क्या आपको पता है बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने राजनीति में कदम रखा था? अभिनेता ने अभिनय की दुनिया से ब्रेक लेकर चुनाव लड़ा था। इतना ही नहीं शहंशाह ने भारी मतों से राजनीतिक दांव-पेंच के ज्ञाता हेमवती नंदन बहुगुणा को हरा भी दिया था। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ था जिसकी वजह से बिग बी को फिल्मों की दुनिया से निकलकर सियासी दंगल में अपना हाथ आजमाना पड़ा था। पढ़िए पूरा किस्सा...
यह बात साल 1984 की है। अमिताभ बच्चन ने अपने दोस्त राजीव गांधी के लिए फिल्मों से ब्रेक ले लिया था और रातनीति में कदम रखने का फैसला किया था। दरसअल, सात साल पहले उत्तर भारत से कांग्रेस का सफाया हो गया था, जिसके बाद राजीव गांधी ने अपनी पार्टी की साख बचाने के लिए बिग बी काे कांग्रेस की टिकट पर इलाहाबाद से चुनाव लड़ने के लिए तैयार किया। हालांकि, अमिताभ के लिए यह आसान नहीं था। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में अमिताभ बच्चन का मुकाबला हेमवती नंदन बहुगुणा से होने वाला था।
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इलाहाबाद हेमवती नंदन बहुगुणा का राजनीतिक गढ़ माना जाता था। यूं तो बहुगुणा अविभाजित उत्तर प्रदेश (तब उत्तराखंड राज्य का गठन नहीं हुआ था) के गढ़वाल इलाके के रहने वाले थे लेकिन उनकी शिक्षा-दीक्षा इलाहाबाद में ही हुई थी। बहुगुणा की पत्नी कमला बहुगुणा भी इलाहाबाद की थीं। हालांकि बहुगुणा लखनऊ और पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से भी सांसद रह चुके थे। लेकिन 1984 में वह इलाहाबाद से लोकदल के उम्मीदवार थे। पूरा विपक्ष उनके पीछे एकजुट था। जिसकी वजह से यह चुनाव एक तरफा नजर आ रहा था।
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लेकिन जब कांग्रेस ने अमिताभ बच्चन को चुनावी दंगल में उतारा तो यह मामला दिलचस्प हो गया। अमिताभ तब तक सुपर स्टार बन चुके थे। उनकी कई फिल्में हिट हो चुकी थीं और एंग्री यंग मैन का नौजवानों में बेहद क्रेज था। लेकिन बहुगुणा भी राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्होंने न जाने कितने लोगों की मदद की थी और कई तरह से उपकृत भी किया था। उन्हें चुनाव जीतने और प्रतिद्वंदी को हराने के सारे दांव-पेंच मालूम थे ।
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