महेंद्र सिंह धोनी की गिनती आज दुनिया के सबसे महान कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में होती है। 13 साल लंबे क्रिकेटिंग करियर में धोनी ने बतौर खिलाड़ी और कप्तान कई नए कीर्तिमान खड़े किए हैं। ऐसे में धोनी के महान खिलाड़ी बनने के पीछे की एक कहानी नजफगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग ने साझा की है।
सहवाग बोले- धोनी के महान बनने के पीछे फैब फोर के एक खिलाड़ी का त्याग
सहवाग ने बताया कि साल 2004 में धोनी ने सौरव गांगुली की कप्तानी में डेब्यू किया था। तब धोनी निचले क्रम पर बल्लेबाजी करते थे लेकिन सौरव ने अपने बल्लेबाजी क्रम को छोड़कर धोनी को तीन नंबर पर बल्लेबाजी करने का मौका दिया जहां धोनी ने जयपुर में श्रीलंका के खिलाफ 183 और विशाखापट्टनम में पाकिस्तान के खिलाफ 148 रन की पारी खेली थी। इस क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए धोनी ने दुनियाभर में नाम कमाया। सहवाह ने इस बात का खुलासा क्रिकेट की बात कार्यक्रम में किया। सहवाग ने कहा यदि सौरव ये त्याग नहीं करते तो धोनी महान क्रिकेटर नहीं बन पाते। इसके बाद सहवाग ने कहा धोनी एक फिनिशर के रूप में द्रविड़ की कप्तानी के दौरान उभरे।
सहवाग बोले- धोनी के महान बनने के पीछे फैब फोर के एक खिलाड़ी का त्याग
सहवाग ने बताया, उस वक्त हम बल्लेबाजी क्रम में बहुत से प्रयोग कर रहे थे। हमने निर्णय़ लिया था कि यदि हमें अच्छी ओपनिंग पार्टनरशिप मिलेगी तो सौरव नंबर तीन पर बल्लेबाजी करेंगे। लेकिन हमें अच्छी शुरुआत नहीं मिली तो हमने इरफान पठान और एमएस धोनी जैसे पिंच हिटर्स को ऊपर भेजने का निर्णय लिया जिससे की रन गति में तेजी लाई जा सके।
सहवाग बोले- धोनी के महान बनने के पीछे फैब फोर के एक खिलाड़ी का त्याग
ऐसे में गांगुली ने धोनी को तीन-चार मैचों में नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने का मौका दिया। सहवाग ने कहा दुनिया में बहुत कम ऐसे कप्तान होते हैं जो अपना बल्लेबाजी होते हैं अपना बैटिंग ऑर्डर दूसरे के लिए छोड़ दें। सहवाग ने कहा, सौरव ने पहले मेरे लिए ओपनिंग छोड़ी इसके बाद नंबर तीन की जगह भी उन्होंने धोनी के लिए छोड़ दी। अगर दादा ऐसा नहीं करते तो धोनी महान खिलाड़ी नहीं बन पाते। गांगुली हमेशा नए खिलाड़ियों को मौका देने की बात कहते थे।
सहवाग बोले- धोनी के महान बनने के पीछे फैब फोर के एक खिलाड़ी का त्याग
सहवाग ने आगे कहा, राहुल द्रवि़ड़ की कप्तानी में धोनी को फिनिशर की भूमिका मिली। उस दौरान धोनी कई बार खराब शॉट खेलकर पवेलियन लौटे थे। ऐसे में एक बार राहुल ने इस बारे में धोनी से बातचीत की। इस घटना के बाद धोनी ने अपने खेल का तरीका ही पूरी तरह बदल लिया और एक बेहतरीन फिनिशर बनकर उभरे। धोनी और युवराज के बीच जो साझेदारियां हुईं वो बेहद यादगार हैं