दिल्ली में मारी गई शैलजा द्विवेदी के बारे में भाई सुकरण कालिया ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। वहीं, बहन की एक दिली ख्वाहिश भी बताई, जो पूरी न हो सकी। सोमवार को अमृतसर के श्री दुर्ग्याणा शिवपुरी में शैलजा का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान छह साल का मासूम मां के शव से लिपटकर रोता रहा।
जिस दिन से शैलजा की हत्या की खबर आई है, पंजाब में अमृतसर के पुतलीघर की गली नंबर-3 स्थित उनके घर पर सन्नाटा पसरा है। यहां शैलजा की मां और भाई सुकरण कालिया रहते हैं। सुकरण वकील हैं और दिल्ली में रहते हैं। संस्कार के लिए आए थे और अब मां को लेकर लौट गए हैं। लौटने से पहले उन्होंने शैलजा पर खुलकर बातचीत की और आरोपी मेजर निखिल हांडा को फांसी की सजा दिए जाने की बात कही, ताकि बहन को इंसाफ मिल सके।
सुकरण ने कहा कि निखिल हांडा ने शैलजा के साथ अपने संबंधों को गलत रुप से पेश किया, जबकि उनकी बहन ऐसी नहीं थी। वह हंसमुख थी, सभी से प्यार से बोलती थी, जिसका गलत मतलब निकाला गया। हांडा ने उसकी सभी हदों को पार करते हुए उसकी हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि उनकी बहन के बारे में गलत प्रचार किया जा रहा है। हो सकता है कि हांडा को एक तरफा प्यार हो, लेकिन शैलजा अपने पति और बच्चे के साथ खुश थी। साल में तीन से चार बार उनकी भी अपनी बहन और जीजा से मुलाकात हो जाती थी।
सुकरण ने कहा कि एक सनकी फौजी ने उनकी दुनिया उजाड़ दी। इसलिए उसको फांसी की सजा होनी चाहिए, ताकि दूसरों को सबक मिल सके। सुकरण ने बताया कि शैलजा के पति मेजर अमित द्विवेदी का ट्रांसफर कुछ समय पहले अमृतसर हो गया था। अमित द्विवेदी को कुछ दिन पहले ही अमृतसर स्टेशन पर पोस्टिंग के आदेश हुए थे। दो महीने की ट्रेनिंग के बाद अमित और शैलजा यहीं आकर रहने वाले थे। शैलजा को अमृतसर लौटना था कि उससे पहले परिवार को सूचना मिली कि शैलजा की हत्या हो गई है।
सुकरण ने बताया कि शैलजा कुछ समय मेरे और मां के साथ बिताना चाहती थी, लेकिन उसकी यह ख्वाहिश पूरी न हो सकी। शैलजा ने जीएनडीयू में बतौर लेक्चरार कैरियर की शुरूआत की थी, पर 2009 में शादी के बाद नौकरी छोड़ दी थी। पिछले साल मिसेज इंडिया अर्थ प्रतियोगिता में शामिल होकर शैलजा ने देश की 48 युवतियों में जगह बना ली। इसके लिए शैलजा ने पुणे के ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से मॉडलिंग और पर्सनेलिटी डेवलपमेंट की ट्रेनिंग भी ली थी।