कुछ सालों पहले तक अरुनाभ कुमार को कोई जानता तक नहीं था और आज वह दुनिया भर में अपनी कामयाबी के किस्से सुना रहे हैं। वो कामयाबी जो उन्हें बहुत मेहनत और मशक्कत के बाद मिली है। आज अगर यूट्यूब चैनल 'दी वायरल फीवर' को युवा इतना पसंद करता है तो इसका पूरा श्रेय अरुनाभ को जाता है। 2010 में शुरू हुए इस चैनल के आज बीस लाख से ज्यादा सबस्क्राईबर्स हैं। इसकी पॉप्यूलैरिटी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि शाहरूख खान तक इनके फैन हैं और इनके वीडियोज में दिख चुके हैं।
कभी MTV ने किया था रिजेक्ट, आज यूट्यूब पर करते हैं राज
आईआईटी खड़गपुर से इंजिनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद भी अरुनाभ का दिल इंजिनियरिंग में नहीं लगा। और फिर मुंबई में नौकरी में मन नहीं लगा तो उन्होंने नौकरी छोड़ कुछ शॉर्ट फिल्में बनाई। दोस्तों ने सलाह दी तो उन्होंने असिसटेंट डाइरेक्टर के लिए नौकरी तलाशनी शुरु कर दी। आखिर में उन्हें गौरी खान की रेड चिलीज एंटरटेंमेंट में नौकरी मिली। ओम शांति ओम में उन्होंने फराह खान को असिस्ट किया।
कभी MTV ने किया था रिजेक्ट, आज यूट्यूब पर करते हैं राज
अरुनाभ मानते हैं कि उन्होंने फिल्मों के बारे में जो सीखा वह यहीं से सीखा। शाहरूख खान, फराह खान और रेड चिलीज एंटरटेंमेंट के टेक्नीशियन्स को वह अपने फिल्म स्कूल का गुरू मानते हैं। लेकिन फराह खान को असिस्ट करने के बावजूद उनका करियर ज्यादा रफ्तार न पकड़ सका।
कभी MTV ने किया था रिजेक्ट, आज यूट्यूब पर करते हैं राज
भारत में ऑनलाइन कंटेंट को शुरू करने वाले अरुनाभ की राह इतनी आसान नहीं थी। उन्हें शुरुआत में कई रिजेक्शन्स झेलने पड़े। जब अपना शो लेकर वो एमटीवी जैसे यूथ ओरिंटेटेड चैनल्स के पास गए तो सबने उनके कंसेप्ट को रिजेक्ट कर दिया। सभी चैनल्स का कहना था कि इंडियन ऑडियंस इस तरह के कंटेंट के लिए मैच्योर नहीं है।
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लेकिन अरुनाभ ने हार नहीं मानी और मेहनत करते रहे। वो सभी को यह दिखाना चाहते थे कि ऐसा कंटेंट भारतीय ऑडियंस को अपनी तरफ खींच सकता है। जब किसी चैनल ने उनके शो में दिलचस्पी नहीं दिखाई तो उन्होंने अपना कंटेट ऑनलाइन डालने की सोची। बस तभी से 'दी वायरल फीवर' की शुरुआत हो गई।