जहां आज सभी वाहन कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रूख कर रही हैं बता दें, आज से करीब 100 साल पहले ही अमेरिका में एक तिहाई इलेक्ट्रिक गाड़ियां हुआ करती थी। वहीं एक अंग्रेजी वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक आप से करीब 20 साल बाद यानी 2040 में फिर से वह दौर आएगा। जब आधे से ज्यादा कारें इलेक्ट्रिक होंगी। 1900 के दौर में मौजूद गाड़ियों के विलुत्प होने के पीछे वजह उस समय के गैसोलिन मॉडल्स थे। आइए डालते हैं एक नजर लुप्त हो चुकी कारों के इतिहास पर ।
1800-1900 के बीच
1800-1900 के बीच
इस समय में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर कई प्रयोग किए गए। रॉबर्ट ऐंडरसन को 1832 में ब्रिटेन की पहली इलेक्ट्रिक गाड़ी बनाने का श्रेय जाता है। साल 1899 में बेल्जियाई के रेस कार ड्राइवर केमिले जेनट्ज़ी ने खुद की बनाई एक इलेक्ट्रिक कार को 100 किमी प्रतिघंटा से ज्यादा की स्पीड पर दौड़ाया था। वहीं 13 सितंबर 1899 में सबसे पहले इलेक्ट्रिक टैक्सी बनाई गई थी।
1900-1910 के बीच
1900-1910 के बीच
इन दिनों वाहन निर्माता कंपनियों ने महिला ग्राहकों को लुभाने के लिए कुछ इलेक्ट्रिक कारें बनानी शुरू की। जिनमें फैंसी अपहोल्स्ट्री, फ्लावर वेस, घड़ी और यहां तक की मेकअप किट की भी सुविधा दी जाने लगी। इनको बनाते हुए कंपनियो ने दावा किया कि गैसोलिन मॉडल्स की तुलना में ये इलेक्ट्रिक गाड़ियां ज्यादा शांत हैं। इसी बीच फर्डिनांड पॉर्श ने अपनी पहली कार इलेक्ट्रिक कार P1 को बनाया था।
1920 से 1960 के बीच
1920 से 1960 के बीच
इन दिनों फोर्ड के मॉडल T और गैसोलिन से चलने वाले वाहनों के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड घटी। सन् 1959 में नेशनल इलेक्ट्रिक कॉर्प ने 100 रेनॉ Dauphines में कुछ बदलाव कर इन्हे बैटरी से चलने योग्या बनाया। जिसे Henney Kilowatts नाम दिया गया था।
1970 से 1980 के बीच
1970 से 1980 के बीच
सन् 1971 और 1972 में बैटरी की पावर पर जोर दिया गया। गैसोलिन की बढ़ती कीमत के कारण यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी अन्य ईंधन विकल्पो की तरफ रुख करने के लिए मजबूर हो गई ।