एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को शिरकत की। इस दौरान उन्होंने खुलकर कई मसलों पर अपनी बात रखी। बताया आखिर क्यों सदन में जाने के लिए पत्रकारों की संख्या सीमित कर दी गई है? इसके अलावा नए संसद भवन में मीडिया गैलरी नहीं बनाने और राहुल गांधी को सदन में बोलने का मौका न देने के आरोपों का भी जवाब दिया। पढ़िए क्या कहा?
पत्रकारों को सदन में जाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई?
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, 'अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है। मेरा हमेशा से प्रयास रहा है कि सदन में सभी पत्रकार आएं और रिपोर्टिंग करें। हम कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए संसद सत्र चला रहे हैं। मंत्री का प्राइवेट सेक्रेटरी या किसी अन्य स्टाफ को भी अंदर आने की अनुमति नहीं दी गई है। लोकप्रियता और आवश्यकताओं के अनुसार अभी 109 पत्रकारों को सदन में आने की अनुमति दी गई है।'
मैंने कुछ पत्रकार साथियों को बुलाकर पूछा था कि क्या कैमरामैन को अनुमति दे दी जाए? लेकिन पत्रकार साथियों ने कहा कि नहीं-नहीं कैमरामैन के साथ एक और साथी को जाने की अनुमति मिले। फिर हमने सदन के नेताओं से चर्चा की और उन्होंने इसके लिए मना कर दिया।
क्या नए संसद भवन में मीडिया गैलरी नहीं होगी?
लोकसभा अध्यक्ष ने इसे अफवाह बताया। कहा कि नई संसद में मीडिया की गैलरी भी होगी और उसमें पत्रकारों के बैठने के लिए संख्या भी अधिक होगी।
राहुल गांधी के आरोपों पर क्या बोले?
राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि सदन में विपक्ष के नेताओं और खासतौर पर उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है। बिना चर्चा कराए सारे बिल पारित कर दिए जाते हैं। इन आरोपों का ओम बिरला ने जवाब दिया। कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि मैंने कभी उनको बोलने का मौका न दिया हो। बल्कि, कभी लॉटरी में उनका नाम नहीं होता है तो भी मैं उनको समय देता हूं। रात में 12 बजे तक सदन चलाता हूं। अंतिम वक्ता के बोलने तक सदन चलता है। उनके (कांग्रेस) नेताओं की बात ही सुन लिजिए। वह लोग ये हमेशा कहते हैं कि सदन में सभी की बातें सुनी जाती है।
विस्तार
एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को शिरकत की। इस दौरान उन्होंने खुलकर कई मसलों पर अपनी बात रखी। बताया आखिर क्यों सदन में जाने के लिए पत्रकारों की संख्या सीमित कर दी गई है? इसके अलावा नए संसद भवन में मीडिया गैलरी नहीं बनाने और राहुल गांधी को सदन में बोलने का मौका न देने के आरोपों का भी जवाब दिया। पढ़िए क्या कहा?
पत्रकारों को सदन में जाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई?
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, 'अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है। मेरा हमेशा से प्रयास रहा है कि सदन में सभी पत्रकार आएं और रिपोर्टिंग करें। हम कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए संसद सत्र चला रहे हैं। मंत्री का प्राइवेट सेक्रेटरी या किसी अन्य स्टाफ को भी अंदर आने की अनुमति नहीं दी गई है। लोकप्रियता और आवश्यकताओं के अनुसार अभी 109 पत्रकारों को सदन में आने की अनुमति दी गई है।'
मैंने कुछ पत्रकार साथियों को बुलाकर पूछा था कि क्या कैमरामैन को अनुमति दे दी जाए? लेकिन पत्रकार साथियों ने कहा कि नहीं-नहीं कैमरामैन के साथ एक और साथी को जाने की अनुमति मिले। फिर हमने सदन के नेताओं से चर्चा की और उन्होंने इसके लिए मना कर दिया।
क्या नए संसद भवन में मीडिया गैलरी नहीं होगी?
लोकसभा अध्यक्ष ने इसे अफवाह बताया। कहा कि नई संसद में मीडिया की गैलरी भी होगी और उसमें पत्रकारों के बैठने के लिए संख्या भी अधिक होगी।
राहुल गांधी के आरोपों पर क्या बोले?
राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि सदन में विपक्ष के नेताओं और खासतौर पर उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है। बिना चर्चा कराए सारे बिल पारित कर दिए जाते हैं। इन आरोपों का ओम बिरला ने जवाब दिया। कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि मैंने कभी उनको बोलने का मौका न दिया हो। बल्कि, कभी लॉटरी में उनका नाम नहीं होता है तो भी मैं उनको समय देता हूं। रात में 12 बजे तक सदन चलाता हूं। अंतिम वक्ता के बोलने तक सदन चलता है। उनके (कांग्रेस) नेताओं की बात ही सुन लिजिए। वह लोग ये हमेशा कहते हैं कि सदन में सभी की बातें सुनी जाती है।