दुनिया के सबसे ऊंचे 210 फुट के रावण का वध हुआ तो पूरा ग्राउंड जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। तस्वीरों में देखिए, कैसे हुआ दहन?
यह पुतला हरियाणा में अंबाला जिले के बराड़ा में बनाया गया था। एमएम यूनिवर्सीटी के चेयरमैन तरसेम गर्ग ने रिमोट से बटन दबा कर रावण के सिर व धड़ को अग्नि को भेंट किया। दहन होने से पहले आतिशबाजी की गई, जिसमें एक के बाद एक अनार, पटाखा व सतरंगी फुलझड़ियां जलाई गईं। ऐसा लग रहा था, माने आसामान सतरंगी हो गया और इन्द्रदेव का इन्द्र धनुष साक्षात नजर आ गया।
वहीं, 210 फुट ऊंचे इस रावण को देखने के लिए सवेरे से ही लोगों का तांता लगा रहा। पुतले को देखने के लिए बिहार, दिल्ली, जयपुर, चंडीगढ़ तक से लोग पहुंचे। बहुत से लोगों ने पुतले के साथ सेल्फी क्लिक की। दशहरे के इस पावन अवसर पर ग्राउंड में मेला भी लगता है, जिसमें विभिन्न प्रकार की दुकानें लगती है। बच्चों के लिए झूलों का विशेष प्रबंध होता है।
अपनी ऊंचाई के कारण रावण का यह पुतला पांच बार लिम्का बुक में नाम रिकॉर्ड करा चुका है। श्रीरामलीला कमेटी के फाउंडर अध्यक्ष तेजेन्द्र चौहान अपने ही खर्चे पर रावण का पुतला बनाते आए हैं, जिसमें लगभग 25 लाख रुपए का खर्च आता है। इसे बनाने के लिए 30 से 40 कलाकार तेजेन्द्र चौहान के साथ शिफ्टों में काम करते हैं, जिन्हें चौहान खुद पैसे देते हैं।
तेजेन्द्र चौहान ने बताया कि इस पुतले का निर्माण कार्य अप्रैल में ही शुरू कर दिया गया था, साथ ही इसमें लाखों रुपए की आतिशबाजी भी लगाई गई। उन्होंने बताया कि इस बार पुतले का वजन काम करने के लिए कई प्रयोग किए गए। इस बार पुतले में इको फ्रेंडली आतिशबाजी का प्रयोग किया गया, जो सबसे कम प्रदूषण फैलाती है, जिसे शिवाकाशी से मंगवाया गया था।