कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के असामयिक निधन से शहर के मर्मांहत हैं। खास तौर थियेटर, कविता से जुड़े लोग। ऐसे लोग जो कभी राजू श्रीवास्तव से मिले थे, उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते थे। उनके जीवन के लिए प्रार्थनारत थे। वे सब मर्माहत है, दुख से भरे हैं। एक कॉमेडियन के तौर राजू श्रीवास्तव के हास्य से लोट पोट होने वाला हर प्रशंसक दुखी है। राजू श्रीवास्तव की मित्र गुरुग्राम के अशोक विहार फेज 3 में रहने वाली ज्योतिषाचार्य वास्तुविद अलका शर्मा कहती हैं कि पिछली होली हमारे परिवार ने राजू के साथ मनाई थी। हम 25 वर्षों से जुड़े हुए थे। मैंने कई शो उनके साथ किए। वे जब संजीदा भी रहते थे तब भी उनमें एक कॉमेडी रहती थी। वो ऐसा शख्स थे जो पत्थर से भी कॉमेडी निकाल लें। 2 महीने पहले ही हमारी बात हुई थी कि हम सब नोएडा में एक पार्टी करेंगे। राजू श्रीवास्तव शराब, सिगरेट जैसी चीजों को छूते भी नहीं थे। कैसे यह सब हो गया, बहुत ही दुखद है।
कॉमेडी जगत के लिए यह बहुत बड़ा नुकसान है। मैंने तो अपना प्यारा दोस्त खो दिया है। कई हास्य व्यंग्य शो, वाह वाह क्या बात है और इंडियाज लाफ्टर चैंपियन में सेमीफाइनल तक पहुंचे गुड़गांव के निवासी हास्य कवि सुंदर कटारिया कहते हैं कि राजू श्रीवास्तव वो शख्स थे जो हास्य के शिखर पर पहुंच कर भी जमीन से जुड़े हुए और बहुत विनम्र थे।
मैं उनसे कई बार मिला हूं। वे इतनी ऊंचाई पर थे बावजूद इसके कहते थे कि मुंबई आते हो तो मेरे घर रुका करो। मैंने एक बार पूछा कि आप इतने विनम्र और जमीन से जुड़े हुए हैं तो उन्होंने कहा था कि संघर्ष से यहां तक पहुंचा हूं।
हंसा वहीं सकता है जिसने जीवन का संघर्ष देखा हो और विनम्रता भी इसी की निशानी है। देसी हास्य को घर-घर तक पहुंचाने वाले महान कलाकार को सादर नमन करता हूं। बहुत दुखी हूं, भगवान के घर भी अच्छे लोगों की ही खोज है।
कवयित्री वीणा अग्रवाल कहती हैं कि बहुत ही दुखद है राजू श्रीवास्तव का जाना है। उनका हास्य हमसब के दिलों में रहेंगे। उनका सहज हास्य बिल्कुल बनावटी नहीं लगता है। उनकी हर बात में हंसी फूटती थी।