खत्म होते कानूनी विकल्प और पास आती फांसी की तारीख निर्भया के दोषियों की धड़कनें हर रोज बढ़ा रही है। मौत का खौफ किस तरह निर्भया के दरिंदों पर हावी है ये उनके व्यवहार से ही झलक रहा है। जिस दिन से दोषियों का तीसरा डेथ वारंट जारी हुआ है उस दिन से ही उनकी बेचैनी बढ़ गई है। कोई अपने को फांसी से बचाने के लिए खुद को ही चोट पहुंचा रहा तो किसी ने खाना ही छोड़ दिया। जानिए इन दिनों कैसे जेल में समय काट रहे निर्भया के चारों दोषी विनय, अक्षय, मुकेश और पवन....
तिहाड़ से खबर है कि 16 फरवरी के दिन विनय ने अपना सिर अपने सेल की बैरक पर मारकर खुद को घायल कर लिया था। वह मौत के खौफ से इतना बेचैन है कि खुद को घायल कर लिया। हालांकि ये देखते ही सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत अंदर जाकर उसे रोका और जेल के अंदर मौजूद स्वास्थ्य केंद्र में उसका उपचार कराया। जेल अधिकारियों ने बताया कि उसे ज्यादा चोट नहीं लगी थी।
दोषियों के वकील एपी सिंह ने एक सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि विनय शर्मा जेल में भूख हड़ताल पर था। फांसी की चिंता में उसने खाना ही छोड़ दिया था। जिसकी वजह से उसका वजन भी कम हो गया है।
दोषियों की बेचैनी बढ़ी
जेल सूत्रों का कहना है कि एक बार फिर डेथ वारंट जारी होने के बाद दोषियों की बेचैनी बढ़ गई है। अधिकारियों के मुताबिक, दोषियों ने यह मान लिया है कि उन्हें फांसी जरूर होगी।
ऐसे में वह अपने सेल में ही चुपचाप बैठे रहते हैं, लेकिन विनय अपने सेल में चहलकदमी करता रहता है। जेल प्रशासन की ओर से दोषियों पर पैनी निगाह रखी जा रही है। साथ ही सीसीटीवी कैमरे में उनकी हर हरकत को गौर से देखा जा रहा है।