कृषि कानूनों के खिलाफ शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रदर्शन के कारण गुरुवार को जीरकपुर से चंडीगढ़ आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। गुरुवार शाम हल्लोमाजरा चौक से लेकर ट्रिब्यून चौक तक करीब चार घंटे तक ढाई किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। दरअसल, इस दौरान जीरकपुर व अंबाला की ओर जाने वाले लोगों को हल्लोमाजरा लाइट प्वाइंट से रूट डायवर्ट कर विकास नगर अंडरब्रिज से पंचकूला की ओर निकाला गया। यह स्थिति रात करीब दस बजे तक जारी रही। जीरकपुर की ओर से भी पुलिस ने बैरिकेड कर रास्ता बंद कर रखा था।
वहीं, मुल्लांपुर-चंडीगढ़ मार्ग पर भी लोगों की आवाजाही बंद थी। हालांकि बीच-बीच में लोगों को निकाला जा रहा था। देर रात करीब दस बजे अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल, बिक्रमजीत सिंह मजीठिया और बीबी जागीर कौर लाव-लश्कर के साथ मुल्लांपुर के रास्ते चंडीगढ़ बार्डर पर पहुंचे। इसी दौरान कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड को हटाकर चंडीगढ़ में दाखिल होने की कोशिश की तो पुलिस ने लाठीचार्ज और पानी की बौछारें शुरू कर दीं। करीब आधे घंटे तक बैरियर पर हंगामा चलता रहा। इस बीच विक्रमजीत सिंह मजीठिया ने पुलिस से अपील की कि कार्यकर्ताओं से मत उलझें।
उन्हें राजभवन तक जाने की अनुमति दी जाए लेकिन पुलिस ने उनकी गुजारिश को ठुकरा दिया। उसके बाद सुखबीर बादल अपने वाहन से नीचे उतर आए और बैरियर पर ही धरने में बैठ गए। अपने नेता को अगुवाई करते देख कार्यकर्ताओं में फिर से जोश आ गया और चंडीगढ़ की ओर बढ़ने लगे।
मामला बढ़ता देख चंडीगढ़ पुलिस ने सुखबीर बादल, विक्रमजीत सिंह मजीठिया समेत अन्य नेताओं को हिरासत में लेकर सेक्टर-17 थाने पहुंच गई। सूचना मिलते ही अकाली कार्यकर्ता भी सेक्टर-17 पहुंच गए। यहां पर भी कार्यकर्ताओं ने खूब नारेबाजी की। हंगामा इतना बढ़ गया है कि पुलिस को सेक्टर -17 थाना का मुख्य गेट भी बंद करना पड़ा। कुछ देर बैठाने के बाद पुलिस ने सुखबीर सिंह बादल समेत अन्य नेताओं को छोड़ दिया।
मुल्लांपुर बैरियर पर ड्रोन से रखी गई नजर
मुल्लांपुर पर शिअद का काफिला रोकने के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने डेढ़ हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। इस दौरान डीएसपी कृष्ण वर्मा और डीएसपी चरणजीत सिंह विर्क समेत करीब 12-15 इंस्पेक्टरों को तैनात किया गया था। साथ में वज्र वाहन, वाटर कैनन के साथ निगरानी में ड्रोन कैमरा का इस्तेमाल किया गया। इसके अतिरिक्त पैरामिलिट्री फोर्स की भी तैनाती की गई थी। कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए दो स्तर पर बैरिकेड लगाया गया था। पुलिस की मुस्तैदी को जांचने के लिए डीआईजी ओमवीर सिंह बिश्नोई, एसएसपी कुलदीप सिंह चहल और एसपी मनोज कुमार मीणा भी मुल्लांपुर बैरियर पहुंचे।