यूपीएससी 2017 के 5वें टॉपर प्रथम कौशिक ने खुद अपनी कामयाबी का राज खोला और बताया कि आखिर उन्होंने ये इतिहास कैसे रचा।
हर बच्चे में एक टेलेंट होता है। अगर वो अपने टेलेंट को पहचान कर मेहनत करें तो उसे सफलता अवश्य मिलती है। यह कहना है आईएएस प्रथम कौशिक का। महेंद्रगढ़ की फ्रेड्स कॉलोनी निवासी प्रथम कौशिक ने शुक्रवार को घोषित आईएएस के फाइल परीणाम में देशभर में पांचवां रैंक हासिल किया है। प्रथम ने यह सफलता अपने दूसरे प्रयास में प्राप्त की है।
प्रथम ने बताया कि घर में सभी का सपना था कि वो आईएएस बने तो मैंने ये सपना साकार करने की ठानी और पूरा भी किया। कैडर के लिए उनकी पहली प्राथमिकता हरियाणा तथा दूसरी मध्यप्रदेश रहेगी। वो हरियाणा में रहकर ही देश सेवा करना चाहते हैं। प्रथम कौशिक आईएएस की परीक्षा में पांचवां रैंक प्राप्त करने वाले जिले के पहले आईएएस हैं।
प्रथम कौशिक के पिता नरेंद्र कौशिक कैथल जिले में उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उनकी मम्मी राजबाला गांव दौंगड़ा में भूगोल की लेक्चरर हैं। उनके पिता नरेंद्र कौशिक ने बताया कि प्रथम कौशिक बचपन से ही होनहार विद्यार्थी रहा है। दसवीं और बारहवीं की कक्षा में मैरिट सूची में नाम दर्ज करवा चुका है।
12वीं की पढ़ाई करने के बाद 2015 में पंजाब विश्वविद्याल चंडीगढ़ से बीटेक की परीक्षा की। बीटेक पास करने के तुरंत बाद उसने आईएएस की परीक्षा दी किंतु उसमें सफलता हासिल नहीं लग पाई। इसके बाद 2017 में आईएएस का प्री एक्जाम, अक्टूबर में मैनस तथा फरवरी में इंटरव्यू दिया। शिक्षामंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने फोन पर उनको बधाई दी है।