हरिद्वार में लालढांग से पौड़ी जा रही बरात की बस दुर्घटना में मारे गए कई ग्रामीणों के शवों का बृहस्पतिवार को चंडीघाट स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। जबकि एक बच्चे को दफनाया और एक ग्रामीण के शव को भूसमाधि दी गई। 13 शव लालढांग, रसूलपुर और गाजीवाली उनके गांव लाए गए।
पीड़ादायक: हर जुबां पर...हे राम ! ये क्या हो गया, बिना दुल्हन के गांव लौटा दूल्हा, हर तरफ चीख-पुकार और चीत्कार
शवों के पहुंचते ही चीख पुकार से गांवों में कोहराम मच गया। अंतिम संस्कार में ग्रामीणों का सैलाब उमड़ा। हर किसी ने नम आंखों ने मृतकों को अंतिम विदाई दी। हरिद्वार से भी कई लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
बिना दुल्हन के लौटा दूल्हा: नहीं टूट रही खामोशी, गांव पहुंचे चार शव, हर तरफ चीख-पुकार, लाशें देख बेसुध परिवार
लालढांग के संदीप की बरात चार अक्तूबर को पौड़ी जिले के कांडा मल्ला गांव के लिए निकली थी। बस में 52 लोग सवार थे। इनमें लालढांग, रसूलपुर, गाजीवाली गांवों के अलावा दूल्हे संदीप के नाते-रिश्तेदार अलग-अलग गांवों के थे।
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