PIX: बाघ ने ली बच्चे की जान तो हथिनी ने मचाया कोहराम
कोटद्वार के लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज के अंतर्गत गूलरझाला बीट में सोमवार की शाम बाघ ने हाथी के बच्चे पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद हाथियों के झुंड ने बाघ का पीछाकर उसे दूर तक दौड़ाया। बच्चे की मौत से गुस्साई हथिनी ने चिंघाड़ कर आसमान सिर पर उठा लिया।
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मौके पर पहुंचे वनकर्मियों और ग्रामीणों को भी हथिनी ने दूर तक दौड़ाया। वन कर्मियों को शिशु हाथी का शव कब्जे में लेने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। हथिनी कई घंटे बाद तक बच्चे के शव के पास खड़ी रही। मंगलवार सुबह वन कर्मियों ने शव को कब्जे में लिया और उसका पोस्टमार्टम कराकर दफना दिया।
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कोटद्वार रेंज के अंतर्गत तेलीस्रोत के पास सिगड्डी कंपार्टमेंट संख्या 18बी के जंगल में हाथी के झुंड के साथ एक बच्चा भी चल रहा था। इस बीच पीछे से आए बाघ ने करीब एक माह के हाथी के बच्चे पर हमला कर दिया। उसने बच्चे पर नाखून और दांत से कई वार कर दिए। गंभीर रूप से घायल होने से वह चलने में असमर्थ हो गया। बच्चे को घायल अवस्था में देख हथिनी गुस्से में आ गई और उसके साथ अन्य हाथी भी बाघ के पीछे दौड़ पड़े।
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जंगल से घासपत्ती लेकर आते लोगों ने हाथी के बच्चे को घायल अवस्था में देखा तो इसकी सूचना वन कर्मियों को दी। रेंज अधिकारी एसपी कंडवाल ने बताया कि शिशु हाथी करीब एक माह का था। शरीर पर गहरे जख्म होने से देर रात उसकी मौत हो गई। हाथी के बच्चे के मरने की खबर फैलने पर उसे देखने के लिए जंगल में भीड़ जमा हो गई।
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हाथी के झुंड ने ग्रामीणों और वन कर्मियों को दूर तक दौड़ा दिया। हथिनी के दूर हटने पर वन कर्मियों ने शिशु हाथी के शव को कब्जे में लिया तो झाड़ी की आड़ में खड़ी हथिनी ने उन्हें भी दौड़ा दिया। इससे मौके पर अफरातफरी मच गई। लोगों ने आनन-फानन में जंगल के बाहर दौड़ लगाकर जान बचाई। काफी समय बाद जब हथिनी जंगल की ओर चली गई, तब जाकर वन कर्मियों ने हाथी के बच्चे को उठाया।