नवरात्रि परम शक्ति की साधना का पर्व है। श्रद्धा और विश्वास के साथ इस पावन पर्व पर माता का पूजन करने से चारो पुरुषार्थ धर्म ,अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस नवरात्रि पर अपनी सभी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए इस प्रकार करे साधना-आराधना :

मंत्र से मिलेगी परीक्षा-प्रतियोगिता में कामयाबी
विद्यार्थी वर्ग और जिन लोंगो कि जन्म कुंडली में गोचर में राहु अशुभ हों उनकी दशा, अन्तर्दशा अथवा प्रत्यंतर दशा चल रही हो वै सभी 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः' मंत्र पढ़ते हुए माता शक्ति कि पूजा अथवा जाप करें।
विद्यार्थी वर्ग और जिन लोंगो कि जन्म कुंडली में गोचर में राहु अशुभ हों उनकी दशा, अन्तर्दशा अथवा प्रत्यंतर दशा चल रही हो वै सभी 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः' मंत्र पढ़ते हुए माता शक्ति कि पूजा अथवा जाप करें।

कलह को दूर करने का उपाय
जिन जीवात्माओं के घर में कलह के चलते घर की ईंट से ईंट टकराती हो, उन्हें - 'या देवि! सर्व भूतेषु शान्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।' मंत्र का जप और पूजन करना चाहिए। जगत जननी जगदंबा का यह उपाय आपके घर-परिवार कि अशांति दूर करेगा।
जिन जीवात्माओं के घर में कलह के चलते घर की ईंट से ईंट टकराती हो, उन्हें - 'या देवि! सर्व भूतेषु शान्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।' मंत्र का जप और पूजन करना चाहिए। जगत जननी जगदंबा का यह उपाय आपके घर-परिवार कि अशांति दूर करेगा।

ऐसे दूर होगा कर्ज का मर्ज
जिन लोंगों पर काफी कर्ज चढ़ चुका हो और सिर से पैर तक कर्ज से डूबे हुए हों, उनके लिए यह नवरात्र पर्व लक्ष्मी प्राप्ति और कर्ज से मुक्ति के प्रयास का सही समय है। आप शक्ति साधना के इस पावन पर्व पर 'या देवि सर्व भूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।' मंत्र का जप करें और इसी मंत्र से माँ कि पूजा करें। इन सबके अतिरिक्त यदि संभव हो तो कुंजिका स्तोत्र और देव्य अथर्वशीर्ष का पाठ भी करें। जिन्हें पूर्ण बिधि-बिधान आता है, वे भक्त अपने ही अनुसार माँ कि भक्ति करें। श्रद्धा और विश्वास के साथ की गई साधना से निश्चित रूप से मां लक्ष्मी की कृपा मिलेगी।
जिन लोंगों पर काफी कर्ज चढ़ चुका हो और सिर से पैर तक कर्ज से डूबे हुए हों, उनके लिए यह नवरात्र पर्व लक्ष्मी प्राप्ति और कर्ज से मुक्ति के प्रयास का सही समय है। आप शक्ति साधना के इस पावन पर्व पर 'या देवि सर्व भूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।' मंत्र का जप करें और इसी मंत्र से माँ कि पूजा करें। इन सबके अतिरिक्त यदि संभव हो तो कुंजिका स्तोत्र और देव्य अथर्वशीर्ष का पाठ भी करें। जिन्हें पूर्ण बिधि-बिधान आता है, वे भक्त अपने ही अनुसार माँ कि भक्ति करें। श्रद्धा और विश्वास के साथ की गई साधना से निश्चित रूप से मां लक्ष्मी की कृपा मिलेगी।

मंत्र से मिलेगी मनमुताबिक पत्नी
जिन लड़कों का विवाह तमाम प्रयासों के बाद भी न हो रहा हो, या फिर शादी में अक्सर अड़चन आ रही हो वे मनमुताबिक पत्नी पाने के लिए इस अनुभूत मंत्र - 'पत्नी मनोरमां देहि, मनो वृत्तानु सारिणीम तारिणीम दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भवाम।' का जप और पूजन करें। माता की अवश्य कृपा होगी।
जिन लड़कों का विवाह तमाम प्रयासों के बाद भी न हो रहा हो, या फिर शादी में अक्सर अड़चन आ रही हो वे मनमुताबिक पत्नी पाने के लिए इस अनुभूत मंत्र - 'पत्नी मनोरमां देहि, मनो वृत्तानु सारिणीम तारिणीम दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भवाम।' का जप और पूजन करें। माता की अवश्य कृपा होगी।