उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने फर्जी दस्तावेज, प्रवेश परीक्षा में नकल, हरिद्वार में मुकदमा और दो साल तक निष्कासन के बावजूद पुलकित को तय कोर्स अवधि में बीएएमएस की डिग्री दे दी। अब अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी के तौर पर नाम उछलने पर उसकी डिग्री पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि प्रभारी कुलसचिव का कहना है कि वह पास जरूर हुआ है लेकिन उसे डिग्री अवॉर्ड नहीं की गई है।
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पुलकित आर्य ने वर्ष 2013 की यूएपीएमटी प्रवेश परीक्षा में टॉप किया था। उसे ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज हरिद्वार में दाखिला मिला था। वर्ष 2014 में यूएपीएमटी में कई मुन्नाभाई पकड़े गए। पूछताछ में उन्होंने पहले भी दूसरे छात्रों की जगह शामिल होने की बात स्वीकारी। इस पर विवि ने 2012 से 2015 तक प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों की जांच कराई।
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इसमें कुल 52 छात्र ऐसे मिले जिन्होंने दूसरे छात्रों से परीक्षा दिलाकर यूएपीएमटी पास की थी। इनमें 2013-14 बैच के 29 और 2014-15 बैच के 23 छात्र थे। विवि ने इन सभी को निलंबित कर दिया। इस मामले में हरिद्वार कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज हुआ। निलंबन के खिलाफ छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने उनका पक्ष दोबारा सुनने को कहा, जिसके बाद आयुर्वेद विवि ने छात्रों का निलंबन बरकरार रखा।
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