मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कथित रूप से धमकी भरा पत्र भेजने वाले महाराष्ट्र के एक व्यक्ति की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यकंर की पीठ ने बुधवार को सुनवाई के दौरान प्रज्ञा को धमकी भरा पत्र भेजने के आरोपी डॉ. सैय्यद अब्दुल रहमान की जमानत याचिका खारिज कर दी। पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य है। उसका यह तर्क निराधार है कि मां तथा भाई ने उसके खिलाफ साजिश की है।
यह जानकारी याचिकाकर्ता रहमान के वकील नीरज जैन ने दी है। आरोपी की तरफ से तर्क दिया गया कि वह पिछले छह माह से जेल में है। वह पूरी तरह से निर्दोष है और मां तथा भाई ने उसके खिलाफ साजिश रची थी। सरकार की तरफ से बताया गया कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य है। केस डायरी का अवलोकन करने के बाद पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अधिवक्ता रामेश्वर राव ने पैरवी की। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने प्रज्ञा को धमकी भरे पत्र भेजने के मामले में महाराष्ट्र के नांदेड़ के धानेगांव निवासी डॉक्टर सैय्यद अब्दुल रहमान को 17 जनवरी को उसके घर से गिरफ्तार किया था।
उस पर आरोप है कि उसने अक्टूबर में एक लिफाफे में ऊर्दू में लिखा धमकी भरा पत्र प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भेजा था। शिकायत की जांच में पर एटीएस ने पाया कि धानेगांव इलाके में क्लिनिक चलाने वाला डॉक्टर सैयद अब्दुल रहमान खान ने यह संदिग्ध लिफाफा भेजा है। वह पहले भी अधिकारियों को संदिग्ध लिफाफे भेजने के आरोप में पकड़ा जा चुका है।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को कथित रूप से धमकी भरा पत्र भेजने वाले महाराष्ट्र के एक व्यक्ति की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यकंर की पीठ ने बुधवार को सुनवाई के दौरान प्रज्ञा को धमकी भरा पत्र भेजने के आरोपी डॉ. सैय्यद अब्दुल रहमान की जमानत याचिका खारिज कर दी। पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य है। उसका यह तर्क निराधार है कि मां तथा भाई ने उसके खिलाफ साजिश की है।
यह जानकारी याचिकाकर्ता रहमान के वकील नीरज जैन ने दी है। आरोपी की तरफ से तर्क दिया गया कि वह पिछले छह माह से जेल में है। वह पूरी तरह से निर्दोष है और मां तथा भाई ने उसके खिलाफ साजिश रची थी। सरकार की तरफ से बताया गया कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य है। केस डायरी का अवलोकन करने के बाद पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अधिवक्ता रामेश्वर राव ने पैरवी की। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने प्रज्ञा को धमकी भरे पत्र भेजने के मामले में महाराष्ट्र के नांदेड़ के धानेगांव निवासी डॉक्टर सैय्यद अब्दुल रहमान को 17 जनवरी को उसके घर से गिरफ्तार किया था।
उस पर आरोप है कि उसने अक्टूबर में एक लिफाफे में ऊर्दू में लिखा धमकी भरा पत्र प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भेजा था। शिकायत की जांच में पर एटीएस ने पाया कि धानेगांव इलाके में क्लिनिक चलाने वाला डॉक्टर सैयद अब्दुल रहमान खान ने यह संदिग्ध लिफाफा भेजा है। वह पहले भी अधिकारियों को संदिग्ध लिफाफे भेजने के आरोप में पकड़ा जा चुका है।