न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: अमर उजाला लोकल ब्यूरो
Updated Wed, 08 Jul 2020 01:50 PM IST
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के कृष्णानगर स्थित मकान की रजिस्ट्री की तलाश में मंगलवार शाम पुलिस ने एक बार फिर पूरा घर खंगाल डाला, लेकिन रजिस्ट्री नहीं मिली। वहीं, जांच के लिए पहुंची एलडीए की टीम को मकान पर ताला लगा मिला। इस कारण प्रवर्तन टीम कमरों और बेसमेंट की नापजोख नहीं कर पाई और बाहर से ही नाप ले सकी।
कृष्णानगर इंस्पेक्टर डीके उपाध्याय के नेतृत्व में पहुंची पुलिस टीम ने विकास के मकान से मिली तमाम फाइलें व कागजात जब्त कर लिए। अधिकारियों ने बताया कि कागजात में राजनीतिक पार्टियों के कई लेटरपैड और सैकड़ों प्रार्थनापत्र हैं। एक डायरी और जमीनों से संबंधित फाइलें भी मिली हैं। पुलिस का कहना है कि एसटीएफ ने वर्ष 2017 में विकास के पास से जो 30 स्प्रिंगफील्ड राइफल बरामद की थी, उसका भी पता नहीं चल पा रहा है। यह राइफल विकास के भाई दीप प्रकाश दुबे उर्फ दीपक के नाम से खरीदी गई थी।
कोर्ट से रिलीज ऑर्डर जारी होने के बाद दीपक ने कृष्णानगर थाने के मालखाने से राइफल रिसीव की थी। अब यह कहां है, इसकी जानकारी के लिए विकास की मां सरला और उसके छोटे भाई की पत्नी अंजली से पूछताछ की जाएगी। विकास की जमानत निरस्त कराने के साथ उसके भाई की राइफल का रिलीज ऑर्डर भी निरस्त कराया जाएगा। कृष्णानगर कोतवाली पुलिस को इसके निर्देश दिए गए हैं। टीम जल्द इसका प्रारूप बनाकर संबंधित न्यायालय में आवेदन करेगी।
पुलिस को विधान भवन के गेट नंबर पांच के पास विकास जैसी शक्ल वाले युवक की मौजूदगी की सूचना ने हिला दिया। किसी ने फोन कर बताया कि विकास कानपुर के नंबर की कार से आया है। सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर हजरतगंज अंजनी पांडेय ने पुलिसकर्मियों को भेजा। पूछताछ में युवक ने बताया कि वह एक अधिकारी को लेकर विधान भवन आया है। अधिकारी भीतर गए हैं। वह उनका इंतजार कर रहा है। कुछ देर बाद अधिकारी के आने पर युवक के बारे में जानकारी ली और उसे छोड़ा।
आशियाना में खोला था प्रॉपर्टी डीलिंग का ऑफिस
विकास ने आशियाना में प्रॉपर्टी डीलिंग का ऑफिस खोला था। यहां कुछ नेताओं और सफेदपोशों का आना-जाना था। पुलिस ऑफिस के बारे में जानकारी जुटा रही है। सूत्रों ने बताया कि विकास कानपुर की तरह लखनऊ में भी प्रॉपर्टी डीलिंग की आड़ में लोगों को डरा-धमकाकर वसूली का साम्राज्य खड़ा करना चाहता था।
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के कृष्णानगर स्थित मकान की रजिस्ट्री की तलाश में मंगलवार शाम पुलिस ने एक बार फिर पूरा घर खंगाल डाला, लेकिन रजिस्ट्री नहीं मिली। वहीं, जांच के लिए पहुंची एलडीए की टीम को मकान पर ताला लगा मिला। इस कारण प्रवर्तन टीम कमरों और बेसमेंट की नापजोख नहीं कर पाई और बाहर से ही नाप ले सकी।
कृष्णानगर इंस्पेक्टर डीके उपाध्याय के नेतृत्व में पहुंची पुलिस टीम ने विकास के मकान से मिली तमाम फाइलें व कागजात जब्त कर लिए। अधिकारियों ने बताया कि कागजात में राजनीतिक पार्टियों के कई लेटरपैड और सैकड़ों प्रार्थनापत्र हैं। एक डायरी और जमीनों से संबंधित फाइलें भी मिली हैं। पुलिस का कहना है कि एसटीएफ ने वर्ष 2017 में विकास के पास से जो 30 स्प्रिंगफील्ड राइफल बरामद की थी, उसका भी पता नहीं चल पा रहा है। यह राइफल विकास के भाई दीप प्रकाश दुबे उर्फ दीपक के नाम से खरीदी गई थी।
कोर्ट से रिलीज ऑर्डर जारी होने के बाद दीपक ने कृष्णानगर थाने के मालखाने से राइफल रिसीव की थी। अब यह कहां है, इसकी जानकारी के लिए विकास की मां सरला और उसके छोटे भाई की पत्नी अंजली से पूछताछ की जाएगी। विकास की जमानत निरस्त कराने के साथ उसके भाई की राइफल का रिलीज ऑर्डर भी निरस्त कराया जाएगा। कृष्णानगर कोतवाली पुलिस को इसके निर्देश दिए गए हैं। टीम जल्द इसका प्रारूप बनाकर संबंधित न्यायालय में आवेदन करेगी।