मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना...। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में जब आग लगी हुई थी तो उस समय भी भागीरथी विहार के रहने वाले लोगों ने अपनी इंसानियत के धर्म को मिटने नहीं दिया। ऐसे नाजुक वक्त में लोगों ने अपनी गंगा-जमुनी तहजीब को जिंदा रखते हुए एक-दूसरे के धार्मिक स्थल की न सिर्फ रक्षा की बल्कि वहां आसपास रहने वाले दूसरे धर्म के लोगों की हिफाजत भी की।
भागीरथी विहार की गली नंबर-11 में मौजूद शिव शक्ति मंदिर पर जब उपद्रवियों ने हमला करने का प्रयास किया तो वहां रहने वाले मुस्लिम भाई पहुंच गए। इसी तरह गली नंबर-10 में मौजूद मोहम्मदी मस्जिद की रक्षा वहां रहने वाले हिंदू भाइयों ने की। यहां के लोग एक-दूसरे के गले लगकर पूरे देश को भाईचारे की मिसाल पेश कर रहे हैं।
भागीरथी विहार निवासी हाजी शाहिद ने बताया कि मंगलवार दोपहर को अचानक करीब 100-150 युवक उनके मोहल्ले में घुस गए। ये लोग एक समुदाय विशेष को निशाना बनाने का प्रयास कर रहे थे। मोहल्ले वालों ने इन्हें खदेड़ा तो वे अगली गली में मौजूद शिव शक्ति हनुमान मंदिर के पास पहुंच गए। सारा मोहल्ला वहां पहुंचा और उपद्रवियों को वहां से खदेड़ दिया। यहां दोनों ही समुदाय के लोगों ने कंधे से कंधा मिलाकर मंदिर की रक्षा की। दूसरी ओर शाम के समय एक एक दूसरी भीड़ यहां घुसी तो मस्जिद को निशाना बनाने का प्रयास किया। रवि ने बताया कि तब भी यहां के लोग मस्जिद को बचाने के लिए एक-साथ खड़े हो गए।
रवि ने भर्राए हुए गले से बताया कि बचपन से वह दोनों समुदायों के साथ रहते आए हैं। होली होती है तो मेरे दोस्त जमीर, शकील, अशरफ उनके घर होली खेलने आते हैं। किशन बताता है कि कितनी ही बार उसने ईद की नमाज अपने मुस्लिम दोस्तों के साथ मस्जिद में अदा की। किशन बताता है कि हम बचपन में एक साथ स्कूल गए, बड़े हुए। देर रात को एक साथ घूमते भी हैं, ऐसे में हम एक-दूसरे से अलग रहने और हमला करने के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं।
नूरा खान भी ऐसा ही बताते हैं। उनका कहना है कि कई बार में अपने दोस्त किशन के साथ उसके घर पर ही रुक गया है। मोहल्ले के लोगों ने एक साथ कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, लेकिन वह एक-दूसरे से अलग नहीं होंगे। दोनों ही समुदाय के लोगों ने बताया वह लोग पूरी रात जागकर एक-दूसरे की रक्षा कर रहे हैं।