एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी बनकर लोगों को पूछताछ के नाम पर अगवा करने के बाद उनके परिजनों से फिरौती मांगने वाले गिरोह का पर्दाफाश पुलिस ने किया है। आरोपी पहले किसी भी व्यक्ति को उनके ऊपर दर्ज झूठी एफआईआर दिखाते थे और फिर उनको पूछताछ के बहाने अपने साथ उठाकर ले जाते थे। इसके बाद उनके परिवारों को मारने की धमकी देकर लाखों रुपये की फिरौती मांगते थे। पंजाब की मोहाली पुलिस ने इस गिरोह के छह शातिरों को हथियारों समेत गिरफ्तार किया है।
आरोपियों में बीएसएफ से ऑपरेटर पद से रिटायर्ड एक नायक भी शामिल है। सभी शातिर 8वीं से बीएससी तक पढ़ें हैं। इन शातिरों से वारदात में इस्तेमाल चार कार, लैपटॉप और पुलिस की वर्दी के साथ अन्य सामान भी बरामद हुआ है। आरोपियों की पहचान डोमिनक सहोता निवासी गुरदासपुर, अमनदीप सिंह दियोल फरीदकोट, योद्धवीर सिंह, मुख्तयार सिंह उर्फ पीटर सहोता, राजवीर सिंह और गोबिंद सिंह के रूप में हुई है। यह जानकारी मटौर थाने में प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी सिटी हरविंदर सिंह विर्क ने दी है।
जानकारी के मुताबिक इस मामले में 15 जनवरी को फेज-1 स्थित सनम गर्ग के परिजनों की ओर से पुलिस को शिकायत दी गई थी। इसमें उन्होंने बताया था कि जिस दौरान वह अपनी दुकान पर था तो कुछ लोग उसकी दुकान पर पहुंचे और उनके खिलाफ एक एफआईआर दिखाकर उन्हें अगवा कर अपने साथ ले गए थे। इसके बाद उनके परिवार को फोन कर फिरौती मांगी। जब पारिवारिक सदस्य जिला अदालत के बाहर फिरौती देने गए तो आरोपी वहां से फरार हो गए थे।
सनम गर्ग ने उनकी गाड़ी से कूदकर जान बचाई थी। इसके बाद पुलिस को मामले की शिकायत दी थी।इसके बाद पुलिस ने टीमें बनाई और जिस जगह अदालत के बाहर फिरौती देने को कहा था वहां का मोबाइल डंप लिया। इसमें एक आरोपी का फोन नंबर पुलिस के हाथ लग गया। पुलिस ने इन्हें पकड़ने की योजना बनाई। इसके बाद पहले अमनदीप सिंह को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया। उसके पास से वारदात में इस्तेमाल की गई स्कार्पियों और हथियार बरामद किए। इसके बाद डोमिनक सहोता को दो गाड़ियों और फर्जी एफआईआर लिखने के लिए इस्तेमाल किया गया लैपटॉप और फर्जी आईकार्ड समेत पकड़ा।
इनसे पूछताछ पर अन्य चार शातिर गुरदासपुर और अमृतसर से पकड़े गए हैं। इनकी निशानदेही पर काफी मात्रा में सामान बरामद किया गया। यह सभी शातिर पुलिस अधिकारियों की एक टीम की तरह जाते थे और साथ में सुरक्षाकर्मी बनाकर ले जाते थे। गिरफ्तार सभी शातिरों ने दो टीमें बनाई थी। इन्हें टीम-ए और बी का नाम दिया गया था। इनमें एक टीम पुलिस के आला अधिकारियों की और दूसरी टीम सुरक्षा एजेंसियों की बनाई थी। इन्होंने जसप्रीत सिंह और दारा सिंह नाम के दो लोगों से भी ढाई लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। इसके अलावा लोगों को विदेश भेजने और नौकरी लगवाने के नाम पर भी ठगते थे। हालांकि आरोपियों के कुछ साथी जिनमें हरदीप सिंह और शमशेर सिंह थाना हरीका जिला तरनतारन को गिरफ्तार करना बाकी है।