देखिए, सजा-ए-मौत मिलते ही कैसे थे दोषियों-परिजनों के चेहरे?
रोहतक कोर्ट में सामूहिक दुष्कर्म और मर्डर के सातों आरोपियों के चेहरे पहले सामान्य थे। फैसला आते ही दोषियों के चेहरे सफेद पड़ गए, परिजन रो पड़े। देखिए, तस्वीरें।
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जैसे ही दोषियों को कोर्ट परिसर में पुलिस वैन से लाया गया। तब अंदर दो दोषी शून्य को ताक रहे थे, जबकि तीन की निगाहें नीचे थीं। दो के चेहरों पर कोई भाव नहीं था। बहस के बाद फैसला लंच के बाद तक के लिए टाला गया। सातों दोषियों को वापस बैरक में लाया जा रहा था।
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तब सुनील माढा के चेहरे पर हल्की मुस्कान तैर कर गायब हो गई। सामने उसका भाई खड़ा उसे हसरत से देख रहा था। लंच के बाद जब फैसला सुनने के लिए दोषियों को बैरक से कोर्ट रूम में पुलिस ले जा रही थी, सभी की आंखों में खौफ था। एक दोषी के पैर कांप रहे थे, लेकिन पुलिसकर्मी उसे खींचकर ले गए।
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एक दोषी के कदम डगमगाए और वह गिरने को ही हुआ था कि पुलिसकर्मी ने उसे सहारा दिया। जब फैसला सुनने के बाद दोषियों को बाहर लाया गया। सभी के चेहरे ठोस हो चुके थे, चेहरे के भाव मर चुके थे। हालांकि परिजन अपने आंसू नहीं रोक पाए। पवन का भाई विकास बेतहाशा रोए जा रहा था। वह किसी से बात भी नहीं कर रहा था।
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जब उससे उसका नाम पूछा उसने विकास बताया और मुंह फेर लिया। उससे फिर पूछा किसके परिजन हो, दायां हाथ उठाकर बोला पवन का भाई हूं। फैसले के बारे में जब पूछा तो आंखों में आंसू भर कर दूसरी ओर चल दिया। सुनील उर्फ माढा के भाई सुरेश सहित कुछ दोषियों के परिजनों ने फैसलों को एकतरफा बता दिया।