विधान परिषद में सपा के आनंद सिंह भदौरिया ने एक वर्ष के लिए विधायक निधि के स्थगन पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि विधायक अपने क्षेत्र की जनता की मदद नहीं कर पा रहे हैं। पहले विधायक जनता के लिए दर्द निवारक थे, लेकिन अब उनसे यह क्षमता छीन ली गई है।
इसके लिए उन्होंने जिस शब्द का प्रयोग किया, उसे सत्तापक्ष के सदस्यों ने असंसदीय बताते हुए विरोध किया। अधिष्ठाता ने कहा कि अगर असंसदीय है तो उस शब्द को निकाल दिया जाए। नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सदस्यों की बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे। सक्षम सदस्यों को कोविड फंड में और अधिक राशि दान करनी चाहिए।
निधि को वापस मांगना उचित नहीं है। अधिष्ठाता सुरेश त्रिपाठी ने प्रकरण को विधायी समाधिकार समिति को संदर्भित करने का निर्देश दिया। सपा के मधुकर जेटली ने कोरोना संक्रमण काल में सहकारी बैंक के चुनाव कराने को अनुचित बताया। पीठ ने सरकार को अपने इस फैसले पर विचार करने के निर्देश दिए। कांग्रेस के दीपक सिंह ने किसानों को यूरिया खाद और बीज की किल्लत का मामला प्रमुखता से रखा।
बसपा के अतर सिंह राव ने विशेषाधिकार हनन के तहत परिवहन विभाग के प्रबंध निदेशक राजशेखर के खिलाफ मामला उठाया। उन्होंने कहा कि वे राजशेखर से मिलने उनके ऑफिस में गए, पर मुलाकात नहीं हो सकी। कई बार फोन करने के बाद भी राजशेखर ने न तो उनका फोन रिसीव किया और न पलट कर कॉल की।
उनको यहां तलब किया जाना चाहिए। इस पर नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि राजशेखर कोरोना संक्रमित हैं। राजशेखर ने बताया है कि जब अतर सिंह राव उनके दफ्तर में आए थे, तब वह वहां मौजूद नहीं थे। पूरे प्रकरण पर राजशेखर ने खेद भी प्रकट किया है।
एमएलसी राज बहादुर सिंह चंदेल ने कानपुर नगर के लल्लू प्रसाद इंटर कॉलेज की जमीन का व्यक्तिगत रूप से इस्तेमाल किए जाने का मुद्दा उठाया। कहा कि प्रबंधन चयन आयोग से चयनित शिक्षकों को भी कार्यभार ग्रहण नहीं करा रहा है। उन्होंने इंटर कॉलेज में व्याप्त वित्तीय अनियमितताओं की जांच की मांग की।
नेता सदन ने कहा कि इस मामले में जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट मिलने पर समुचित कार्यवाही की जाएगी। एमएलसी सुरेश त्रिपाठी ने वित्तविहीन शिक्षकों को वेतन न मिलने का मुद्दा उठाया। कहा, सरकार उनके लिए राहत पैकेज दे। नेता सदन ने कहा कि वेतन भुगतान के लिए प्रबंधन को निर्देश दे दिए गए हैं।
फिलहाल इन्हें सरकार की ओर से मानदेय देने का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। सपा के सुनील साजन ने कहा कि कोरोना के नाम पर खर्च हो रही रकम की बंदरबांट हो रही है। पीजीआई में कोरोना के मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाही को सामने रखते हुए कहा, मैं भी कोरोना से संक्रमित हुआ।
मेरे साथ ही कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान पीजीआई में भर्ती थे। कोरोना से नहीं, बल्कि सरकार की अव्यवस्था से उनकी मौत हुई। नेता सदन ने कहा कि सुनील साजन ने कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के बारे में जो कहा है, अब वह जीवित नहीं हैं, जो उनसे पूछा जाए। इस तरह की किस्सागोई उचित नहीं है।
विधान परिषद में सपा के आनंद सिंह भदौरिया ने एक वर्ष के लिए विधायक निधि के स्थगन पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि विधायक अपने क्षेत्र की जनता की मदद नहीं कर पा रहे हैं। पहले विधायक जनता के लिए दर्द निवारक थे, लेकिन अब उनसे यह क्षमता छीन ली गई है।
इसके लिए उन्होंने जिस शब्द का प्रयोग किया, उसे सत्तापक्ष के सदस्यों ने असंसदीय बताते हुए विरोध किया। अधिष्ठाता ने कहा कि अगर असंसदीय है तो उस शब्द को निकाल दिया जाए। नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सदस्यों की बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे। सक्षम सदस्यों को कोविड फंड में और अधिक राशि दान करनी चाहिए।
निधि को वापस मांगना उचित नहीं है। अधिष्ठाता सुरेश त्रिपाठी ने प्रकरण को विधायी समाधिकार समिति को संदर्भित करने का निर्देश दिया। सपा के मधुकर जेटली ने कोरोना संक्रमण काल में सहकारी बैंक के चुनाव कराने को अनुचित बताया। पीठ ने सरकार को अपने इस फैसले पर विचार करने के निर्देश दिए। कांग्रेस के दीपक सिंह ने किसानों को यूरिया खाद और बीज की किल्लत का मामला प्रमुखता से रखा।