाद के हवाले कर दिया है। उन्होंने भाई आनंद कुमार को पार्टी का दोबारा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोआर्डिनेटर बना दिया है।
इसके अलावा लोकसभा में संसदीय दल के नेता की जिम्मेदारी अमरोहा के सांसद दानिश अली को सौंपी है। उन्हें नगीना के सांसद गिरीश चंद्र की जगह लाया गया है।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने रविवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर संगठन के देश भर के जिम्मेदार नेताओं व पदाधिकारियों की बैठक में ये अहम एलान किए। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन बैठक में शामिल पार्टी के जिम्मेदार नेताओं ने संगठन में इस बड़े फेरदबल की पुष्टि कर दी है।
बसपा सुप्रीमो ने इन एलान के साथ अपने बाद पार्टी में नंबर दो के साथ नंबर तीन की पोजीशन भी तय कर दी है। बसपा में अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष सबसे ताकतवर माना जाता है। मायावती भी अध्यक्ष से पहले उपाध्यक्ष रही हैं। उन्होंने भाई आनंद को दोबारा यह जिम्मेदारी सौंप दी है। आनंद को इसके पहले भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन तब परिवारवाद का आरोप लगने पर उन्हें हटा दिया था।