लोगों की आंखें उस समय फटी की फटी रही गई, जब जिसके मर्डर का केस दर्ज करा चुके थे, वो अचानक सामने आकर खड़ा हो गया। मामला हरियाणा के भिवानी का है। चरखी दादरी जिले के गांव हंसावास से तीन दिन पहले लापता हुए 40 वर्षीय युवक की हत्या कर शव को खुर्द-बुर्द किए जाने का मामला बहल (भिवानी) पुलिस ने दर्ज किया, लेकिन एफआईआर दर्ज होने के करीब सात घंटे बाद युवक घर पहुंचा तो सब हक्के-बक्के रह गए।
बहल पुलिस अब एफआईआर रद्द करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। मामले की जांच किए बिना, केवल परिजनों के बयान पर मामला दर्ज करने के बाद पुलिस की किरकिरी हो रही है। गांव हंसावास कलां निवासी विनोद देवी ने बताया कि उसका पति संजय भवन निर्माण के ठेके लेने का काम करता है। 30 मार्च की सुबह वह हिसार जाने की बात कहकर घर से निकाला, लेकिन दिन देर रात तक वापस नहीं आया। 30 मार्च को ही रात करीब साढ़े दस बजे मैंने अपने पति को फोन किया तो उन्होंने बताया कि गांव ओबरा में हूं।
मुझे पांच-छह व्यक्ति पीट रहे हैं। मेरी बाइक की चाबी छीन ली है। इसी दौरान एक व्यक्ति ने फोन पर बताया कि वह कुलदीप बुढ़ेडा बोल रहा है। इस आदमी को कुछ व्यक्ति पीट रहे हैं। विनोद देवी ने बताया कि कुलदीप ने कहा कि अब रात हो गई है, इसे आप अपने घर ले जाओ और सुबह हमारे पास छोड़ जाना। इसके बाद संजय का फोन बंद हो गया। पत्नी विनोद व संजय का छोटा भाई संदीप तीन दिन तक उसका इंतजार करने के बाद 2 अप्रैल की शाम बहल थाना पुलिस के पास पहुंचे और पूरी कहानी पुलिस को बताई।
संजय की पत्नी ने बताया कि उसके पति के पास एक लाख 80 हजार रुपये की नकदी, क्रेडिट कार्ड व अन्य कागजात व बाइक साथ थी। संजय के भाई ने अंदेशा जताया कि उसके भाई की हत्या कर दी गई है और लाश को ठिकाने लगाने के लिए खुर्द-बुर्द कर दिया है। बहल पुलिस ने संदीप के बयान पर बिना कोई पूछताछ या जांच किए ही आनन-फानन में रात को ही हत्या व शव खुर्द-बुर्द करने का केस दर्ज कर लिया।