शाहदरा जिले के साइबर थाना पुलिस ने विदेशी नागरिकों को सेक्स सर्विस देने के नाम पर ठगी करने वाले एक फर्जी कॉल सेंटर का शनिवार को पर्दाफाश किया है। आरोपी गैंग विदेशी मॉडल्स की फर्जी अश्लील प्रोफाइल बनाकर विदेशी नागरिकों को अपने जाल में फंसाते थे। अलग-अलग सेक्स सर्विस देने के नाम पर विदेशियों से ऑनलाइन 50 से 500 डॉलर या यूरो अपने खातों में डलवा लिये जाते थे। पुलिस ने इस संबंध में गैंग सरगना समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान कॉल सेंटर मालिक व सरगना रवि शेखर (39) व इसके तीन साथी कृष्ण कुमार (29), तरुण (26) और सत्यम तोमर (21) के रूप में हुई है आरोपियों ने मॉडल्स की यौन सेवा देने के नाम पर एस्कॉर्ट नामक वेबसाइट पर विदेशी मॉडल्स की फर्जी प्रोफाइल बनाई हुई थी। यहां मॉडल्स की एडिट की हुई फोटो व वीडियो अपलोड की जा रही थी। पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।
शाहदरा जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 19 सितंबर को जिले के साइबर थाना पुलिस को मुखबिरों से सूचना मिली थी कि सीमापुरी थाना क्षेत्र के दिलशाद गार्डन स्थित मृगनयनी चौक पर एक फर्जी कॉल सेंटर चल रहा है। फौरन एक टीम का गठन किया गया। बताए गए पते पर एक मकान की चौथी मंजिल पर छापेमारी की गई। यहां से विदेशी नागरिकों को सेक्स सर्विस देने के नाम पर ठगा जा रहा था।
पुलिस ने मौके से कुछ कंप्यूटर, वाई-फाई राउटर, नौ हार्डडिस्क व अन्य सामान बरामद किया। यहां तीन कंप्यूटरों पर पॉर्न वेबसाइट खुली थी। आरोपी कंप्यूटर के माध्यम से विदेशी मॉडल्स का पोर्न कंटेंट अपलोड कर रहे थे। इसके अलावा एडमिन पेज खोलकर उस पर काम किया जा रहा था। पकड़े जाने के बाद आरोपी रवि ने बताया कि वह विदेश में बैठे लोगों को उनके घर के आस-पास मॉडल्स की सेक्स सर्विस देने का झांसा देते थे। जो भी उनके जाल में फंसता था। उससे एडवांस पेमेंट के नाम पर आरोपी 50 से 500 यूरो या डॉलर ऐंठ लिया करता थे।
छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि यह लोग पिछले करीब चार माह से कई देश के लोगों को चूना लगा रहे थे, लेकिन इनके निशाने आस्ट्रेलिया के नागरिक अधिक थे। भारत में पुलिस के डर से इन लोगों ने विदेशियों को ठगना शुरू किया। रवि विवेक विहार का रहने वाला है जबकि तरुण उत्तराखंड के उधमसिंह नगर का रहने वाला है।
बाकी दोनों आरोपी भी दिल्ली के अलग-अलग स्थानों के रहने वाले हैं। पुलिस पकड़े गए आरोपियों के बैंक खातों की जांच कर इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इन लोगों ने कितने लोगों से कितनी रकम ठगी।