न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
Published by: Amit Mandal
Updated Fri, 04 Jun 2021 08:13 AM IST
प्रदेश के बिजलीकर्मियों ने फ्रंटलाइन वर्कर नहीं घोषित किए जाने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। इनका कहना है कि अगर एक हफ्ते में इसका ऐलान नहीं किया गया तो हड़ताल की जाएगी।
गुरुवार को संगठन से जुड़े लोगों ने इस संबंध में इंदौर में बिजली मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से मुलाकात भी की और अपनी मांगों को लेकर उन्हें मांगपत्र भी सौंपा।
इनकी मुख्य मांग है कि कोरोना काल में इन्हें फ्रंटलाइन वॉरियर घोषित किया जाए। मंत्री से मुलाकात के बाद कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने सरकार को एक हफ्ते का वक्त दिया है। इसके बाद हड़ताल पर फैसला ले लिया जाएगा।
इनका कहना है कि कोरोना के कारण कर्मचारियों की मौत हो रही है किसी तरह की सुविधा नहीं दी जा रही है। बिजली कर्मी 24 घंटे कार्य में लगे रहते हैं लेकिन उन्हें कोरोना योद्धा का दर्जा नहीं दिया जा रहा है।
प्रदेश में सबसे अधिक पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की स्थिति खराब है। खबरों की मानें तो इस महीने कंपनी के करीब 100 कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो चुकी है। वहीं, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में 42, पूर्व विद्युत वितरण कंपनी में 47 की मौत हो चुकी है। खबरों के मुताबिक, इंदौर में सबसे अधिक 26 कर्मचारियों की मौत हुई है।
प्रदेश के बिजलीकर्मियों ने फ्रंटलाइन वर्कर नहीं घोषित किए जाने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। इनका कहना है कि अगर एक हफ्ते में इसका ऐलान नहीं किया गया तो हड़ताल की जाएगी।
गुरुवार को संगठन से जुड़े लोगों ने इस संबंध में इंदौर में बिजली मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से मुलाकात भी की और अपनी मांगों को लेकर उन्हें मांगपत्र भी सौंपा।
इनकी मुख्य मांग है कि कोरोना काल में इन्हें फ्रंटलाइन वॉरियर घोषित किया जाए। मंत्री से मुलाकात के बाद कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने सरकार को एक हफ्ते का वक्त दिया है। इसके बाद हड़ताल पर फैसला ले लिया जाएगा।
इनका कहना है कि कोरोना के कारण कर्मचारियों की मौत हो रही है किसी तरह की सुविधा नहीं दी जा रही है। बिजली कर्मी 24 घंटे कार्य में लगे रहते हैं लेकिन उन्हें कोरोना योद्धा का दर्जा नहीं दिया जा रहा है।
प्रदेश में सबसे अधिक पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की स्थिति खराब है। खबरों की मानें तो इस महीने कंपनी के करीब 100 कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो चुकी है। वहीं, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में 42, पूर्व विद्युत वितरण कंपनी में 47 की मौत हो चुकी है। खबरों के मुताबिक, इंदौर में सबसे अधिक 26 कर्मचारियों की मौत हुई है।